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एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी एक न्यूरो-सर्जरी प्रोसीजर है, जिसे टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी के लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है। टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी मस्तिष्क के टेम्पोरल लोब नामक हिस्से में विकसित होती है। टेम्पोरल लोब पांच हिस्सों से मिलकर बना होता है, जिन्हें हिप्पोकैम्पस, एमिग्डला, डेन्टेट जाइरस, अनकस और पैराहिप्पोकैम्पल जाइरस के नाम से जाना जाता है। मस्तिष्क का टेम्पोरल लोब कई महत्वपूर्ण कार्य करता है जैसे याददाश्त को बनाना और बोलने के लिए वचन तैयार करना आदि। टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी से ग्रस्त लोगों में ज्ञानेंद्रियां प्रभावित होना और शरीर के किसी अंग या हिस्से को बार-बार एक ही दिशा व गति में हिलाना आदि लक्षण देखे जाते हैं।

सर्जरी के दौरान सर्जन एमिग्डला और हिप्पोकैम्पस के कुछ व अधिकतर हिस्से को निकाल देते हैं। सर्जरी से पहले ही आपको जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा दिया जाता है, जिससे आप सर्जरी के दौरान सो जाते हैं। सर्जरी के बाद आपको तीन से चार दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता है। इस सर्जरी से आपके जीवन में काफी सुधार होता है।

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  1. एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी क्या है - What is Amygdalohippocampectomy in Hindi
  2. एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी किसलिए की जाती है - Why is Amygdalohippocampectomy done in Hindi
  3. एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी से पहले - Before Amygdalohippocampectomy in Hindi
  4. एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी के दौरान - During Amygdalohippocampectomy in Hindi
  5. एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी के बाद - After Amygdalohippocampectomy in Hindi
  6. एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी की जटिलताएं - Complications of Amygdalohippocampectomy in Hindi

एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी सर्जरी क्या है?

एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी एक प्रकार का न्यूरोसर्जिकल प्रोसीजर है, जिसे टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी का इलाज करने के लिए किया जाता है।

एपिलेप्सी एक ऐसा विकार है, जिसमें किसी व्यक्ति के मस्तिष्क में असामान्य विद्युत गतिविधियां होने लगती हैं और परिणामस्वरूप दौरे पड़ने लगते हैं। दौरे पड़ने पर शरीर के हिलने-ढुलने की गति, व्यवहार और जागरुकता के स्तर में वृद्धि होती है। जब दौरे मस्तिष्क के टेम्पोरल लोब में विकसित होते हैं, तो इस स्थिति को टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी कहा जाता है। शरीर में दो टेम्पोरल लोब होते हैं, जो सिर के दोनों तरफ कान के पास होते हैं। अधिकतर मामलों में टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी टेम्पोरल लोब के मेजियल (बीच वाले) हिस्से में विकसित होती है। मेजियल हिस्सा हिप्पोकैम्पस और एमिग्डाला से मिलकर बना होता है। ये संरचनाएं शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्य करती हैं जैसे अचेतन प्रतिक्रियाओं (प्यास, भूख और भावनाएं) को नियंत्रित करना, ध्वनि बनाना, सूंघने की शक्ति को नियंत्रित करना, बोलने के लिए वचन तैयार करना और दृष्टि के संकेतों को समझना। टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी कई कारणों से हो सकती है, जिसमें मस्तिष्क में चोट लगना, सूजन, ट्यूमर, संक्रमण और शराब की लत लगना आदि शामिल हैं। एपिलेप्सी मेजियल टेम्पोरल लोब के हिप्पोकैम्पस हिस्से में विकसित होती है, जो एमिगडाला को भी प्रभावित करती है। इसलिए जिन लोगों के मेजियल टेम्पोरल लोब में एपिलेप्सी होती है, उनके लिए एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी सर्जरी काफी मददगार है।

एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी सर्जरी में हिप्पोकैम्पस के अधिकतर और एमिगडाला के कुछ हिस्से को निकाल दिया जाता है। ये हिस्से टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी से ग्रस्त लोगों में पहले से ही ठीक से काम नहीं कर पाते हैं, इसलिए सर्जरी की मदद से इसे निकालने पर कोई विकलांगता नहीं होती है।

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एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी सर्जरी किसलिए की जाती है?

यदि मिर्गी मस्तिष्क के मेजियल टेम्पोरल हिस्से में विकसित हो रही है और दवाओं से इसे ठीक नहीं किया जा रहा है, तो एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी सर्जरी की जा सकती है। टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी में आपको दौरे पड़ते हैं, जिस दौरान आपको होश रह भी सकता है और नहीं भी। इस दौरान आपको निम्न लक्षण होते हैं, जो लगातार कुछ सेकेंड से दो मिनट तक रह सकते हैं -

  • बोलने में दिक्कत
  • ऐसा लगना कि जैसे आपको पहले ऐसा महसूस हो चुका है (देजा वू)
  • ज्ञानेंद्रियां ठीक से काम न कर पाना
  • वस्तु सामान्य से छोटी या बड़ी दिखाई देना
  • अचानक से गुस्सा, डर, खुशी या निराशा महसूस होना
  • पढ़ न पाना या सुने हुए शब्दों को समझ न पाना
  • किसी एक गतिविधि या व्यवहार को बार-बार करना

एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी सर्जरी किसे नहीं करवानी चाहिए?

यदि आपको निम्न में से कोई भी समस्या है, तो यह सर्जरी नहीं की जाती -

  • सीवियर बाइलैटरल हिप्पोकैम्पल एट्रोफी और उसके दूसरी तरफ के हिस्से में याददाश्त प्रक्रिया ठीक से काम न कर पाना
  • पहले कभी एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी या कॉन्ट्रालेटरल टेम्पोरल लोब को निकालने की सर्जरी हुई होना
  • एक्स्ट्राटेम्पोरल फोकल एपिलेप्सी (टेम्पोरल लोब के बाहरी हिस्से में मिर्गी होना)
  • इडियोपैथिक जनरलाइज्ड एपिलेप्सी (आनुवांशिक कारणों से मिर्गी होना)
  • टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी जो मेजियल टेम्पोरल रिजन में विकसित न हो रही हो
  • साइकोजेनिक नोनएपिलेप्टिक सीजर (बिना किसी न्यूरोलॉजिक समस्याओं के सर्जरी होना)
  • याददाश्त प्रभावित होने के खतरे के कारण मेजियल टेम्पोरल ऑनसेट सीजर होना और साथ ही निम्न समस्याएं होना
  • डॉमिनेंट टेम्पोरल लोब फॉसी, जो विशेष रूप से उन लोगों में देखी जाती है, जिन्हें वयस्क होने के बाद मिर्गी होने लगती है।
  • इंडिपेंडेंट बाइटेम्पोरल ऑनसेट सीजर

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एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी सर्जरी से पहले क्या तैयारी की जाती है?

सर्जरी से कुछ दिन पहले एक बार आपको अस्पताल बुलाया जाता है, जिस दौरान कुछ विशेष टेस्ट किए जाते हैं -

  • एमआरआई स्कैन -
    इस टेस्ट की मदद से मस्तिष्क में ट्यूमर आदि की जांच की जाती है। (और पढ़ें - एमआरआई स्कैन क्या है)
  • इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राम -
    इसे ईईजी भी कहा जाता है, जिसकी मदद से मस्तिष्क की विद्युत गतिविधियों की जांच की जाती है।
  • पॉजीट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी स्कैन -
    इसे पेट स्कैन भी कहा जाता है, जो मस्तिष्क के मेटाबॉलिज्म की जांच करके पता लगाता है कि मिर्गी कहां उठ रही है।
  • सिंगल फोटोन एमिशन कंप्यूटेड टोमोग्राफी -
    इस टेस्ट की मदद से मस्तिष्क में रक्त के बहाव की जांच की जाती है और उस जगह की पहचान की जाती है जहां से मिर्गी शुरू हो रही है। (और पढ़ें - मिर्गी का आयुर्वेदिक इलाज)

इसके अलावा आपको ब्लड और यूरिन टेस्ट करवाने को भी कहा जाता है, जिससे आपके स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं का पता लगाया जाता है। साथ ही आपके स्वास्थ्य संबंधी पिछली जानकारियों के बारे में पूछा जाता है, ताकि यह पता लगाया जाए कि कहीं आपको कोई समस्या तो नहीं हो रही है।

सर्जरी से पहले आपको निम्न सलाह दी जाती है -

  • यदि आप किसी भी प्रकार की दवा, हर्बल उत्पाद, विटामिन, मिनरल या अन्य कोई सप्लीमेंट ले रहे हैं तो डॉक्टर को बता दें। इनमें से कुछ दवाओं को डॉक्टर एक निश्चित समय के लिए छोड़ने की सलाह देते हैं, जिनमें मुख्य रूप से रक्त पतला करने वाली दवाएं शामिल हैं जैसे एस्पिरिन, वारफेरिन और विटामिन ई आदि। हालांकि, यदि आप मिर्गी रोकने की दवाएं ले रहे हैं, तो उन्हें डॉक्टर से पूछ कर ले सकते हैं।
  • यदि आपको स्वास्थ्य संबंधी कोई रोग या एलर्जी है या फिर आप गर्भवती हैं तो डॉक्टर को इस बारे में बता दें।
  • यदि आप धूम्रपान या शराब पीते हैं, तो डॉक्टर आपको सर्जरी से कुछ दिन पहले और बाद तक इसे छोड़ने की सलाह दे सकते हैं।
  • सर्जरी के लिए अस्पताल जाने से पहले नहा लें और मेकअप न करें। साथ ही यदि आपने कोई आभूषण या गैजेट पहना है, तो उसे भी घर पर ही उतारकर जाएं।
  • सर्जरी से पहले कम से कम छह घंटे तक आपको कुछ भी खाने या पीने से मना किया जाता है।
  • अंत में आपको सहमति पत्र दिया जाता है, जिसपर हस्ताक्षर करके आप सर्जन को सर्जरी करने की अनुमति दे सकते हैं। हालांकि, सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने से पहले आपको एक बार उसे अच्छे से पढ़ व समझ लेना चाहिए।

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एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी सर्जरी कैसे की जाती है?

जब आप सर्जरी के लिए अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो स्टाफ आपको हॉस्पिटल गाउन देते हैं। इसके बाद एमआरआई स्कैन किया जाता है, जिससे सर्जरी का मार्गदर्शन होता है। आपकी बांह या हाथ की नस में सुई लगाकर इंट्रावेनस लाइन शुरू की जाती है, जिसकी मदद से आपको सर्जरी के दौरान दवाएं व आवश्यक द्रव दिए जाते हैं।

इसके बाद आपको ऑपरेशन थिएटर ले जाकर जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया जाता है। एनेस्थीसिया का असर शुरू होते ही आपको गहरी नींद आ जाती है और आपको सर्जरी के दौरान कुछ महसूस नहीं होता है। एक विशेष ट्यूब को आपके मूत्रमार्ग से होते हुए मूत्राशय में डाल दिया जाता है, जिससे पेशाब को बाहर निकाला जाता है। एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी का सर्जिकल प्रोसीजर कुछ इस प्रकार है -

  • आपके सिर को ऑपरेशन टेबल पर रखा जाता है और थ्री पिन फिक्सेशन डिवाइस की मदद से उसे स्थिर किया जाता है।
  • इसके बाद जिस हिस्से की सर्जरी की जानी है, उसकी शेविंग की जाती है और उसे एंटीसेप्टिक सॉल्यूशन से साफ किया जाता है।
  • जिस हिस्से की सर्जरी करनी है वहां पर निशान लगाए जाते हैं और फिर लोकल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर सुन्न कर दिया जाता है।
  • एक विशेष ड्रिल उपकरण की मदद से खोपड़ी में छिद्र बनाया जाता है और फिर चीरे वाले हिस्से से हड्डी के एक हिस्से को निकाल दिया जाता है।
  • मस्तिष्क को ढकने वाली परत को हटा दिया जाता है, जिससे मस्तिष्क दिखने लगता है।
  • सर्जिकल माइक्रोस्कोप की मदद से मस्तिष्क के हिप्पोकैम्पस और एमिग्डाला के हिस्से को निकाल दिया जाता है।
  • अंत में चीरे वाले हिस्से को बंद करके टांके लगा दिए जाते हैं। हड्डी को स्थिर रखने के लिए प्लेट लगा दी जाती हैं।

सर्जरी प्रोसीजर पूरा होने के बाद आपको आईसीयू में शिफ्ट कर दिया जाता है। सर्जरी के बाद आपको तीन से चार दिन तक अस्पताल में रहना पड़ता है। अस्पताल में इस दौरान निम्न प्रक्रियाएं की जाती हैं -

  • आपके स्वास्थ्य की करीब से देखभाल करने के लिए आपको आईसीयू में रखा जाता है।
  • मस्तिष्क में सूजन होने से बचाने के लिए विशेष दवाएं दी जाती हैं।
  • मस्तिष्क में दबाव की जांच करने और अतिरिक्त द्रव को निकालने के लिए ब्रेन इंट्राक्रेनियल प्रेशर डिवाइस और एक्सटर्नल वेंट्रिकुलर ड्रेन नामक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है।
  • जब आपकी स्वास्थ्य स्थिति स्थिर दिखती है, तो आपको रिकवरी रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है। आईसीयू के बाद भी आपको कुछ घंटों तक ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ सकती है।
  • फेफड़ों में स्लीव की आकृति वाले सिक्वेंशियल कम्प्रेशन डिवाइस लगा दिए जाते हैं। एक एयर कंप्रेसर मशीन स्लीव में हवा को अंदर व बाहर करती है, ताकि रक्त के थक्के न बन पाएं।
  • सर्जरी के अगले दिन ही पेशाब निकालने वाली ट्यूब को भी निकाल दिया जाता है।
  • अस्पताल में आपके सिर के नीचे एक या दो तकिए लगाकर उसे ऊपर रखा जाता है,  जिससे सूजन कम हो जाती है।
  • आपके अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान ही आपको ब्रीदिंग एक्सरसाइज सिखाते हैं जिससे आपको सांस लेने में मदद मिलती है और परिणामस्वरूप निमोनिया होने से रोकथाम होती है।
  • आपको रोजाना थोड़ा बहुत चलने-फिरने की सलाह दी जाती है, ताकि शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बना रहे।

(और पढ़ें - ब्लड सर्कुलेशन धीमा होने का कारण)

एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी सर्जरी के बाद की देखभाल कैसे की जाती है?

सर्जरी के बाद जब आप घर पहुंच जाते हैं, तो इस दौरान आपको निम्न देखभाल करने की सलाह दी जाती है -

  • घाव को सूखा रखें और जब तक सर्जरी के टांके न निकाले जाएं सिर धोने से मना किया जाता है। जब आपको सिर धोने की अनुमति दी जाती है, तब भी आपको सिर को ज्यादा रगड़ना नहीं चाहिए।
  • जब तक सिर के घाव पूरी तरह से ठीक न हो जाएं, तब तक विग न लगाएं।
  • सर्जरी के बाद कई हफ्तों तक कोई भारी वस्तु उठाने या अधिक मेहनत वाले व्यायाम करने से मना किया जाता है।
  • आपको धीरे-धीरे अपनी शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने की सलाह दी जाती है। आपको शुरुआत में थोड़ा-बहुत चलने फिरने को कहा जाता है और फिर अगले कुछ दिनों तक धीरे-धीरे गति व दूरी बढ़ाने की सलाह दी जाती है।
  • आपको खांसने व गहरी सांस लेते समय सिरदर्द महसूस हो सकता है, इसके लिए डॉक्टर कुछ दवाएं देते हैं। इन दवाओं को डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेते रहें।
  • डॉक्टर व हॉस्पिटल स्टाफ द्वारा बताई गई ब्रीदिंग एक्सरसाइज व अन्य शारीरिक गतिविधियों को नियमित रूप से करते रहें।
  • ड्राइविंग या किसी अन्य मशीन को ऑपरेट करना शुरू करने से पहले डॉक्टर से अनुमति ले लें।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आपको एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी सर्जरी के बाद निम्न में से कोई भी समस्या हो रही है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें -

(और पढ़ें - सांस फूलने का कारण)

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एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी से क्या जोखिम हो सकते हैं?

एमिग्डलोहिप्पोकैम्पेक्टमी सर्जरी से निम्न जोखिम व जटिलताएं हो सकती हैं -

  • संक्रमण
  • अत्यधिक रक्तस्राव
  • मूड संबंधी समस्याएं होना
  • दृष्टि संबंधी समस्याएं
  • याददाश्त व भाषा संबंधी समस्याएं होना
  • सर्जरी के बाद भी लक्षणों में कोई सुधार न होना

इसके अलावा सर्जरी प्रोसीजर के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली एनेस्थीसिया से भी कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं जैसे फेफड़ों में संक्रमण, उलझन, स्ट्रोक और हार्ट अटैक आदि।

(और पढ़ें - हार्ट अटैक आने पर क्या करना चाहिए)

संदर्भ

  1. Spencer D, Burchiel K. Selective amygdalohippocampectomy. Epilepsy Res Treat. 2012;2012:382095. PMID: 22957229.
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  6. Hernandez A, Sherwood ER. Anesthesiology principles, pain management, and conscious sedation. In: Townsend CM Jr, Beauchamp RD, Evers BM, Mattox KL, eds. Sabiston Textbook of Surgery. 20th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2017:chap 14
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