आधुनिक जीवन में बढ़ती बीमारियों के बीच लोगों का रुख अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट (ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट) की तरफ बढ़ा है। खासतौर पर क्रोनिक बीमारियों के लिए अल्टरनेटिव मेडिसिन इन दिनों बेहद प्रचलन में है। भले ही आप एलोपैथिक ट्रीटमेंट करवाएं या अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट, खर्च तो हर तरह के इलाज पर होता है। इलाज के खर्च को मैनेज करने के लिए हम सब हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी लेते हैं। लेकिन पहले हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी में सिर्फ एलोपैथिक ट्रीटमेंट (अंग्रेजी इलाज) ही कवर होता था और आयुष (आयुर्वेद, योग और नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध व होम्योपैथी) के लिए कवरेज नहीं मिलती थी। उस समय एक कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इन्शुरन्स के लिए प्रीमियम भरने के साथ ही यदि कोई अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट को अपनाता था तो उस ट्रीटमेंट का खर्च स्वयं उठाना पड़ता था। अब हालात बदल चुके हैं और इससे हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी धारकों को राहत मिली है। आज ज्यादातर हेल्थ इन्शुरन्स कंपनियां अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट को कवर करती हैं।

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  1. आयुष ट्रीटमेंट क्या है - What is AYUSH Treatment in Hindi?
  2. ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट के लिए हेल्थ कवरेज - Health Coverage for Traditional Treatments in Hindi
  3. आयुष ट्रीटमेंट को क्यों चुनें - Why you should opt for AYUSH Treatment in Hindi
  4. अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट कहां कराएं - Where to Seek Treatment under Alternative Medicine in Hindi?
  5. अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट के लिए कितना कवर मिलता है - Claim Coverage under Alternative Treatment in Helth Insurance in Hindi
  6. अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट में क्या कवर नहीं होता - Exclusions of Traditional Health Cover in Hindi
  7. इन बातों पर जरूर ध्यान दें - Carefully Read the Fine Print

साल 2013 में इन्शुरन्स सेक्टर को रेग्युलेट करने वाली संस्था आईआरडीए ने नई गाइडलाइन जारी कीं, जिसके तहत हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी में अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट भी कवर होने लगा। इस कवर के तहत आमतौर पर कैशलेस इलाज की सुविधा नहीं मिलती, लेकिन आप इलाज पर खर्च की गई राशि को रिइम्बर्स करवा सकते हैं। कई हेल्थ इन्शुरन्स कंपनियां खासतौर पर 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए आयुष ट्रीटमेंट का ऑफर लेकर आई हैं। अभी हमारे देश में मेडिकल क्षेत्र प्रचलित माध्यम और अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट के बीच सामंजस्य बिठाने की कोशिश कर रहा है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कई कंपनियां हेल्थ इन्शुरन्स में अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट के लिए भी कवरेज दे रही हैं। myUpchar हेल्थ प्लस पॉलिसी में भी अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट के लिए क्लेम सेटेलमेंट होते हैं।

अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट की मदद से जीवनशैली से जुड़ी कई तरह की बीमारियों का प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है। यदि आप एलोपैथी से ज्यादा अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट में भरोसा रखते हैं तो आपको हेल्थ इन्शुरन्स प्लान चुनते समय इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए। आप जब हेल्थ इन्शुरन्स लें तो अच्छे से जांच लें कि उसमें अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट कवर होता है या नहीं, कितना होता है और क्लेम का प्रोसेस क्या है?

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स क्लेम लेते समय पॉलिसीधारक की क्या जिम्मेदारियां होती है)

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आज अगर आप ऐसी हेल्थ पॉलिसी लेना चाहते हैं, जिसमें ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट कवर हो तो इसके लिए अलग से कोई पॉलिसी उपलब्ध नहीं है। बल्कि आपकी कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ पॉलिसी के तहत ही अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट को भी कवर किया जाता है। इसमें भी ध्यान देने योग्य बात यह है कि जहां आयुर्वेद को आज ज्यादातर इन्शुरन्स पॉलिसी में कवर किया जाता है, वहीं नेचुरोपैथी, युनानी जैसी अन्य पद्धतियों के लिए कवर मुश्किल ही मिलता है। कई इन्शुरन्स कंपनियां अपनी ग्रुप हेल्थ पॉलिसी में भी ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट को कवर करती हैं।

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में क्या क्या कवर होता है)

अगर आप ऐसी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी ले रहे हैं, जिसमें आयुष ट्रीटमेंट भी कवर है तो एक बार उसके सभी नियम और शर्तों को ध्यानपूर्वक पढ़ लें। नीचे हम आयुष ट्रीटमेंट के कुछ लाभ बता रहे हैं -

  • आयुष विधि मेडिकल सेवाओं से जुड़ी कमियों को दूर करके स्वास्थ्य सेवा के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है।
  • यह एक ऐसी हेल्थकेयर ऑफर करती है, जो व्यक्ति के समग्र कल्याण के बारे में सोचती है।
  • इसके दुष्प्रभाव बेहद कम हैं और मेडिसिन के अन्य रूपों के मुकाबले इसमें लागत भी कम आती है।

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में क्या कवर नहीं होता)

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यदि आप अपनी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी में अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट के तहत कवरेज चाहते हैं तो आपको किसी सरकारी अस्पताल या सरकारी मान्यता प्राप्त अस्पताल में इलाज करवाना होगा। इसके अलावा अल्टरनेटिव मेडिसिन के लिए आप क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) और नेशनल एक्रेडिशन बोर्ड ऑफ हेल्थ (एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त सेंटर में भी इलाज करवा सकते हैं।

(और पढ़ें - सबसे अच्छा हेल्थ इन्शुरन्स कौन सा है)

आपकी हेल्थ इन्शुरन्स के तहत आपको अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट के लिए कितना कवरेज मिलेगा, यह आपकी इन्शुरन्स कंपनी पर निर्भर करता है। कई हेल्थ इन्शुरन्स कंपनियां सिर्फ आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट को कवर करती हैं, जबकि कुछ आयुष के अंतर्गत आने वाले सभी ट्रीटमेंट को कवर करती हैं। इसके अलावा ट्रीटमेंट को लेकर भी अलग-अलग हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसियों में कैपिंग होती है। फिलहाल सम-इनश्योर्ड का 7.5 से 25 फीसद तक अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट के लिए क्लेम के तौर पर दिया जाता है।

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में पहले से मौजूद कौन सी बीमारी कवर होती है?)

अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट को अल्टरनेटिव मेडिसिन, आयुष ट्रीटमेंट और ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट भी कहा जाता है। इसके तहत निम्न ट्रीटमेंट के लिए आपको क्लेम नहीं मिलेगा -

  • नेचुरोपैथी ट्रीटमेंट
  • स्टीम बाथ, सौना, ऑइल मसाज जैसे आराम देने वाले उपचार
  • सिर्फ जांच के उद्देश्य से अस्पताल में भर्ती होने पर
  • देश से बाहर इलाज कराने पर
  • किसी ऐसे हेल्थकेयर सेंटर में इलाज करवाना, जो अस्पताल की श्रेणी में न आता हो
myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

हालांकि, पिछले कुछ सालों के दौरान हेल्थ इन्शुरन्स में ट्रेडिशन ट्रीटमेंट के लिए कवरेज लगातार बढ़ी है। इसके बावजूद कई स्थितियां और कैपिंग आज भी मौजूद हैं, जिनपर आपको पॉलिसी लेने से पहले अच्छे से विचार कर लेना चाहिए। अगर आप क्लेम सेटलमेंट के दौरान निश्चिंत रहना चाहते हैं तो आपको हर उस ट्रीटमेंट के बारे में पता करना चाहिए, जो आपकी पॉलिसी आपको मुहैया कराएगी। इसलिए एक ऐसे हेल्थ इन्शुरन्स प्लान का चयन करें, जो आपके स्वास्थ्य का प्राथमिकता के आधार पर ध्यान रखे। आप जो हेल्थ इन्शुरन्स लेने जा रहे हैं, उसके बारे में और अधिक जानने के लिए पॉलिसी के ब्रॉशर और प्रोस्पेक्टस को ध्यानपूर्वक पढ़ें। इसके अलावा पॉलिसी लेने के बाद पॉलिसी बॉन्ड में एक-एक नियम को पढ़ें। नियमों से सहमत न होने पर आप 15 दिन के फ्री-लुक पीरियड के दौरान पॉलिसी को लौटा सकते हैं।

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन कवर कैसे क्लेम करें)

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