ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी में इंप्लांट के जरिए नई ब्रेस्ट बनाई जाती है। मरीज के अपने ऊतकों या इंप्लांट से नई ब्रेस्ट बनाई जाती है। अगर ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए मैस्टेक्टोमी सर्जरी के दौरान ब्रेस्ट निकलवानी पड़ी थी, तो इस स्थिति में सर्जन ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन की सलाह दे सकते हैं।
मैस्टेक्टोमी के तुरंत बाद या कुछ महीनों या सालों बाद ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन की जा सकती है। सर्जरी से पहले डॉक्टर मैमोग्राम या ब्लड टेस्ट जैसे कुछ टेस्ट करवा सकते हैं।
सर्जरी से एक रात पहले कुछ भी न खाने-पीने की सलाह दी जाती है। जनरल एनेस्थीसिया देकर यह सर्जरी की जाती है। पेट, कूल्हों, जांघों या बैली जैसे हिस्सों से ऊतक या इंप्लांट निकाला जाता है। इससे ब्रेस्ट को बनाया जाता है।
ऑपरेशन के बाद दर्द निवारक दवा, कब्ज को कंट्रोल करना, घाव की देखभाल और जल्दी रिकवरी के लिए कुछ कामों से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी जाती है।