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वासेक्टोमी रिवर्सल एक सर्जिकल प्रोसीजर है, जिसकी मदद से पहले की गई पुरुष नसबंदी के प्रभाव को खत्म किया जाता है। इस सर्जरी में उन नलिकाओं को खोल दिया जाता है, जो शुक्राणुओं को मूत्रमार्ग तक ले जाती हैं। वासेक्टोमी रिवर्सल की मदद से पुरुषों को अपनी प्रजनन क्षमता फिर से हासिल करने में मदद करती है। वासेक्टोमी रिवर्सल करने के दो तरीके हैं, जिन्हें वैसोवैसोस्टोमी और वैसोएपिडिडीमोस्टोमी के नाम से जाना जाता है।

इन दोनों में से कोई भी प्रक्रिया करने से पहले डॉक्टर ब्लड टेस्ट करते हैं, जिसमें शुक्राणुओं के विरुद्ध बनी एंटीबॉडीज की जांच की जाती है। सर्जरी से पहले ही आपको धूम्रपान या शराब का सेवन बंद करने के लिए कह दिया जाएगा। सर्जरी से पहले लोकल या जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा दिया जाता है और इसे पूरा होने में दो से चार घंटे का समय लगता है। आपको सर्जरी वाले दिन ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है और कम से कम चार दिन के आराम के बाद आप अपनी सामान्य गतिविधियां शुरू कर सकते हैं।

वासेक्टोमी रिवर्सल के बाद आपको कुछ दिन के लिए अंडकोषों को सहारा देने वाले कपड़े पहनने की सलाह दी जाएगी। सर्जरी के बाद आपको तीन हफ्तों के लिए शारीरिक गतिविधियां करने से भी मना किया जाएगा।

वासेक्टोमी रिवर्सल के कुछ जोखिम हो सकते हैं, जैसे संक्रमण, अंडकोष की रक्त वाहिका क्षतिग्रस्त होना या सर्जरी ठीक से न हो पाना। सर्जरी होने के दो या तीन हफ्ते के बाद आपको फिर से अस्पताल में बुलाया जाएगा और जांच की जाएगी की सर्जरी के घाव ठीक हो गए हैं या नहीं। सर्जरी के बाद यदि आपको दर्द, सूजन या बुखार जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए।

(और पढ़ें - घाव भरने के घरेलू उपाय)

  1. पुरुष नसबंदी खोलने का ऑपरेशन क्या है - What is Vasectomy reversal in Hindi
  2. पुरुष नसबंदी खोलने का ऑपरेशन क्यों किया जाता है - Why is Vasectomy reversal done in Hindi
  3. वासेक्टोमी रिवर्सल से पहले - Before Vasectomy reversal in Hindi
  4. वासेक्टोमी रिवर्सल के दौरान - During Vasectomy reversal in Hindi
  5. पुरुष नसबंदी खोलने के ऑपरेशन के बाद - After Vasectomy reversal in Hindi
  6. पुरुष नसबंदी खोलने के ऑपरेशन की जटिलताएं - Complications of Vasectomy reversal in Hindi
वासेक्टोमी रिवर्सल के डॉक्टर

वासेक्टोमी रिवर्सल क्या है

वासेक्टोमी रिवर्सल एक सर्जरी प्रक्रिया है, जिसकी मदद से शुक्राणुओं की नली को फिर से खोला जाता है। शुक्राणुओं की नली को वासेक्टोमी (पुरुष नसबंदी) नामक सर्जिकल प्रक्रिया की मदद से बंद किया जाता है और इसलिए नली को फिर से खोलने की प्रक्रिया को वासेक्टोमी रिवर्सल कहा जाता है। वासेक्टोमी रिवर्सल की मदद से शुक्राणु मूत्रमार्ग तक जा पाते हैं और परिणामस्वरूप पुरुष प्रजनन क्षमता फिर से शुरू हो जाती है। (और पढ़ें - प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाला आहार)

शुक्राणु वृषण में पैदा होते हैं और एफेरेंट डक्ट नामक एक नली से होते हुए गुजरते हैं। डक्ट में 15 से 18 फीट लंबी विशेष नली छल्ले-नुमा आकृति में लिपटी होती है, जिसे एपिडिडीमिस कहा जाता है। एपिडिडीमिस में परिपक्व शुक्राणु जमा होते हैं। एपिडिडीमिस से शुक्राणु अन्य ट्यूब में जाते हैं, जिस ट्यूब को वास डेफरेंस कहा जाता है। वास डेफरेंस शुक्राणुओं को मूत्रमार्ग की तरफ धकेलता है। ऑर्गेज्म के दौरान शुक्राणु मूत्रमार्ग से बाहर निकलते हैं। वासेक्टोमी सर्जरी में वास डेफेरेंस नलिका को काट दिया जाता है, जिससे शुक्राणु एपिडिडीमिस से मूत्र मार्गों तक ही नहीं जा पाते हैं और पुरुषों की प्रजनन प्रणाली काम ही नहीं कर पाती है। इससे सुनिश्चित हो जाता है कि पुरुष के शुक्राणु लिंग से बाहर नहीं निकल पाते हैं और वह पुरुष यौन संबंध बनाकर किसी महिला को गर्भवती नहीं बना सकता है।

वैसोवैसोस्टमी और वैसोएपिडिडीमोस्टमी सर्जिकल प्रक्रियाएं हैं, जो पुरुष नसबंदी के प्रभाव को हटा देती हैं और पुरुष को फिर से प्रजनन करने में सक्षम बना देती हैं।

इन वैसोवैसोस्टमी में सर्जन वास डेफेरेंस के उन दोनों सिरों को जोड़ देते हैं, जिन्हें वासेक्टोमी सर्जरी के दौरान काटकर अलग-अलग कर दिया जाता है। इन दोनों सिरों को जोड़ने के बाद शुक्राणु मूत्रमार्ग तक पहुंच जाते हैं और फिर ऑर्गेज्म के दौरान वीर्य से मिलकर बाहर निकल जाते हैं, जिससे व्यक्ति फिर से प्रजनन करने में सक्षम बन जाता है। सर्जरी के दौरान एक शक्तिशाली माइक्रोस्कोपिक उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है, जो अंदरूनी अंग को तीस से चालीस गुना बढ़ा कर दिखाता है। वास डेफेरेंस को जोड़ने के लिए टांके लगाए जाते हैं। ये टांके इतने सूक्ष्म होते हैं, जिन्हें नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता है।

कुछ मामलों में, वैसोवैसोस्टमी सर्जरी के बाद भी शुक्राणु वास डेफेरेंस में नहीं जा पाते हैं, ऐसा आमतौर पर एपिडिडीमिस में रुकावट होने के कारण होता है। ऐसी स्थितियों में वैसोएपिडिडीमोस्टोमी सर्जरी की जाती है। वैसोएपिडिडीमोस्टमी में एपिडिडीमिस से उस भाग को बाईपास कर दिया जाता है, जिसमें रुकावट हो गई है। यदि आपने 9 साल पहले वासेक्टोमी सर्जरी करवाई थी और अब आप वासेक्टोमी रिवर्सल करवाना चाहते हैं, तो आपको वैसोएपिडिडीमोस्टोमी सर्जरी करवाने की आवश्यकता है। यदि वासेक्टोमी को अंडकोष के निकट किया गया है, तो भी यह सर्जरी की जा सकती है। वैसोएपिडिडीमोस्टमी को काफी कठिन सर्जिकल प्रक्रिया माना जाता है, क्योंकि एपिडिडीमिस बहुत ही पतली नलिका होती है।

वासेक्टोमी रिवर्सल के सफल होने की दर दोनों सर्जरी (वासेक्टोमी और वासेक्टोमी रिवर्सल) के बीच की अवधि पर निर्भर करती है। इसका कारण यह है कि वासेक्टोमी के बाद आपका शरीर नलिका में एक अतिरिक्त रुकावट बना देता है या फिर विशेष एंटीबॉडीज बना देता है, जो शुक्राणुओं को नष्ट करने लग जाती हैं।

(और पढ़ें - शुक्राणु की कमी के लक्षण)

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वासेक्टोमी रिवर्सल किसलिए की जाती है?

पुरुषों में वैसोवैसोस्टमी आमतौर पर निम्न के लिए की जाती है -

  • वासेक्टोमी के प्रभाव को खत्म करके फिर से सामान्य करने के लिए
  • वासेक्टोमी के बाद कोई जटिलता पैदा होने पर जैसे एपिडिडीमिस या वृषण में दर्द
  • वास डेफेरेंस में रुकावट होना, जिससे वीर्य में शुक्राणु न मिल पाना

वैसोएपिडिडीमोस्टोमी आमतौर पर तब की जाती है, जब एपिडिडीमिस में रुकावट होने के कारण वैसोवैसोस्टमी न की जा सकती हो। इन मामलों में वास डेफेरेंस को एपिडिडीमिस के उस भाग से जोड़ दिया जाता है, जो अवरुद्ध न हुआ हो।

वासेक्टोमी रिवर्सल किसे नहीं करवानी चाहिए?

निम्न समस्याओं से ग्रस्त लोगों को वासेक्टोमी रिवर्सल नहीं करवानी चाहिए -

(और पढ़ें - अंडकोष सिकुड़ने का कारण)

वासेक्टोमी रिवर्सल से पहले की तैयारी

सर्जरी से पहले आपको निम्न तैयारियां करने की आवश्यकता पड़ सकती है -

  • डॉक्टर आपसे वासेक्टोमी से पहले प्रजनन क्षमता से संबंधित सवाल पूछ सकते हैं।
  • सर्जरी से पहले और बाद में भी स्पर्म एंटीबॉडी टेस्ट किया जा सकता है। यदि सर्जरी के बाद भी आपके रक्त में स्पर्म के एंटीबॉडी मिलते हैं, तो हो सकता है आप अपनी पार्टनर को गर्भवती न कर पाएं।
  • यदि आप किसी भी प्रकार की कोई दवा, हर्बल उत्पाद या सप्लीमेंट लेते हैं, तो सर्जरी से पहले ही डॉक्टर को इनके बारे में बता दें।
  • यदि आप रक्त को पतला करने वाली कोई दवा या उत्पाद ले रहे हैं, तो डॉक्टर सर्जरी से कुछ समय पहले ही उन्हें छोड़ने की सलाह दे सकते हैं, जैसे एस्पिरिन या वारफेरिन दवाएं।
  • यदि आपको स्वास्थ्य संबंधी कोई भी समस्या है या हाल ही में आपको कोई बीमारी हुई थी तो डॉक्टर को सर्जरी से पहले ही इस बारे में बता दें।
  • यदि आप धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं, तो भी डॉक्टर सर्जरी से पहले उन्हें छोड़ने की सलाह दे सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि धूम्रपान व शराब सर्जरी के बाद आपके स्वस्थ होने की क्षमता को कमजोर बना देते हैं और परिणामस्वरूप आपको स्वस्थ होने में सामान्य से अधिक समय लगता है। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के उपाय)
  • सर्जरी से पहले गर्म टब में न नहाएं, ऐसा करने से आपके शुक्राणु बनने की प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है।
  • सर्जरी से पहली वाली रात को डॉक्टर आपको खाली पेट रहने की सलाह दे सकते हैं, ऐसा करने के लिए आपको सर्जरी से पहली रात के बाद कुछ भी खाने या पीने से मना किया जाता है।
  • सर्जरी से पहले दिन ही गुप्तागों के पास के बालों को हटा दें और उस भाग को अच्छे से साफ कर लें।
  • सर्जरी से पहले ही आपको एक सहमति पत्र दिया जाएगा, जिस पर हस्ताक्षर करके आप सर्जन को सर्जरी करने की अनुमति दे देते हैं।
  • आपको एथलेटिक सपोर्टर या कॉटन ब्रीफ अपने साथ लाने की सलाह दी जाती है, जिनकी मदद से सर्जरी के बाद आपके वृषणों को सहारा दिया जाता है।

(और पढ़ें - शराब की लत के कारण)

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वासेक्टोमी रिवर्सल कैसे की जाती है?

सबसे पहले आपको ऑपरेशन थिएटर में ले जाया जाएगा और एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया जाएगा। डॉक्टर जरूरत के अनुसार ही लोकल या जनरल एनेस्थीसिया का चुनाव करते हैं। वैसोवैसोस्टमी को निम्न तरीके से किया जा सकता है -

  • सर्जन अंडकोष की थैली के उस हिस्से में चीरा लगाते हैं, जहां पर वृषण या एपिडिडीमिस मौजूद होते हैं। यह चीरा आमतौर पर तीन से पांच सेंटीमीटर लंबा होता है। इसके बाद वास डेफेरेंस की पहचान की जाती है और उन्हें आस-पास के ऊतकों से अलग कर दिया जाता है। (और पढ़ें - अंडकोष में दर्द की होम्योपैथिक दवा)
  • इसके बाद पता लगाया जाता है कि वासेक्टोमी के कारण वास डेफेरेंस को कहां से अवरुद्ध किया गया है। अवरुद्ध वाले हिस्से से ऊपर और नीचे एक कट लगाया जाता है।
  • सर्जन वास डेफेरेंस के अंतिम हिस्से से निकलने वाले द्रव की माइक्रोस्कोप से जांच कर सकते हैं। यह द्रव वृषणों से निकलता है, जिसमें शुक्राणुओं की जांच की जाती है। यदि द्रव में शुक्राणु की उपस्थिति होती है, तो यह संकेत देता है कि वृषण और जहां से वास डेफरेंस को जोड़ा गया है उसके बीच में कोई रुकावट नहीं है। ट्यूब को जोड़ने के लिए सर्जन छह से दस टांके लगाते हैं, ये टांके बहुत ही सूक्ष्म होते हैं। (और पढ़ें - शुक्राणु की जांच कैसे की जाती है)

यदि वास डेफेरेंस से लिए गए द्रव की माइक्रोस्कोपिक जांच में शुक्राणु नहीं मिलते हैं, तो सर्जन वैसोएपिडिडीमोस्टोमी सर्जरी करते हैं। वैसोएपिडिडीमोस्टोमी की सर्जिकल प्रक्रिया निम्न के अनुसार है -

  • सर्जन वृषण के अंतिम हिस्से पर मौजूद एपिडिडीमिस पर एक चीरा लगाते हैं, जहां से रुकावट आसानी से मिल जाती है।
  • इसके बाद उस हिस्से से द्रव निकाला जाएगा और उसमें शुक्राणुओं की उपस्थिति का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी।
  • यदि इस द्रव में भी शुक्राणु नहीं मिलते हैं, तो वृषण की तरफ थोड़ी करीबी बढ़ाकर चीरा लगाया जाता है।
  • यही प्रक्रिया दोहराते हुए जब शुक्राणु दिख जाते हैं, तो सर्जन उसी हिस्से को सीधा वास डेफेरेंस से जोड़ देते हैं और रुकावट वाले हिस्से से बाईपास कर दिया जाता है। यह सारी प्रक्रिया माइक्रोस्कोप की मदद से की जाती है।

इस सर्जरी को करने में दो से चार घंटे का समय लगता है और आपकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए डॉक्टर आपको उसी दिन घर जाने की सलाह भी दे सकते हैं।

(और पढ़ें - वृषण मरोड़ का इलाज)

वासेक्टोमी रिवर्सल सर्जरी के बाद देखभाल कैसे करें?

वासेक्टोमी रिवर्सल के बाद घर आने पर आप निम्न देखभाल कर सकते हैं -

  • सर्जरी वाले और उससे अगले दिन बार-बार अंडकोष की थैली पर बर्फ लगाते रहें। आप चाहें तो तीसरे दिन भी बर्फ की सिकाई कर सकते हैं।
  • अंडकोष पर लगाई गई पट्टी को तब तक न उतारें जब तक डॉक्टर आपको इसकी अनुमति न दें। डॉक्टर आमतौर पर इसे एक या दो दिन लगाकर रखने की सलाह देते हैं। इसके अलावा डॉक्टर आपको लगभग एक हफ्ते तक अंडकोष को सहारा प्रदान करने वाले कपड़े या उपकरण (स्क्रोटल सपोर्टर) पहनने की सलाह दे सकते हैं।
  • डॉक्टर आपको पट्टी उतारने के बाद नहाने की सलाह दे सकते हैं। हालांकि, बाथटब में नहाने के लिए आपको एक हफ्ते से दस दिन तक प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है।
  • डॉक्टर आपको कुछ एंटीबायोटिक व दर्द निवारक दवाएं देते हैं, जिनका डॉक्टर की सलाह के आदेशानुसार ही सेवन करते रहें।
  • स्वस्थ व संतुलित आहार लेते रहें, ताकि शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिल पाएं और रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि शरीर में पानी की कमी न हो पाए।
  • सर्जरी के दो दिन बाद आप कम से कम मेहनत वाली शारीरिक गतिविधियां कर सकते हैं, जैसे धीरे-धीरे चलना-फिर व उठना-बैठना आदि। हालांकि, अधिक मेहनत वाली शारीरिक गतिविधियां न करें जैसे जॉगिंग करना या भारी वजन उठाना आदि, इन्हें करने के लिए कम से कम दो से तीन हफ्तों तक का इंतजार अवश्य करें।
  • डॉक्टर आपको सर्जरी के बाद कम से कम तीन हफ्तों तक सेक्स या हस्तमैथुन न करने की सलाह देते हैं।

वासेक्टोमी रिवर्सल का सबसे मुख्य लाभ यह है कि इससे पुरुषों की प्रजनन क्षमता फिर से काम करने लगती है, जिसे वासेक्टोमी सर्जरी की मदद से बंद कर दिया गया था। वैसोवैसोस्टमी सर्जरी के सफलतापूर्वक पूरा होने के लगभग एक महीने बाद वीर्य में शुक्राणु आने लगते हैं। हालांकि, जिनकी वैसोएपिडिडीमोस्टोमी सर्जरी हुई है उनके वीर्य में शुक्राणु आने के 3 से 15 महीनों का समय लग सकता है। हालांकि, वासेक्टोमी रिवर्सल के बाद अपने साथी को गर्भवती बनाने में दो महीने से एक साल तक का समय भी लग सकता है, जो निर्भर करता है कि आपकी प्रजनन क्षमता सुचारू रूप से काम करने में कितना समय लेती है। (और पढ़ें - प्रजनन क्षमता बढ़ाने के उपाय)

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए -

(और पढ़ें - अंडकोष की सूजन का इलाज)

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वासेक्टोमी रिवर्सल से क्या जोखिम हो सकते हैं?

वैसोवैसोस्टमी से निम्न जोखिम व जटिलताएं देखी जा सकती हैं -

  • अंडकोष की थैली के अंदरूनी हिस्से में रक्तस्राव होना
  • संक्रमण
  • सर्जरी ठीक से न हो पाना
  • अंडकोष की थैली में मौजूद कोई रक्त वाहिका क्षतिग्रस्त हो जाना
  • सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी होने के बाद भी वीर्य में शुक्राणु न मिल पाना (निल शुक्राणु)

वैसोएपिडिडीमोस्टोमी से होने वाले जोखिम व जटिलताओं में निम्न शामिल हैं -

  • सिर्फ स्थिर शुक्राणु (non-motile sperms) दिखना जबकि पहले सक्रिय शुक्राणु (Motile sperms) भी दिखते थे
  • निल शुक्राणु

(और पढ़ें - शुक्राणुओं की कमी का आयुर्वेदिक इलाज)

Dr. Anurag Kumar

Dr. Anurag Kumar

पुरुष चिकित्सा
19 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

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  2. Harvard Health Publishing. Harvard Medical School [internet]: Harvard University; Vasectomy
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