कई बार प्रेगनेंसी के दौरान यह महसूस हो सकता है कि बच्चेदानी नीचे आ रही है। ऐसा होना नॉर्मल है लेकिन फिर भी आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आप गायनेकोलॉजिस्ट से मिलकर अपनी जांच करवा लें।
बच्चेदानी निकलवाने के बाद पानी आने का मतलब है कि आपकी योनि में संक्रमण है। आप इसका इलाज करवा लें। इलाज के दौरान आपको सेक्स नहीं करना है। यह ट्रीटमेंट आपको और आपके पति दोनों को लेना पड़ेगी। आप दोनों इन दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं: टैबलेट डॉक्सी-1 100 एमजी की गोली 10 दिन के लिए दिन में 2 बार लें और टैबलेट मेट्रोजिल 400 एमजी 5 दिन तक दिन में 2 बार लें। इस दवा को लेने से घबराहट महसूस हो सकती है। ऐसे में खाने से आधा घंटा पहले टैबलेट एमसेट 4 एमजी की एक गोली खा सकते हैं। आप Surfaz SN क्रीम को 5 दिन तक 2 से 3 बार योनि के अंदर और बाहर लगाएं।
आपकी मां का गर्भाशय नीचे की तरफ खिसक गया है तो आप उन्हें डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर जांच करके देखेंगे कि उनका गर्भाशय कितना नीचे आ गया है। अगर यह थोड़ा नीचे आया है तो डॉक्टर इसे रिंग की मदद से वापिस अपनी सही जगह पर फिक्स कर देंगें। अगर गर्भाशय ज्यादा नीचे आ गया है तो डॉक्टर इसके लिए ऑपरेशन की सलाह दे सकते हैं। कब्ज और जलन के लिए भी डॉक्टर आपकी जांच करेंगे और रिपोर्ट के आधार पर आपको एंटीबायोटिक दवा लेनी की सलाह देंगें।
अगर बच्चेदानी का मुख तिरछा है तो दूसरी डिलीवरी के भी सिजेरियन होने की संभावना ज्यादा है।
जब गर्भाशय नीचे की ओर आ जाता है तो गर्भाशय में खिंचाव सा महसूस होने लगता है। पेशाब और मल त्याग करने में दिक्कत होने लगती है। खांसने या छींकने पर पेशाब निकल जाता है। अगर आपको यह सब प्रॉब्लम होती हैं तो इसका मतलब है कि आपका गर्भाशय नीचे की ओर आ गया है।
आपका यूट्रेस प्रोलैप्स सेकेंड डिग्री है। गर्भधारण के लिए आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए। डॉक्टर इस प्रॉब्लम को ठीक करने के लिए आपके गर्भाशय में एक रिंग लगाने की सलाह देंगें। इसी के साथ आप कीगल एक्सरसाइज भी करें। इससे पेल्विस हिस्से की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
अगर गर्भाशय बाहर की तरफ खिसक जाता है तो पेडू (पेल्विस) के नीचे दर्द हो सकता है। अगर गर्भाशय बाहर की तरफ ज्यादा निकल गया है तो अल्सर और योनि में संक्रमण की समस्या भी हो सकती है। इसी के साथ पेशाब और मल त्याग करने में भी दिक्कत होती है। गर्भाशय नीचे आने से आपके पेट के नीचे के सिस्टम पर दवाब बनने लगता है जो आपके पूरे शरीर के प्रणाली को बिगाड़ सकता है।
गर्भाशय बाहर आने का मुख्य कारण गर्भावस्था और बच्चे को जन्म देना (योनि प्रसव) होता है। इसके कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे रजोनिवृत्ति, अधिक उम्र या पहले कभी की गई पेल्विक सर्जरी आदि। गर्भाशय बाहर आने पर योनि, पेल्विस, पेट व कमर के निचले हिस्से और ग्रोइन में दर्द व अन्य तकलीफ महसूस होना। प्रोलैप्स में होने वाली तकलीफ में अक्सर खिंचाव जैसा दर्द या पीड़ा महसूस होती है। शारीरिक संबंध बनाते समय और पीरियड्स आदि के दौरान यह दर्द और अधिक बढ़ जाता है। ये इस समस्या के लक्षण हैं।
नहीं, इस समस्या के लिए कोई घरेलू उपाय नहीं है। हालांकि, अच्छी डाइट, साफ-सफाई का ध्यान रखकर और रोजाना एक्सरसाइज कर के इस समस्या को होने से रोका जा सकता है। अगर आप यूट्रेस प्रोलैप्स का शिकार हो चुकी हैं तो आपको डॉक्टर से इलाज को लेकर बात करनी चाहिए।
सबसे पहले आप हाइपोथायराइडिज्म का इलाज जारी रखें क्योंकि अगर आपके पीरियड्स नियमित नहीं होंगे तो आप प्रेग्नेंट नहीं हो पाएंगीं। डॉक्टर से बात करें, जांच करने के बाद पता चल पाएगा कि आपका गर्भाशय कितना बाहर आया है। अगर यह थोड़ा बाहर है तो इसको दवाईयों के जरिए ठीक किया जा सकता है और इसके बाद आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं। लेकिन अगर यह ज्यादा बाहर आ गया है तो आप अभी प्रेग्नेंट नहीं हो सकती हैं, इसके लिए पहले ऑपरेशन से गर्भाशय को वापिस उसकी जगह पर फिक्स करना होगा।