बेहोश होना या बेहोशी उसे कहते हैं जब व्यक्ति अचानक से जवाब देना या कुछ प्रतिक्रिया करना बंद कर देता है और ऐसा लगता है जैसे वो सो रहा है। बेहोशी की समस्या तब होती है जब व्यक्ति के दिमाग में कुछ समय के लिए खून का प्रवाह रुक जाता है जिससे दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती। ये कभी-कभी कुछ समय तक ताजी हवा न मिलने के कारण भी होता है। बेहोशी थोड़े समय के लिए भी हो सकती है या लंबे समय के लिए भी हो सकती है। बेहोश होने पर कभी-कभी अस्पताल जाने की आवश्यकता भी हो सकती है।
बेहोश व्यक्ति किसी भी आवाज या स्पर्श पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देता और हो सकता है उसकी नब्ज रुक जाए या वह सांस लेना बंद कर दे। ऐसी स्थिति में आपको उसे तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए।
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व्यक्ति को बेहोश होने से कुछ सेकंड पहले बेहोश होने की भावना होने लगती है और बेहोश होने पर अचानक उसका ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। बेहोशी का कारण कुछ भी हो सकता है। ये समस्या बिना किसी वजह या हृदय से सम्बंधित किसी विकार के कारण भी हो सकती है।
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बेहोशी को हमेशा आपातकालीन स्थिति माना जाना चाहिए और बार-बार बेहोश होने पर डॉक्टर के पास जाना चाहिए। आप जितनी जल्दी डॉक्टर के पास जाएंगे, आपकी समस्या उतनी जल्दी कम होगी।
इस लेख में बेहोश होने से पहले क्या समस्याएं होती हैं, बेहोश होने पर क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए और बेहोशी के लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए के बारे में बताया गया है।