स्पाइनल फ्यूजन एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसमें रीढ़ में मौजूद दो या अधिक हड्डियों को आपस में जोड़ दिया जाता है। यह सर्जरी आमतौर पर हड्डी की स्थिरता बढ़ाने और दर्द को कम करने के लिए की जाती है, जो आमतौर पर स्पाइनल स्टेनोसिस या स्कोलियोसिस के कारण होती है।
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रीढ़ की हड्डी कई छोटी-छोटी हड्डियों से मिलकर बनी होती है, जिन्हें कशेरुकाएं (वर्टिब्रा) कहा जाता है, जो एक-दूसरे के ऊपर स्थित होती हैं। यह वर्टिब्रा एक-दूसरे से एक वर्टेब्रल डिस्क के माध्यम से अलग होती हैं, जो रीढ़ की हड्डी को लचीलापन प्रदान करता है और साथ ही दबाव को अवशोषित करने के रूप में काम करता है। हालांकि, वर्टिब्रा में कोई क्षति या टूट-फूट होने होने से गंभीर दर्द, संवेदना की कमी व अन्य समस्याएं होने लगती हैं। स्पाइनल फ्यूजन सर्जरी को आमतौर पर दर्द कम करने के लिए किया जाता है। सर्जरी के दौरान बोन ग्राफ्ट की मदद से प्रभावित कशेरुकाओं को आपस में जोड़ दिया जाता है। ग्राफ्टिंग के लिए हड्डी को आपके कूल्हे से या फिर बोन बैंक से लिया जाता है। कुछ मामलों में कृत्रिम हड्डी का इस्तेमाल भी किया जाता है। सर्जरी के बाद आपको कम से कम चार से छह हफ्ते कम्पलीट बेडरेस्ट करने की सलाह दी जाती है, जिसके बाद आप अपनी सामान्य शारीरिक गतिविधियां शुरू कर सकते हैं।
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