वायरल फीवर एक ऐसा बुखार है जो वायरल इन्फेक्शन के कारण होता है और इसे आम भाषा में वायरल भी कहा जाता है। बच्चों और बूढ़े लोगों में वायरल बुखार होना काफी आम होता है, क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है और उनका शरीर वायरस से लड़ नहीं पाता। वायरस सूक्ष्म जीवाणु होते हैं, जो आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाते हैं। जब आप को वायरस के कारण कोई समस्या होती है, जैसे सर्दी जुकाम, तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर का तापमान बढ़ा देती है ताकि वायरस जीवित न रह सके। बुखार अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि ये किसी अंदरूनी समस्या का संकेत होता है। बुखार होने का मतलब होता है कि आपका शरीर वायरस से लड़ रहा है।
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वायरल फीवर में बुखार के अलावा थकान, चक्कर आना, आंखों में जलन, दस्त, उल्टी, कमजोरी और सिरदर्द जैसी समस्याएं होती हैं। ये आमतौर पर खतरनाक नहीं होता है, लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में इससे जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे कोमा, मिर्गी, किडनी फेलियर आदि।
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वायरस के कारण होने वाली बीमारियों का कोई इलाज नहीं है। हालांकि, इसके लक्षणों का इलाज किया जा सकता है लेकिन इसे ठीक करने में कुछ दिनों से लेकर एक हफ्ते का समय तक लग सकता है। वायरल बुखार में खाने-पीने संबंधी कुछ बदलाव और अन्य घरेलू उपाय करने से आप जल्दी ठीक हो सकते हैं।
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इस लेख में वायरस फीवर हो जाए तो क्या करें और इसके लिए आपको डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए के बारे में बताया गया है।