एंट्रोसीन ड्रॉप्स में कूरी, सोम्ब्रा, लोढ़रा, हल्दी, भिंगराज, बिरांगा, मोग्रास, नगर मुथा, बैल शूट, ग्लिसरीन और सोरबिटोल शामिल हैं।
मुख्य सामग्रियों की भूमिका:
कुची एक औषधीय जड़ी बूटी है जो कि पाचन संबंधी समस्याओं, अतिसार, रक्त विकार, बुखार और अत्यधिक श्लेष्म का इलाज करती है।
लोढ़रा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो रक्तस्राव संबंधी विकारों, अतिसार, त्वचा विकार और आंखों के विकारों का इलाज करता था।
हल्दी का उपयोग जिगर की समस्याओं, पाचन विकार, त्वचा रोग और घाव भरने के लिए किया जाता है।
भृंगराज एक शक्तिशाली जिगर टॉनिक के रूप में इस्तेमाल एक जड़ी बूटी है
मोच्रास एक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग दस्त, और पेचिश के इलाज में किया जाता है।
एंट्रोसीन ड्रॉप्स को पाचन में सहायता के लिए प्रयोग किया जाता है।
उपयोग की दिशा:
एंट्रोसीन ले लो मौखिक रूप से
चिकित्सा पर्यवेक्षण के अंतर्गत उपयोग करें