अगर यीस्ट संक्रमण को अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो इससे ग्रस्त महिला को बेचैनी, योनि में जलन और डिस्चार्ज जैसी समस्या भी हो सकती है, लेकिन यह संक्रमण स्थायी रूप से योनि में किसी तरह का नुकसान नहीं करता है और न ही इससे ग्रस्त महिला को प्रजनन संबंधी समस्या या योनि पर निशान जैसी समस्या दीर्घकालीन समय तक रहती है।
जी नहीं, योनि में यीस्ट संक्रमण होने पर योनि से अक्सर गाढ़ा, चिपचिपा और सफेद रंग का डिस्चार्ज होता है जिसमें किसी तरह की गंध नहीं होती (या यह सामान्य से थोड़ी अलग तरह की गंध भी करता है)। अधिकतर यीस्ट संक्रमण होने पर महिलाओं को योनि में खुजली, जलन और योनि के आस-पास रेडनेस हो जाती है। जितने लंबे समय तक महिलाओं में यह संक्रमण रहता है, उनमें योनि में खुजली की समस्या बढ़ जाती है।
जिन महिलाओं को योनि में सूजन हो जाती है, अक्सर उन्हें ऐसा लगता है कि उन्हें योनि में यीस्ट संक्रमण हो गया है, जबकि यह कई तरह की आशंकाओं में से एक है। योनि में खुजली, एलर्जी, यौन संबंध बनाने से संचारित संक्रमण, योनि में सिस्ट या रफ सेक्स (अधिक तीव्रता या गलत तरीके से सेक्स करना) की वजह से हो सकता है। इसका इलाज इससे ग्रस्त महिला की स्थिति पर निर्भर करता है इसलिए आप गयनेकोलॉजिस्ट से मिलें और उनसे सलाह लें।
क्रैनबेरी जूस योनि में यीस्ट संक्रमण को ठीक करने में मदद कर सकता है। जब आप नियमित रूप से इसका सेवन करती है, तो यह आपको दोबारा यीस्ट संक्रमण होने से बचाता है। क्रैनबेरी जूस किडनी स्टोन की समस्या में भी मदद करता है। यह पेशाब में कैल्शियम की मात्रा और हाइड्रोजन की क्षमता को कम करके मदद करता है।
जी हां, ऐसा हो सकता है। पुरुषों में भी यीस्ट संक्रमण होता है। अगर कोई पुरुष योनि में यीस्ट संक्रमण से ग्रस्त महिला के साथ अनप्रोटेक्टेड सेक्स करता है, तो उसे यीस्ट इंफेक्शन हो सकता है। पुरुषों में इस समस्या को बैलेनाइटिस कहते हैं, जिसमें पेनाईल सूजन यानि कि लिंग के अगले हिस्से (मुंड) में सूजन आ जाती है। मुख्य रूप से इसका कारण संक्रमण होता है। लिंग की सूजन काफी तकलीफ देने वाली होती है और कई बार यह दर्दनाक भी हो सकती है। जिन पुरुषों का खतना (Circumcised) हुआ होता है, उन लोगों में यह समस्या होने की आशंका बहुत कम होती है।
यीस्ट संक्रमण से ग्रस्त होने पर डाइट में कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल करने से यीस्ट संक्रमण से बचने और इसे कम करने में मदद मिल सकती है। सफेद आटा व लसदार अनाज जैसे चावल खाएं और दूध से बने डेरी पदार्थ खाएं एवं यीस्ट से खमीर की गई चीजों को न लें जैसे शराब।
मैग्नीशियम सल्फेट को सेंधा नमक के नाम से भी जाना जाता है, जो यीस्ट इंफेक्शन के संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है। एक टब में गर्म पानी भरें, अब इसमें 2 कप सेंधा नमक डालें और तकरीबन 20 मिनट के लिए इस पानी में बैठें। इस उपाय से आप बेहतर महसूस करेंगी।
कंडोम दो अलग-अलग तरीकों से यीस्ट संक्रमण को बढ़ावा दे सकता है। कंडोम को एक लुब्रिकेंट (चिकना पदार्थ) के साथ पैक किए जाता है जिसमें नॉनऑक्सिनॉल-9 होता है, यह एक शुक्राणुनाशक होता है जो एचआईवी वायरस को मार सकता है। अगर महिला या पुरुष को लेटेक्स से एलर्जी है, तो कंडोम की वजह से भी उन्हें यीस्ट संक्रमण हो सकता है। हालांकि, ऐसा होना आम नहीं है। 'लेटेक्स एलर्जी' लेटेक्स रबड़ (रबड़ के पेड़ से मिलने वाला एक उत्पाद) में मौजूद कुछ प्रोटीन के प्रति होने वाली प्रतिक्रिया को लेटेक्स एलर्जी कहते हैं। इसके संपर्क में आने से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। रबड़ के दस्ताने व अन्य उत्पादों जैसे कंडोम या मेडिकल उपकरणों से भी ये एलर्जी हो सकती है।
जी नहीं, योनि में यीस्ट संक्रमण के लिए आप यूरिन इंफेक्शन की सिरप न लें, यह इस संक्रमण को ठीक नहीं कर सकता। इसके लिए आप टैबलेट Doxy-1 100 एमजी दिन में 2 बार 10 दिन के लिए लें और कैंडिड क्रीम योनि के अंदर और बाहर दिन में 2 बार लगाएं।
जी हां, आपको योनि में यीस्ट संक्रमण है, जिसके लिए ट्रीटमेंट लेने की जरूरत है। इस स्थिति में आप प्रेगनेंसी प्लान नहीं कर सकतीं। प्रेगनेंसी प्लान करने के लिए पहले इस संक्रमण के लिए इलाज लें और उसके बाद ही प्रेगनेंसी प्लान करें। अगर आप इसका इलाज किए बगैर प्रेगनेंसी के लिए यौन संबंध बनाती है, तो इस संक्रमण की वजह से शिशु पर भी बुरा असर पड़ सकता है।