बीमारियों का प्रकोप बढ़ने के साथ ही मेडिकल एक्सपेंसिस भी बेतहाशा गति से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाला खर्च देखते ही देखते सारी सेविंग्स को खत्म कर सकता है। इसलिए हर किसी व्यक्ति के पास हेल्थ इन्शुरन्स होना बहुत जरूरी हो गया है। इसके लिए आपके पास एक ऐसा हेल्थ इन्शुरन्स प्लान होना जरूरी है जो न सिर्फ आपकी मेडिकल इमरजेंसी में मदद करे, बल्कि वह पॉकेट फ्रेंडली भी हो, ताकि आपको प्रीमियम चुकाने में दिक्कत न हो। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी एक ऐसा ही हेल्थ इन्शुरन्स प्लान है, जो बुरे वक्त में आपको स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही पॉकेट फ्रेंडली भी है। इसके तहत प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन, हॉस्पिटल रूम रेंट, आईसीयू और नए जमाने के सभी इलाज कवर होते हैं। हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी करने वाली सभी कंपनियां आरोग्य संजीवनी पॉलिसी का लाभ अपने ग्राहकों को देती हैं। एक अच्छी बात यह भी है कि सभी कंपनियों की इस पॉलिसी के फीचर भी हू-ब-हू समान हैं। फर्क सिर्फ कंपनी की सेवाओं और नेटवर्क अस्पतालों का है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी आप अकेले व्यक्ति के लिए भी ले सकते हैं और चाहें तो फैमिली फ्लोटर के तौर पर भी इस पॉलिसी को ले सकते हैं।

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में क्या-क्या कवर होता है)

  1. आरोग्य संजीवनी पॉलिसी का महत्व - Significance of the Arogya Sanjeevani policy in Hindi?
  2. आरोग्य संजीवनी पॉलिसी क्यों खरीदें - Why should you buy the Arogya Sanjeevani Policy in Hindi?
  3. आरोग्य संजीवनी पॉलिसी में क्या-क्या कवर होता है - What’s covered under Arogya Sanjeevani Health Insurance Policy in Hindi?
  4. नए जमाने के कौन से उपचार कवर होते हैं - List of New-Age Treatments covered in Arogya Sanjeevani Policy in Hindi
  5. क्या कवर नहीं किया जाता है - What’s not covered under Arogya Sanjeevani Policy in Hindi?
  6. पॉलिसी के स्टैंडर्ड फीचर - Standard Feature of the Arogya Sanjeevani Health Insurance Policy in Hindi

अगर आप कई इन्शुरन्स कंपनियों के अलग-अलग हेल्थ प्लान देखकर कंफ्यूज हो जाते हैं तो यकीन मानिए आप अकेले नहीं हैं। इतनी सारी कंपनियों के अलग-अलग प्लान किसी को भी कंफ्यूज कर सकते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्वयं इन्शुरन्स रेग्युलेट्री एंड डेवलपमेंट एथॉरिटी ऑफ इंडिया  (आईआरडीएआई) ने आरोग्य संजीवनी पॉलिसी लॉन्च की। यह एक साधारण हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी है, जिसके तहत सभी हेल्थ इन्शुरन्स कंपनियां एक जैसे लाभ अपने ग्राहकों को देती हैं। अलग-अलग कंपनियों के आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के फीचर्स एक जैसे होने के बावजूद पॉलिसी खरीदने, क्लेम करने, कैशलेस नेटवर्क हॉस्पिटल की संख्या के मामले में यह अलग-अलग हो सकती है।

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में क्या कवर नहीं होता)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

बढ़ती महंगाई के बीच इलाज का भी खर्च बढ़ता जा रहा है। ऐसे में हर किसी के लिए एक हेल्थ इन्शुरन्स बेहद जरूरी हो गया है, ताकि आपकी सेविंग्स पर कोई असर न पड़े। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी एक ऐसी ही हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी है। हमारे देश में बीमारियां और स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाला खर्च लगातार बढ़ रहा है, इसलिए आपको आरोग्य संजीवनी पॉलिसी खरीदनी चाहिए।
आरोग्य संजीवनी पॉलिसी मौजूदा दौर में सबसे सस्ती हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसियों में से एक है। हालांकि, myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी भी बेहद कम प्रीमियम में अच्छा स्वास्थ्य कवर उपलब्ध कराती है। एक व्यक्ति के लिए 4200 रुपये से भी कम में आप myUpchar बीमा प्लस पॉलिसी खरीद सकते हैं। किसी भी व्यक्ति के पास आपनी फाइनेंशियल प्लानिंग और इंवेस्टमेंट को दुरुस्त रखने के लिए कम से कम एक बेसिक हेल्थ इन्शुरन्स की जरूरत तो है ही।

(और पढ़ें - सबसे सस्ता हेल्थ इन्शुरन्स प्लान)

अन्य हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसियों की तरह आरोग्य संजीवनी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी के अंतर्गत भी कई तरह की सेवाएं कवर होती हैं। इसमें नीचे कुछ के बारे में बताया जा रहा है -

  • अस्पताल के खर्चे - बेड चार्ज, नर्सिंग चार्ज, ब्लड टेस्ट, आईसीयू और डॉक्टर कंसल्टेशन फीस जैसी खर्चे हॉस्पिटलाइजेशन एक्सपेंसिस के अंतर्गत आते हैं और इन्हें पॉलिसी के तहत कवर किया जाता है। इस पॉलिसी के तहत आपकी पॉलिसी के बीमाधन (सम-इनश्योर्ड) का 2 फीसद या 5000 रुपये (जो भी कम हो) तक रूम रेंट के रूप में कवर किया जाता है। इसी तरह आईसीयू में भर्ती होने पर सम-इनश्योर्ड का 5 फीसद (अधिकतम 10000 रुपये) तक कवर किया जाता है। (और पढ़ें - रूम रेंट कैपिंग और नो रूम रेंट कैपिंग क्या है?)
  • प्री-हॉस्पिटलाइजेशन कवर - बीमारी के लक्षण दिखते ही आप सीधे अस्पताल में भर्ती नहीं हो जाते। इससे पहले डॉक्टर को दिखाना, उनकी लिखी दवाएं लेना और टेस्ट आदि भी कराने होते हैं। इसके बाद यदि डॉक्टर कहे तो आप अस्पताल में भर्ती होते हैं। ऐसे सभी खर्चों को आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के तहत कवर किया जाता है। इसकी शर्त सिर्फ यही है कि इसमें भर्ती होने से 30 दिन पहले तक के ही खर्चे कवर होते हैं।
  • पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन कवर - अस्पताल से छुट्टी होने के बाद भी कई तरह के खर्चे होते हैं, जिसमें डॉक्टर से कंसल्टेशन, टेस्ट आदि खर्चे आम हैं। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के तहत अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद अगले 60 दिन तक उसी बीमारी से जुड़े जो भी खर्चे आप करते हैं, उन्हें क्लेम किया जा सकता है।
  • मोतियाबिंद कवर - यदि आरोग्य संजीवनी पॉलिसी धारक को मोतियाबिंद हो जाता है तो वह इस पॉलिसी के तहत कैटरेक्ट ऑपरेशन करवा सकता है। इसके लिए आपको एक आंख के लिए साल में एक बार सम-इनश्योर्ड का 25 फीसद या अधिकतम 40 हजार रुपये का कवर मिलता है।
  • डे केयर ट्रीटमेंट - यदि आपको किसी ऐसे ट्रीटमेंट या सर्जरी की आवश्यकता है, जिसके लिए 24 घंटे अस्पताल में भर्ती न होना पड़े और कुछ ही घंटों में इलाज के बाद छुट्टी मिल जाए तो? घबराने की जरूरत नहीं है, आरोग्य संजीवनी पॉलिसी में ऐसे डे केयर ट्रीटमेंट के लिए भी कवर मिलता है।
  • आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, सिद्ध ट्रीटमेंट - अगर आप आयुष (आयुर्वेद, योग, युनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) पद्धति से इलाज करवाना चाहते हैं तो आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के तहत इस तरह के ट्रीटमेंट को भी कवर किया जाता है। भले आप अंग्रेजी इलाज करवाएं या आयुष के तहत, अगर आपके पास आरोग्य संजीवनी पॉलिसी हे तो चिंता की कोई बात नहीं।
  • डेंटल ट्रीटमेंट और प्लास्टिक सर्जरी - यदि किसी बीमारी या एक्सीडेंट के कारण आपको दांतों के इलाज या शरीर के किसी भी अंग में प्लास्टिक सर्जरी की आवश्यता पड़ती है तो आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के तहत आप इलाज करवा सकते हैं। हालांकि, ब्यूटी पर्पज से ऐसा करने पर क्लेम नहीं मिलेगा।
  • रोड एम्बुलेंस - आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के तहत प्रत्येक हॉस्पिटलाइजेशन के दौरान अधिकतम 2000 रुपये तक का रोड एम्बुलेंस कवरेज भी दिया जाता है।
  • अन्य बीमारियां जिनमें सम-इनश्योर्ड का 50 फीसद तक कवरेज मिलता है - 12 ऐसी बीमारियों की एक लिस्ट भी है, जिनके इलाज के लिए आपको सम-इनश्योर्ड का 50 फीसद तक क्लेम दिया जाता है। इसमें बैलून साइनोप्लास्टी, इम्यूनोथेरेपी और स्टेम सेल थेरेपी जैसे आधुनिक इलाज प्रक्रियाएं शामिल हैं।
  • क्युमुलेटिव बोनस - अगर आप किसी साल कोई भी क्लेम नहीं करते हैं तो यह भी आपके लिए फायदेमंद ही है। क्योंकि अगले वर्ष आपके सम-इनश्योर्ड को पांच फीसद बढ़ा दिया जाएगा।

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में हॉस्पिटल कैश क्या होता है)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

नीचे नए जमाने की कुछ इलाज प्रक्रियाएं बताई गई हैं, जिन्हें सम-इनश्योर्ड के 50 फीसद तक कवर किया जाता है -

  • यूटेरिन आर्टरी एम्बोलाइजेशन और एचआईएफयू (हाई इंटेसिटी फोकस्ड अल्ट्रासाउंड)
  • बैलून सिनुप्लास्टी
  • डीप ब्रेन स्टिमुलेशन
  • ओरल कीमोथेरेपी
  • इम्यूनोथेरेपी - इंजेक्शन के रूप में दी जाने वाली मोनोक्लोनल एंटीबॉडी
  • इंट्राविट्रियल इंजेक्शन
  • रोबोटिक सर्जरी
  • स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी
  • ब्रोन्कियल थर्मोप्लास्टी
  • वैपोराइजेशन ऑफ द प्रोस्टेट (ग्रीन लेजर ट्रीटमेंट या होल्मियम लेजर ट्रीटमेंट)
  • आईओएनएम : इंट्रा ऑपरेटिव न्यूरो मॉनिटरिंग
  • स्टेम सेल थेरेपी : हेमटोलॉजिकल स्थितियों को कवर करने के लिए अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण के लिए हेमटोपोइएटिक स्टेम सेल

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में कौन सी प्री-एग्जिस्टिंग डिजीज कवर होती हैं)

  • कोई भी हॉस्पिटलाइजेशन या प्री-हॉस्पटिलाइजेशन खर्च जो मेडिकल क्लेम से संबंधित न हो, उसे इस पॉलिसी के तहत कवर नहीं किया जाता है।
  • मोटापा या वजन नियंत्रित करने से संबंधित इलाज भी पॉलिसी के तहत कवर नहीं होता। अन्य बीमारी के कारण ऐसा करना जरूरी हो तो कवरेज मिल सकती है।
  • लिंग परिवर्तन से जुड़े इलाज को आरोग्य संजीवनी पॉलिसी में कवर नहीं किया जाता है।
  • कॉस्मेटिक और प्लास्टिक सर्जरी को पॉलिसी के तहत कवर नहीं किया जाता है।
  • आरोग्य संजीवनी पॉलिसी में मादक पदार्थों के सेवन के कारण उत्पन्न स्थिति को भी कवर नहीं किया जाता है।
  • डॉक्टर की सहमति के बिना या जरूरत न होने पर भी इलाज करवाने पर आपको क्लेम नहीं मिलेगा।
  • बांझपन और प्रजनन से संबंधित उपचार को आरोग्य संजीवनी पॉलिसी में कवर नहीं किया जाता है।
  • मैटरनिटी (मातृत्व) से संबंधित खर्चों को इस पॉलिसी के अंतर्गत कवर नहीं किया जाता है।
  • आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के तहत डॉमिसिलरी केयर के ओपीडी खर्चों को कवर नहीं किया जाता है।
  • एडवेंचर स्पोर्ट्स में भाग लेने के दौरान यदि कोई एक्सीडेंट होता है तो इस तरह की स्थिति को पॉलिसी के तहत कवर नहीं किया जाता।
  • खुद को चोट पहुंचाने या आत्महत्या जैसी कोशिश करने पर पॉलिसी के तहत क्लेम नहीं किया जा सकता।
  • यदि आप किसी युद्ध की स्थिति में फंस जाते हैं तो युद्ध के कारण आने वाला क्लेम कवर नहीं किया जाता है।
  • आर्मी, नेवी या एयरफोर्स के किसी ऑपरेशन में भाग लेने के कारण एक्सीडेंट होने पर क्लेम कवर नहीं होगा।
  • यौन और यौन संचारित रोगों के मामले में भी इस पॉलिसी के तहत क्लेम नहीं किया जा सकता।

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स प्लान से जुड़ी इन तारीखों को याद रखें)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

18 से 65 वर्ष तक की आयु का कोई भी व्यक्ति आरोग्य संजीवनी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी ले सकता है। इसके अलावा आप अपने पूरे जीवनकाल तक इसे रिन्यु कर सकते हैं। यह एक बेसिक, स्टैंडर्ड पॉलिसी है, जिसे स्वयं आईआरडीएआई ने डिजाइन किया है। इसलिए इसका प्रीमियम भी हेल्थ इन्शुरन्स कंपनियों के अन्य प्लान के मुकाबले सस्ता है।

  • वेटिंग पीरियड - जब भी आप कोई हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी खरीदते हैं तो उसके साथ कई नियम और शर्तें जुड़ी होती हैं। इन्हीं शर्तों में से एक वेटिंग पीरियड भी है। अन्य हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसियों की ही भांति आरोग्य संजीवनी पॉलिसी में भी पॉलिसी लेने के 30 दिन बाद ही पॉलिसी कवर शुरू होता है। हालांकि, एक्सीडेंट के मामले में पहले दिन से ही क्लेम लिया जा सकता है। इसके अलावा कुछ ऐसी बीमारियों की लिस्ट है, जिनके इलाज के लिए आपको कम से कम 24 महीने और कुछ को कवर करने के लिए 48 महीने (4 साल) तक इंतजार करना पड़ सकता है। 
  • कोपेमेंट की शर्त - आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के तहत कोपेमेंट को अनिवार्य किया गया है। सीधे शब्दों में कोपेमेंट का मतलब अस्पताल में होने वाले खर्च में से कुछ हिस्सा स्वयं चुकाने से है। इस पॉलिसी के तहत आपको अनिवार्य रूप से 5 फीसद का कोपेमेंट करना होगा, बाकी का 95 फीसद क्लेम इन्शुरन्स कंपनी सीधे अस्पताल के साथ सैटल करेगी। 
  • पोर्टेब्लिटी का उठाएं लाभ - यदि आपके पास हेल्थ इन्शुरन्स प्लान है और आप अपनी कंपनी या पॉलिसी से संतुष्ट नहीं हैं तो आप अपनी मौजूदा हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी को पोर्ट करके आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के फीचर्स का लाभ उठा सकते हैं।
  • किस-किस को शामिल कर सकते हैं - आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के फैमिली फ्लोटर प्लान में आप अपने पति या पत्नी के साथ ही माता-पिता और सास-ससुर को भी कवरेज का लाभ दे सकते हैं। इनके अलावा आपके अपने बच्चों के साथ ही कानूनी तरीके से गोद लिए गए किसी भी 3 महीने से 25 साल तक के बच्चे को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।

(और पढ़ें - टॉपअप इन्शुरन्स के फायदे क्या हैं)

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