पल्सिनूरन कैप्सूल एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका उपयोग सीएनएस (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र) के पक्षाघात और न्यूरो-पेशी संबंधी विकारों के इलाज में किया जाता है। हेमिपेगिया (शरीर के एक तरफ पक्षाघात) और तंत्रिका चोट में भी यह प्रभावी है। पल्सिनूरन कैप्सूल में हयात सामग्री शामिल हैं जैसे महावतविभूषण, समीर पंनाग, एकंगवीर रस, सुखेखेखर, लाजारी और खुरासनी ओवा।
मुख्य सामग्रियों की भूमिका:
सीएनएस और पीएनएस में चयापचय प्रक्रिया में सुधार के लिए महावतविश्वन ने तंत्रिका-पेशी संचार को सक्रिय किया।
समीरपन्नाग ऊतक ऑक्सीकरण में सुधार और प्रभावित क्षेत्रों में रक्त की आपूर्ति को नियंत्रित करता है,
एकंगवीर रस क्षतिग्रस्त तंत्रिकाओं और रक्त वाहिकाओं के उपचार को बढ़ावा देता है।
सुथेखेखर क्षतिग्रस्त अंगली की तेजी से चिकित्सा के लिए पौष्टिक सहायता प्रदान करता है
लजारी ने तंत्रिका-घावों पर पुनर्योजी प्रभाव पड़ता है।
खुरासानी ओवा ने न्यूरो-जलन की जांच की।
यह सीएनएस और पीएनएस, हेमिपेलिया, सामान्य पक्षाघात, चेहरे का पक्षाघात, हाथ कंधे सिंड्रोम, आक्षेप, पूरे शरीर की कठोरता, कटिस्नायुशल, नसों का दर्द (तंत्रिका दर्द), बछड़ों में ऐंठन, म्यलगीआ (मांसपेशियों में दर्द) के न्यूरो-पेशी संबंधी विकारों के मामलों में संकेत मिलता है। और अन्य तंत्रिका-पेशी समस्याओं
खुराक: शहद के साथ एक कैप्सूल सिबलिंगुअल प्रशासन (कैप्सूल जीभ के नीचे रखा जाता है) से 2-3 गुना रोज़ तेजी से अवशोषण पैदा करता है।
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