एब्डोमिनोप्लास्टी में कम से कम दो से चार घंटो का समय लगता है। अस्पताल में भर्ती होने के बाद एब्डोमिनोप्लास्टी की प्रक्रिया शुरू की जाती है, जो कुछ इस प्रकार है -
- सबसे पहले मरीज की बांह में एक इंट्रावेनस लाइन लगाई जाती है, जिसकी मदद से शरीर में आवश्यक द्रव व दवाएं पहुंचाई जाती हैं।
- सर्जरी शुरू करने से पहले ही आपको एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा दिया जाता है, ताकि आप गहरी नींद में सो जाएं और सर्जरी के दौरान आपको दर्द या किसी प्रकार की तकलीफ महसूस न हो।
एब्डोमिनोप्लास्टी प्रक्रिया को आमतौर पर निम्न में से किसी एक प्रक्रिया की मदद से किया जाता है -
- कम्पलीट एब्डोमिनोप्लास्टी
- पार्शियल या मिनी एब्डोमिनोप्लास्टी
- सर्कमफेरेन्शल एब्डोमिनोप्लास्टी
एब्डोमिनोप्लास्टी प्रक्रिया को निम्न तरीके से किया जाता है -
इस प्रक्रिया में सबसे पहले मरीज के पेट में नाभि के पास एक कट लगाया जाता है। कट इस प्रकार से लगाया जाता है, जिसकी मदद से चर्बी के अतिरिक्त हिस्से को अलग किया जा सके। उसके बाद सर्जन मांसपेशियों को एक-दूसरे से मिलाकर उन्हें जोड़ देते हैं और एक जगह पर स्थिर कर देते हैं। उसके बाद पेट की मांसपेशियों को एक तरफ खींचा जाता है, ताकि वह एक जगह पर जमा न हो पाए।
यदि ऐसी स्थिति में नाभि दिख नहीं रही है या फिर अपनी जगह से हट गई है, तो सर्जन दूसरी तरफ कट लगाते हैं, ताकि त्वचा को खींचकर नाभि को अपनी जगह पर लाया जा सके।
कट को जोड़ने के लिए सर्जिकल ग्लू या टांकों का इस्तेमाल किया जाता है। ये टांके अपने आप त्वचा में ही गलकर मिल जाते है या फिर इन्हें बाद में निकाला जाता है।
सर्जिकल प्रक्रिया के बाद आपको रिकवरी रूम में भेज दिया जाता है और दर्द को कम करने व संक्रमण होने से रोकने के लिए कुछ दवाएं दी जाती हैं।
सूजन आदि को कम करने के लिए आपको कुछ हल्के दबाव वाले कपड़े पहनने की सलाह दी जाएगी, ताकि पेट की आकृति बनने में मदद मिल पाए।
रक्त गाढ़ा होने से रोकने के लिए आपको एंटी-कॉएग्युलेंट दवाएं दी जाएंगी, ताकि खून का थक्का न बनने पाए।
सर्जरी होने के बाद पहले ही दिन आपको थोड़ा बहुत चलने-फिरने की सलाह दी जाएगी, ताकि आपके शरीर में रक्त ठीक से संचारित होता रहे और रक्त का थक्का न बन पाए।