पंचामृत सिरप में हर्बल सामग्री भरीराज, पुनर्नवा, पारपत, मेकॉय, भुइमला, चित्रक, अजवेन, रोहितक, पापिता, विदांग, मेन्थॉल, श्री पंख, कुत्की, त्रिकातु, कासनी, गिलॉय और कलमेघा शामिल हैं।
मुख्य सामग्रियों की भूमिका: हर्बल सामग्री, पौष्टिक पौधे को उत्तेजित करके, ग्रंथियों को उत्तेजित करने और पाचन प्रक्रिया के लिए आवश्यक एंजाइम प्रदान करके पाचन प्रक्रिया को मजबूत करती है। पंचमृत सिरप हर्बल घटक का एक संतुलित संयोजन है जिसे पाचन टॉनिक के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसका उपयोग चिड़चिड़ा हुआ आंत्र, मरम्मत क्षतिग्रस्त ऊतकों को सूजन और पाचन अंगों को राहत प्रदान करता है। यह सिरप किसी भी मौसम में और किसी भी उम्र में लिया जा सकता है।
उपयोग की दिशा: भोजन के बाद रोजाना 10 से 15 मिलीलीटर पंचमत्र सिरप लें।
Panchamrit के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Panchamrit Side Effects in Hindi
चिकित्सा साहित्य में Panchamrit के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Panchamrit का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
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