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सेप्टोप्लास्टी एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसकी मद सेप्टोप्लास्टी टेढ़े या मुड़े हुए नेजल सेप्टम को ठीक किया जाता है। नाक के दोनों नथुनों के बीच की दीवार को सेप्टम कहा जाता है। यह सर्जरी तब की जाती है, जब सेप्टम के टेढ़ेपन के कारण सांस लेने में दिक्कत, सिरदर्द और ठीक से नींद न आना आदि लक्षण होने लगते हैं। सेप्टोप्लास्टी को आमतौर पर अन्य सर्जरी प्रोसीजर के साथ भी किया जा सकता है जैसे सेप्टोराइनोप्लास्टी आदि। सेप्टोराइनोप्लास्टी में नाक के सेप्टम के साथ अन्य हिस्सों को भी ठीक किया जाता है।

इस सर्जरी को जनरल एनेस्थीसिया और लोकल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है। इस सर्जरी प्रोसीजर के दौरान सर्जन सेप्टम को सीधा करते हैं और आवश्यकता पड़ने पर उसके किसी टुकड़े को निकाल भी दिया जाता है। सेप्टोप्लास्टी को करने में लगभग एक घंटे का समय लग सकता है और इसके बाद पूरी तरह स्वस्थ होने में लगभग छह महीनों का समय लग जाता है।

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  1. सेप्टोप्लास्टी क्या है - What is Septoplasty in Hindi
  2. सेप्टोप्लास्टी किसलिए की जाती है - Why is Septoplasty done in Hindi
  3. सेप्टोप्लास्टी से पहले - Before Septoplasty in Hindi
  4. सेप्टोप्लास्टी के दौरान - During Septoplasty in Hindi
  5. सेप्टोप्लास्टी के बाद - After Septoplasty in Hindi
  6. सेप्टोप्लास्टी की जटिलताएं - Complications of Septoplasty in Hindi
सेप्टोप्लास्टी के डॉक्टर

सेप्टोप्लास्टी को नेजल एयरवे सर्जरी के नाम से भी जाना जाता है, जिसकी मदद से नाक के सेप्टम में आए मोड़ को सीधा किया जाता है। इस सर्जरी के बाद सेप्टम का टेढ़ापन ठीक हो जाता है और फिर सांस लेने में दिक्कत व अन्य समस्याएं नहीं हो पाती हैं। यह हड्डी व कार्टिलेज से मिलकर बना होता है और इसके आसपास की संरचना को टर्बाइनेट्स कहा जाता है। 

आमतौर पर नाक में चोट लगने या किसी जन्म दोष के कारण नाक के सेप्टम में टेढ़ापन रहता है। इसके अलावा कार्टिलेज में होने वाले रोगों के कारण भी सेप्टम मुड़ा हुआ हो सकता है। सेप्टम में मुड़ने से नथुने पूरी तरह से खुल नहीं पाते हैं और श्वसन मार्ग बंद हो जाते हैं। हालांकि, इस समस्या से ग्रस्त कुछ लोगों को सांस लेने में दिक्कत और खर्राटे जैसी समस्याएं होती है जबकि कुछ लोगों कोई लक्षण नहीं महसूस होता है। इसके साथ अन्य सर्जरी प्रोसीजर भी की जा सकती है, जिनमें नोज शेपिंग सर्जरी भी एक है। सर्जरी के दौरान सर्जन सेप्टम के टेढ़ेपन को सीधा करते हैं और आवश्यकता पड़ने पर उसे वहां से हटाकर ठीक तरीके से लगा सकते हैं।

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सेप्टोप्लास्टी सर्जरी आमतौर पर उन लोगों के लिए की जाती है, जिनके नाक के सेप्टम में टेढ़ापन होता है। यदि सेप्टम में टेढ़ेपन से निम्न लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो यह सर्जरी की जा सकती है -

  • नाक के मार्गों में रुकावट होने के कारण ठीक से नींद न आ पाना या खर्राटे जैसी समस्याएं होना
  • सिरदर्द या सिर चकराना

यह सर्जरी सेप्टम में टेढ़ेपन के कारण होने वाले साइनोसाइटिस का इलाज करने के लिए भी यह सर्जरी की जा सकती है। साइनोसाइटिस सो होने वाले निम्न लक्षण हो सकते हैं -

सेप्टोप्लास्टी को अन्य किसी सर्जरी प्रोसीजर के साथ भी की जा सकती है, जिनमें निम्न शामिल हो सकती हैं -

  • सेप्टोराइनोप्लास्टी
  • एंडोस्कोपिक साइनस सर्जरी
  • एंडोस्कोपिक डेक्रायोसिस्टोराइनोस्टॉमी (लैक्रिमल थैली में हुई रुकावट को ठीक करना)
  • पिट्यूटरी एडीमोनास का इलाज करने के लिए सर्जरी

सेप्टोप्लास्टी किसे नहीं करवानी चाहिए?

यदि आपको निम्न में से कोई भी समस्या है, तो सेप्टोप्लास्टी सर्जरी नहीं की जा सकती है -

इसके अलावा जिनके सेप्टम में कम टेढ़ापन है और उससे कोई लक्षण भी महसूस नहीं हो हो रहे हैं, डॉक्टर उन्हें भी यह सर्जरी न करवाने की सलाह दे सकते हैं।

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आपको सर्जरी से कुछ दिन पहले अस्पताल बुलाया जाता है और आपका शारीरिक परीक्षण किया जाता है। साथ ही आपसे आपके स्वास्थ्य संबंधी पिछली जानकारियां ली जाती हैं। इस दौरान निम्न टेस्ट किए जाते हैं -

सर्जरी से पहले आपको निम्न बातों का ध्यान रखने को कहा जाता है -

  • यदि आपको किसी भी प्रकार की बीमारी या एलर्जी आदि है, तो डॉक्टर को इस बारे में बता दें।
  • आपके द्वारा ली जाने वाली सभी दवाओं, हर्बल उत्पाद, विटामिन व अन्य सभी सप्लीमेंट के बारे में भी डॉक्टर को बता दें। ऐसा इसलिए क्योंकि डॉक्टर सर्जरी से पहले कुछ दवाएं एक निश्चित समय के लिए बंद करवा सकते हैं
  • यदि आप सिगरेट या शराब पीते हैं, तो इसे भी सर्जरी से कुछ दिन पहले और बाद तक छोड़ने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इनका सेवन करने से सर्जरी के घावों को ठीक होने में सामान्य से अधिक समय लगने लगता है।
  • ऑपरेशन के लिए अस्पताल पहुंचने से पहले नहा लें और सभी आभूषणों को उतार कर घर पर रख दें और मेकअप आदि न करें।
  • अपने साथ अस्पताल में किसी करीबी रिश्तेदार या मित्र को ले जाएं, ताकि सर्जरी से पहले और बाद के कार्यों में आपको मदद मिल सके।
  • यदि सर्जरी से एक दो दिन पहले आपको फ्लूजुकाम आदि के लक्षण होते हैं, तो डॉक्टर को इस बारे में बता दें ऐसे में डॉक्टर सर्जर को कुछ दिन के लिए टाल सकते हैं।
  • यह सर्जरी खाली पेट की जाती है, इसलिए आपको सर्जरी से कम से कम 8 घंटे पहले खाली पेट रहने को कहा जा सकता है।
  • अंत में आपको एक सहमति पत्र दिया जाता है, जिस पर हस्ताक्षर करके आप सर्जन को सर्जरी करने की अनुमति दे देते हैं। हालांकि, हस्ताक्षर करने से पहले उसे एक बार अच्छे से पढ़ व समझ लेना चाहिए।

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जब आप ऑपरेशन के लिए अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो आपको एक विशेष ड्रेस पहनने को दी जाती है। इसके बाद आपको ऑपरेशन थिएटर ले जाया जाता है और आपकी बांह की नस में सुई लगाकर उसे इंट्रावेनस लाइन से जोड़ दिया जाता है। इसके बाद आपको एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया जाता है, जिससे आप गहरी नींद में जो जाते हैं। एनेस्थीसिया का असर शुरू होने के बाद सर्जरी प्रोसीजर शुरू की जाती है, जो कुछ इस प्रकार है -

  • सबसे पहले नेजल सेप्टम में टेढ़ेपन के अनुसार उसपर चीरा लगाया जाता है, उसके बाद म्यूकोसल लाइनिंग को हटया जाता है। लाइनिंग के हटाने के बाद सेप्टम दिखने लगता है।
  • इसके बाद सर्जन सेप्टम के टेढ़ेपन को फिर से सामान्य आकृति मे लाते हैं, जिसके लिए आवश्यता पड़ने पर वे सेप्टम में एक या कई चीरे लगा सकते हैं।
  • सेप्टम में सही आकृति लाने केबाद म्यूकोसल लाइनिंग को उसके ऊपर कवर कर दिया जाता है और फिर टांके लगाकर उसे ठीक कर दिया जाता है।
  • सर्जरी के बाद नाक पर विशेष तरीके से पट्टी कर दी जाती है। यह पट्टी नाक से निकलने वाले द्रवों को भी अवशोषित करती रहती है और साथ ही नाक में स्कार नहीं बनने देती है।
  • इस सर्जरी को पूरा करने में लगभग एक घंटे का समय लग जाता है और पट्टी को कम से कम 2 से तीन दिन तक रखा जाता है।

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जब आप घर पहुंच जाते हैं, तो डॉक्टर आपको निम्न तरीके से देखभाल करने की सलाह देते हैं -

  • सर्जरी के बाद कुछ दिन क आपको दर्द रह सकता है, जिसके लिए दवाएं दी जाती हैं, जिन्हें डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेते रहना चाहिए।
  • नाक में सूजन आ सकती है और उस कारण से आपको ठीस से सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर आपको सूजन कम करने की दवाएं दे सकते है।
  • आपको एक विशेष स्प्रे व एंटीबायोटिक क्रीम दी जाती हैं, ताकि नाक के घावों में संक्रमण न हो पाए।
  • जितना हो सके धूल व धुएं आदि के संपर्क में न आएं, ऐसा होने पर संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है
  • नाक से कुछ दिन तक थोड़ा बहुत रक्त आ सकता है, जो कि सामान्य स्थिति है।
  • छींक आते समय मुंह को खुला रखें, ताकि नाक पर जोर न पड़े और कोई दिक्कत न हो।

ऑपरेशन के बाद पूरी तरह से ठीक होने में आपको लगभग तीन से छह महीनों का समय लग सकता है। सर्जरी के बाद लगभग एक साल बाद आपको असर दिखना शुरू हो जाता है। सेप्टोप्लास्टी सर्जरी से अधिकतर लोगों की सांस लेने में दिक्कत, खर्राटे जैसी समस्याएं ठीक हो जाती हैं।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

सेप्टोप्लास्टी के बाद यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए -

  • तेज बुखार होना
  • बार-बार उल्टी व मतली होना
  • सर्जरी वाले हिस्से में दर्द व सूजन बढ़ना
  • थकान बढ़ना
  • गंभीर दस्त या कब्ज
  • डॉक्टर द्वारा दी गई पेनकिलर लेने के बाद भी दर्द रहना

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सेप्टोप्लास्टी सर्जरी से निम्न जोखिम व जटिलताएं जुड़ी हो सकती हैं -

  • नाक में संक्रमण होना
  • अधिक ब्लीडिंग होना
  • सूंघने की क्षमता कम होना
  • नेजल सेप्टम में छिद्र हो जाना
  • ऊपरी दांत व मसूड़े सुन्न हो जाना (कुछ समय के लिए)
  • सर्जरी के बाद भी नाक की आकृति सही न बन पाना
  • सेप्टम में रक्त जमा हो जाना
  • जनरल एनेस्थीसया से होने वाले जोखिम जैसे लंग इन्फेक्शन, उलझनस्ट्रोक

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संदर्भ

  1. American Society of Plastic Surgeons [Internet]. Illinois. US; Septoplasty
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