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पेरीकार्डियोटोमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जो पेरीकार्डियम थैली से अतिरिक्त द्रव को निकालने के लिए की जाती है। पेरीकार्डियम थैली हृदय को चारों ओर से ढककर रखती है। यह दो परतों से बनी होती है, जिनके अंदर द्रव भरा होता है। ये द्रव इसीलिए जरूरी है, ताकि दोनों परतों में घर्षण न हो। हालांकि, कुछ मामलों में पेरीकार्डियम की इन परतों के अंदर अतिरिक्त द्रव भर जाता है, जिसे पेरिकार्डियल इफ्यूशन कहा जाता है। द्रव के भर जाने के कारण आपको निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं -

पेरीकार्डियोटोमी सर्जरी से पहले आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य की जांच करने के लिए डॉक्टर सीटी स्कैन, ईसीजी और ब्लड टेस्ट जैसे कुछ परीक्षणात्मक टेस्ट करेंगे। इस समय यदि आप कोई भी दवा ले रहे हैं, आपको कोई एलर्जी या अन्य कोई स्वास्थ्य समस्या है, आप धूम्रपान करते हैं या फिर शराब पीते हैं, तो डॉक्टर को बता दें।

सर्जरी के लिए आपको लोकल एनेस्थीसिया दिया जाएगा। सर्जरी के बाद आप कुछ दिनों तक अस्पताल में रहना होगा। कुछ दिनों बाद आप अपने रोजाना के कार्य कर सकते हैं। हालांकि, शारीरिक व्यायाम पर कुछ पाबंदियां होंगी। सर्जरी के सात से दस दिन बाद डॉक्टर आपको फिर से बुला सकते हैं, ताकि आपके स्वास्थ्य की जांच की जा सके।

  1. पेरीकार्डियोटोमी क्या है - Pericardiotomy kya hai
  2. पेरीकार्डियोटोमी क्यों की जाती है - Pericardiotomy kyon ki jati hai
  3. पेरीकार्डियोटोमी से पहले की तैयारी - Pericardiotomy se pehle ki taiyari
  4. पेरीकार्डियोटोमी कैसे होती है - Pericardiotomy kaise hoti hai
  5. पेरीकार्डियोटोमी के बाद देखभाल - Pericardiotomy ke baad dekhbhal
  6. पेरीकार्डियोटोमी के खतरे और जटिलताएं - Pericardiotomy ke khatre aur jatiltaein

पेरीकार्डियोटोमी या परक्यूटेनियस बैलून पेरीकार्डियोटोमी (पीबीपी) सर्जरी पेरीकार्डियम से अतिरिक्त द्रव को निकालने के लिए की जाती है। पेरीकार्डियम एक रेशेदार थैली होती है, जो हृदय को चारों ओर से घेरे हुए है। पेरीकार्डियम में दो परतें होती हैं, जिनके बीच में द्रव होता है। यदि ये परतें एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं, तो इनमें घर्षण होता है। द्रव से यह घर्षण कम होता है। हालांकि, कई बार कुछ स्थितियों के कारण पेरीकार्डियम की दोनों परतों के बीच द्रव अत्यधिक हो जाता है। इससे हृदय पर कार्यभार बढ़ जाता है और हृदय के लिए ठीक से कार्य करना मुश्किल हो जाता है।

सर्जरी की मदद से पेरीकार्डियम में से अतिरिक्त द्रव को निकाला जाता है।

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यदि आपको पेरिकार्डियल इफ्यूशन (पेरिकार्डियल स्पेस में अतिरिक्त द्रव का जमाव) है, तो डॉक्टर इस सर्जरी को करवाने की सलाह दे सकते हैं। पेरीकार्डियोटोमी क्यों की जाती है इस प्रश्न के उत्तर में निम्न कारण हो सकते हैं जैसे -

पेरिकार्डियल इफ्यूशन के लक्षण इस तरह दिखाई दे सकते हैं -

पेरिकार्डियल इफ्यूशन से कार्डियक टैम्पोनेड नामक स्थिति भी हो सकती है। इस स्थिति में अतिरिक्त द्रव को तुरंत निकालना होता है। कार्डियक टैम्पोनेड के लक्षण इस तरह से हैं -

  • मानसिक स्थिति में बदलाव
  • शॉक

यह सर्जरी निम्न लोगों पर नहीं की जा सकती है -

  • जिन्हें किसी संक्रमण के कारण पेरिकार्डियल इफ्यूशन हो
  • जिन्होंने पहले कभी न्यूमोनेक्टोमी (फेफड़े को निकालने के लिए की गयी सर्जरी) सर्जरी करवाई हो
  • जिन्हें प्लूरल इफ्यूशन हो
  • रक्त के थक्के जमने का विकार
  • इफ्यूसीव-कंस्ट्रिक्टिव पेरिकार्डाटिस
  • श्वसन तंत्र का ठीक से काम न कर पाना (एक स्थिति जिसमें फेफड़े रक्त तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाते)

सर्जरी से पहले आपको निम्न तैयारी करने को कहा जाएगा -

  • डॉक्टर पेरीकार्डियोटोमी से पहले की तैयारी के तहत निम्न टेस्ट करवाने को कहेंगे -
    • छाती का एक्स रे
    • आपके स्वास्थ्य की जांच करने के लिए ब्लड टेस्ट
    • हृदय की कार्यप्रक्रिया की जांच करने के लिए ईसीजी
    • हृदय और आसपास के अंगों की जांच करने के लिए मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) या कम्प्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन (सीटी स्कैन)
  • सर्जरी से छह घंटे पहले खाना-पीना बंद करने को कहा जाएगा
  • यदि आप किसी भी तरह की दवाएं, हर्ब्स, सप्लीमेंट या विटामिन ले रहे हैं, तो इनके बारे में डॉक्टर को बताएं
  • आप एस्पिरिन, वार्फेरिन या विटामिन ई जैसी रक्त को पतला करने वाली दवाएं न लें। इनसे सर्जरी के दौरान रक्तस्त्राव हो सकता है
  • सर्जरी से पहले धूम्रपान न करें, क्योंकि इससे आपको रिकवर होने में अधिक समय लगेगा
  • यदि आप शराब की एक-दो से अधिक ड्रिंक रोज पीते हैं, तो इसके बारे में भी डॉक्टर को बताएं
  • साथ ही निम्न के बारे में भी डॉक्टर को बता दें -
    • यदि आपको स्किन टेप, किसी दवा, किसी विशेष भोजन, आयोडीन, टेप, लेटैक्स या त्वचा को साफ़ करने वाले घोल से एलर्जी है
    • यदि आप हाल ही में जुकाम, फ्लू या बुखार के कारण बीमार हुए हैं
    • यदि आपको रक्तस्त्राव संबंधी या रक्त के थक्के जमने से जुड़ी समस्याएं हैं
  • अस्पताल में अपने साथ किसी रिश्तेदार को लेकर जाएं, क्योंकि सर्जरी के बाद घर जाने के लिए आपको किसी की सहायता चाहिए होगी
  • डॉक्टर सर्जरी की अनुमति लेने के लिए एक फॉर्म पर आपके हस्ताक्षर करवाएंगे

पेरीकार्डियोटोमी सर्जरी निम्न तरह से की जाती है -

  • आपको एक ऑपरेशन टेबल पर लेटने को कहा जाएगा
  • डॉक्टर आपकी बांह की नस में एक आइवी लाइन लगाएंगे। आपके हृदय और पेरीकार्डियम की जांच ईसीजी द्वारा की जाएगी
  • एनेस्थिसियोलॉजिस्ट आपको सर्जरी के स्थान पर लोकल एनेस्थीसिया लगाएगा
  • सर्जन आपकी त्वचा में सुई लगाएंगे। पेरीकार्डियम में सुई को ले जाने के लिए डॉक्टर ईसीजी या फ्ल्यूरोस्कोपी (एक तरह का एक्स रे) का प्रयोग कर सकते हैं
  • जब सुई सही पॉजिशन में आ जाएगी, तो डॉक्टर सुई को कैथेटर से बदल देंगे जिसके अंतिम सिरे पर एक गुब्बारा होगा
  • इसके बाद सर्जन कुछ मिनट तक गुब्बारे में हवा भरेंगे ताकि पेरिकार्डियल स्पेस के लिए एक छेद या खिड़की बनाई जा सके। डॉक्टर दो छेद के लिए एक के बजाय दो गुब्बारों का भी प्रयोग कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान आपको दर्द महसूस हो सकता है, जिसके लिए आपको दर्दनिवारक गोलियां दी जाएंगी
  • सर्जन गुब्बारे की हवा निकाल कर उसे कैथिटर से निकाल देंगे
  • अतिरिक्त द्रव को निकालने के लिए पहले कैथेटर के स्थान पर अब वे एक अन्य कैथेटर लगाएंगे
  • एक बार अतिरिक्त द्रव निकल जाने पर सर्जन दूसरा कैथेटर भी निकाल देंगे और सर्जरी के स्थान पर पट्टी कर दी जाएगी

सर्जरी के बाद आपको एक या उससे ज्यादा दिन के लिए अस्पताल में रहने को कहा जा सकता है। सर्जरी के बाद आपकी मानसिक और शारीरिक स्थिति में गड़बड़ी हो सकती है। मेडिकल टीम आपकी नब्ज, हृदय की दर, रक्तचाप और ऑक्सीजन के स्तरों की जांच करेगी। पेरीकार्डियम में हुए छेद को देखने के लिए डॉक्टर एक्स-रे या ईसीजी भी कर सकते हैं। इससे डॉक्टर को फेफड़ों में जमे द्रव के बारे में जानने में मदद मिलेगी।

पेरीकार्डियोटोमी के बाद घर पर आपको निम्न तरह से स्वयं की देखभाल करनी होगी -

  • घाव की देखरेख -
    • सर्जरी के स्थान को पानी व साबुन धोएं
    • सूखे तौलिये से इसे थपथपाकर साफ़ करें
    • सर्जरी के स्थान पर कोई भी क्रीम या लोशन न लगाएं
  • आप अपनी दिनचर्या सर्जरी के कुछ दिनों बाद शुरू कर सकते हैं
  • सर्जरी के बाद आप कब व्यायाम कर सकते हैं, वो डॉक्टर आपको बताएंगे
  • सर्जरी के बाद दो हफ्तों तक पांच किलो से अधिक वजन न उठाएं
  • सर्जरी के दो हफ्तों बाद तक गाड़ी न चलाएं

सर्जरी की मदद से आपका हृदय फिर से ठीक तरह काम करने लगेगा।

डॉक्टर के पास कब जाएं?

यदि आपको सर्जरी के बाद निम्न में से कोई भी लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर के पास तुरंत जाएं -

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पेरीकार्डियोटोमी के निम्नलिखित खतरे और जटिलताएं हो सकती हैं -

संदर्भ

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  2. Annapoorna Kini, Samin Sharma, Jagat Narula. Practical manual of interventional cardiology. London: Springer; 2014. Chapter 29,pericardiocentesis and balloon pericardiotomy;p. 293–298.
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  5. Smith SF, Duell DJ, Martin BC, Aebersold M, Gonzalez L. Perioperative care. In: Smith SF, Duell DJ, Martin BC, Gonzalez L, Aebersold M, eds. Clinical Nursing Skills: Basic to Advanced Skills. 9th ed. New York, NY: Pearson; 2016:chap 26.
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