आजकल के बदलते लाइफस्टाइल के वजह से लोगों को सबसे ज्यादा पाचन से जुड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ज्यादातर लोग इसकी वजह तले-भुने खाद्य पदार्थ व गलत समय पर खाने को मानते हैं. यह सच भी है, लेकिन शायद कई लोग इस बात को नहीं जानते कि सिर्फ खाना ही नहीं, बल्कि रात को सही पोजीशन में सोने से भी पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम कर सकता है. आइ इस आर्टिकल में हम पाचन के लिए बेस्ट स्लीपिंग पोजीशन की जानकारी दे रहे हैं. तो लेख को अंत तक जरूर पढ़ें.

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  1. बेहतर पाचन के लिए बाएं करवट लेकर सोएं
  2. बाएं करवट लेकर सोने के फायदे
  3. बाएं करवट लेकर सोने से जुड़े टिप्स
  4. सारांश
बेहतर पाचन के लिए सोने का सही तरीका के डॉक्टर

बाएं करवट सोने से न सिर्फ पेट की परेशानियां, बल्कि पूरे स्वास्थ्य पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. दरअसल, जब आप बाईं ओर करवट लेकर सोते हैं, तो ग्रैविटी यानी गुरुत्वाकर्षण अपशिष्ट पदार्थ को बड़ी आंत के ऊपरी हिस्से तक और फिर डाइजेस्टिव सिस्टम के फाइनल भाग तक ले जाता है और इस प्रक्रिया के कारण सुबह आपको मल त्याग में आसानी होती है.

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बाएं करवट लेकर सोने से न सिर्फ पाचन तंत्र बेहतर होता है, बल्कि कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हो सकते हैं, जिसके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है -

पाचन में मददगार

बाईं तरफ सोने के दौरान व्यक्ति के छोटे आंत से अपशिष्ट पदार्थ इलियोसेकल वाल्व के माध्यम से बड़ी आंत में चले जाते हैं. यही कारण है कि बाईं ओर करवट लेकर सोने से पाचन से जुड़ी समस्या से काफी हद तक राहत मिल सकती है.

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सीने में जलन से राहत

बाईं ओर करवट लेकर सोने से सीने में जलन की परेशानी से काफी हद तक आराम मिल सकता है. बाईं ओर सोने से पाचन क्रिया में सुधार होने की यह थ्योरी आयुर्वेद से शुरू हुई है, लेकिन मॉडर्न रिसर्च भी इसे मानती है. साल 2010 में हुई एक स्टडी में 10 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और उन्होंने पाया कि दाईं ओर लेटने से उनमें सीने में जलन की समस्या में वृद्धि पाई गई. वहीं, शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि अगर हम बाईं तरफ करवट लेकर लेटते हैं, तो सोते समय पेट और उसका गैस्ट्रिक रस अन्नप्रणाली से नीचे रहता है. यही कारण है कि इससे सीने में जलन की समस्या से राहत मिल सकती है. 

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मस्तिष्क पर प्रभाव

पीठ या पेट के बल सोने की तुलना में, बाईं या दाईं ओर सोने से आपके शरीर को मस्तिष्क से अंतरालीय अपशिष्ट (interstitial waste) को साफ करने में मदद मिल सकती है. इससे अल्जाइमरपार्किंसंस और अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का जोखिम काफी हद तक कम हो सकता है. यह बात एक स्टडी में सामने आई है.

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खर्राटों या स्लीप एपनिया की समस्या कम करे

बाएं ओर करवट लेकर सोने का असर खर्राटों या स्लीप एपनिया पर भी पड़ता है. करवट लेकर सोने से आपकी जीभ आपके गले में जाने से बच जाती है और आपके वायुमार्ग को आंशिक रूप से ब्लॉक कर देती है. यदि करवट लेकर सोने से आपके खर्राटे कम नहीं होते हैं या आपको लगता है कि आपको स्लीप एपनिया है, तो बेहतर है कि इस बारे में डॉक्टर या एक्सपर्ट से जरूर बात करें.

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यह तो आप जान गए कि बाएं करवट लेकर सोने से क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं. तो अब हम यहां कुछ टिप्स शेयर कर रहे हैं, जिसे आप साइड करवट लेकर सोते वक्त ध्यान में रख सकते हैं -

  • सोते वक्त हमेशा आरामदायक तकिया का उपयोग करें. 
  • आप जब भी बाएं करवट लेकर सोएं, तो साइड में एक तकिया लेकर सोएं, ताकि आप नींद में गिरे नहीं. 
  • आप दोनों घुटनों के बीच भी एक तकिया लेकर सो सकते हैं, इससे आपको काफी आरामदायक नींद आएगी. 
  • बीच-बीच में थोड़ी-थोड़ी देर के लिए पोजीशन बदलते भी रहें, ताकि आपके हाथ-पैरों में दर्द न हो.

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ये थे स्लीप पोजीशन और पाचन तंत्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी. अब आप समझ गए होंगे कि सिर्फ खाना ही नहीं, बल्कि आपकी नींद या आपके सोने का पोजीशन भी पाचन के लिए कितना जरूरी है. अगर आपको भी डाइजेशन से जुड़ी समस्या है, तो आप भी इस नुस्खे को आजमाकर देखें.

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