जी, हां आपकी रिपोर्ट के अनुसार आपको टाइफाइड है। ट्रीटमेंट की वजह से आपका बुखार कुछ कम हुआ होगा। आप डॉक्टर से मिलें और उनकी दी गयी दवा खाएं। इन दिनों आप अपनी डाइट का खूब ख्याल रखें। ऐसी कोई चीज न खाएं, जिसे पचाने में समस्या हो। शुरुआती पांच दिन सिर्फ लिक्विड डाइट ही लें जैसे दूध या चाय में बिस्किट घोलकर पिएं, रोटी दूध में मैश करके खाएं। इसके बाद खिचड़ी आदि खाएं।
टाइफाइड के साथ कई बीमारियां हो सकती हैं जैसे जॉन्डिस, अल्सर आदि। असल में टाइफाइड इंटेस्टाइन की बीमारी है। कई बार यह संक्रमण फैलकर लिवर तक पहुंच जाता है, जिससे मरीज को टाइफाइड के साथ-साथ जॉन्डिस भी हो जाता है। इसे काला पीलिया भी कहा जाता है। इसी तरह टाइफाइड के साथ-साथ इंटेस्टाइन में अल्सर भी बन जाता है। कई बार यह स्थिति मेडिकल इमर्जेंसी में तब्दील हो जाती है और मरीज का आपरेशन तक करना पड़ता है। जब मरीज को टाइफाइड के साथ-साथ कोई दूसरी बीमारी होती है तो मरीजों को नियमित सही और उपयुक्त डाइट लेनी चाहिए, डाक्टर की सलाह पर एंटीबायोटिक लेनी चाहिए, पानी, ग्लूकोन-डी पीना चाहिए यानी जितना संभव हो तरल खाद्य पदार्थ का सेवन किया जाना चाहिए। हरी सब्जियां भी इसमें फायदेमंद हैं। लेकिन प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का इनटेक कम करना चाहिए। दरअसल टायफाइड होने पर मरीजों को अपने लिवर का ख्याल रखना चाहिए। ऐसी चीजें कम खानी चाहिए जो लिवर पर जोर देती हों। खिचड़ी, दलिया, गन्ने का जूस लाभकारी है।
टाइफाइड के बाद इस तरह का दर्द होना सामान्य है। इन दिनों कोशिश करें कि अच्छी डाइट लें और हमेशा हाइड्रेट रहें। जहां तक आपके ज्वाइंट्स में दर्द की बात है, इसके लिए आपको आर्थोपेडिशियन के पास जाना होगा। वही आपको देखकर ज्वाइंट्स में हो रहे दर्द का इलाज कर पाएंगे।
टाइफाइड में बुखार, कमजोरी उसके लक्षण के तौर पर नजर आते हैं। यह समस्या आम है। हालांकि कई अन्य बीमारियों में भी मरीज को कमजोरी आदि महसूस हो सकती है। इसलिए कमजोरी होने पर उसे सीधे-सीधे टाइफाइड से जोड़ना सही नहीं है। लेकिन टाइफाइड के ठीक होने के बावजूद अक्सर लोगों को कमजोरी की शिकायत होती है। इससे रिकवर करना मुश्किल नहीं है। लेकिन यह पूरी तरह मरीज की उम्र, उसके खानपान और ली गई एंटीबायोटिक पर निर्भर करता है। इसके साथ ही मरीज की रिकवरी इस बात पर भी निर्भर होती है कि उसका ट्रीटमेंट कितना लंबा चला है? अगर ट्रीटमेंट लंबा चला होगा, तो मरीज को सामान्य होने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है। इसी तरह बच्चों में वयस्कों के मुकाबले ठीक होने में ज्यादा समय लगता है। इसके अलावा अगर मरीज एचआईवी संक्रमित है, डायबिटीज है, लंबे समय से कोई दवा ले रहा है या उसका प्रतिरक्षी तंत्र कमजोर है, तो ऐसे में उसे टाइफाइड से रिकवर के बाद सामान्य होने में समय लगता है। इसलिए वह कमजोर महसूस करता है।
आप टेंशन न लें। टाइफाइड में कमजोरी होना स्वाभाविक है। लेकिन अगर आपको बुखार भी आ रहा है, तो इसे हल्क में न लें। बेहतर होगा आप अपनी रिपोर्ट को लेकर नजदीकी डाक्टर से संपर्क करें और अपना प्रॅापर चेकअप करवाएं। ऐसा हो सकता है कि आप पूरी तरह अभी ठीक नहीं हुए हैं या फिर बहुत ज्यादा कमजोरी की वजह से ऐसी समस्या हो रही है। अगर टाइफाइड न हो, तो आप खानपान का पूरा ख्याल रखें। दिन में दो-तीन घंटे के गैप में कुछ न कुछ जरूर खाएं। इस तरह रिकवरी तेजी से होगी।
टाइफाइड खतरनाक डिजीज है। कुछ लोगों को टाइफाइड बार-बार होता है। ऐसा अकसर उन लोगों के साथ होता है, जिनका काम ट्रैवलिंग का होता है। दरअसल साफ-सुथरा पानी न पीने की वजह से यह बीमारी होती है और ट्रैवलिंग के दौरान गंदा पानी पीने की आशंका ज्यादा होती है। बहरहाल कुछ लोगों को टाइफाइड बार-बार होता है, जिससे वे परेशान रहते हैं। लेकिन टाइफाइड से पूरी तरह बचने के लिए टाइफाइड के बार-बार होने की वजह का जानना जरूरी है। इसकी निम्न वजहें हैं-
देखिए सिर्फ इन दो-तीन लक्षणों के आधार पर यह कहना मुश्किल है कि आपको टाइफाइड है। बुखार आने-जाने की कई अन्य वजहें हो सकती हैं मसलन, यूटीआई, मलेरिया, डेंगू, टीबी, वायरल इंफेक्शन आदि। सो, पूरी तरह एग्जामिनेशन किए जाने के बाद ही प्रॅापर ट्रीटमेंट किया जा सकता है। इसके लिए आप डाक्टर के पास जाएं और ट्रीटमेंट करवाएं। तब तक आप दिन में तीन बार paracetamol 650 mg लें। संभवतः आपके लिए उपयोगी हो।
अगर शुरुआती चरण में ही टाइफाइड का पता चल जाए, तो एंटीबायोटिक की मदद से इस बीमारी को 7 से 14 दिनों के अंदर घर में ही ठीक किया जा सकता है। लेकिन जिन लोगों का टाइफाइड बिगड़ जाता है यानी स्थिति गंभीर हो जाती है, उन्हें 3-5 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है। अगर आपकी सिचुएशन 3-5 दिनों में ठीक नहीं होती, तो इससे ज्यादा दिनों के लिए भी अस्पताल में रहना पड़ सकता है। लेकिन अगर आपको टाइफाइड ठीक होने के बाद दोबारा हुआ या एक सप्ताह के अंदर इसके लक्षण दिखने लगे तो इस स्थिति में भी एंटीबायोटिक ही दी जाती है ताकि इस समस्या को पूरी तरह से खत्म किया जा सके। इसमें तुलनात्मक रूप से पहली दफा से समय कम लगता है।
टाइफाइड से रिकवर होने के बाद इस तरह की समस्या लड़कियों के साथ आती है। असल में टाइफाइड की वजह से शरीर इतना कमजोर हो चुका होता है, कि पीरियड्स नहीं हो पाते। परेशान न हों पीरियड्स 1-2 माह में ही ठीक हो जाएंगे।
टाइफाइड होने के कुछ दिनों के अंदर ही इसके लक्षण नजर आने लगते हैं जैसे बुखार, सिरदर्द, कब्ज, और पेट दर्द। ये लक्षण दिखाई देने पर डाक्टर मरीज को कुछ परीक्षण के लिए कहते हैं। रिपोर्ट के आधार पर ही बताया जाता है कि मरीज को टाइफाइड है या नहीं। टाइफाइड के होने का पता चलने पर टाइफाइड का इलाज शुरू कर दिया जाता है। टाइफाइड की दवाई खाने से धीरे-धीरे संक्रमण का असर कम होने लगता है और मरीज का पेट दर्द भी ठीक हो जाता है। इसके लिए उसे खुद कुछ करने की जरुरत नहीं है।
आमतौर पर टाइफाइड दो हफ्तों में ठीक हो जाता है और यह समस्या दोबारा नहीं होती। लेकिन आपकी सिचुएशन से यही लग रहा है कि आपको फिर से टाइफाइड की दिक्कत हो रही है। इसकी कंफर्मेशन के लिए कुछ टेस्ट जैसे कंप्लीट ब्लड काउंट, चेस्ट एक्स-रे, साइनस एक्स रे, यूरिन रूटीन टेस्ट, ब्लड कल्चर कराने होंगे। आप एक बार डॉक्टर को दिखाएं।
एक बार वह बैक्टीरिया, जिससे टाइफाइड होता है, शरीर में घुस गया, तो वह पाचन तंत्र यानी डाइजेस्टिव सिस्टम से खून में प्रवेश करता है। इसके बाद यह बैक्टीरिया चूंकि पूरे शरीर में ट्रैवल करता है, जिस वजह से बुखार, सिरदर्द, सिर चकराने जैसी समस्या हो जाती है। इसी तरह डाइजेस्टिव सिस्टम भी इस बैक्टीरिया से प्रभवित होता है जिस वजह से पेट दर्द, डायरिया या कब्ज, वजन घटना जैसी प्रॉब्लम होती है। यह बैक्टीरिया खून की मदद से शरीर के कई अन्य भाग जैसे लंग्स, लिवर, गालब्लैडर, किडनी तक पहुंच जाता है। अगर शरीर के अन्य अंगों में संक्रमण फैल गया तो दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
आप इस तरह परेशान न हों इससे उन्हें कुछ नहीं होगा और न ही आपको टाइफाइड होगा, क्योंकि यह सेक्सुअल ट्रांसमिटिड डिजीज नहीं है। आप अपनी पत्नी को प्रॅापर ट्रीटमेंट दें और उनकी सेहत का ख्याल रखें। साथ ही उनके खानपान पर भी पूरा ध्यान दें।
टाइफाइड होने पर कुछ दिनों तक नहाने से बचें। टाइफाइड के कुछ मरीज नहाने के बजाय सिर धो लेते हैं। ऐसा भी नहीं करना चाहिए। जब तक आपका बुखार ठीक न हो जाए तब तक ऐसा कुछ न करें।
प्रेगनेंसी में टाइफाइड होने पर कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। जिन महिलाओं ने टाइफाइड होने के कुछ दिनों पहले ही कंसीव किया है, लेकिन टाइफाइड का इलाज नहीं कर रही हैं, तो उनका मिसकैरिज होने का खतरा बढ़ जाता है। यही नहीं टाइफाइड की वजह से अगर आप लिक्विड डाइट पर हैं, तो इसका असर सिर्फ आप पर ही नहीं बल्कि आपके गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है। उसे जरूरी पौष्टिक तत्व नहीं मिलते। इसके अलावा प्रेगनेंसी में टाइफाइड होने की अन्य जटिलताएं भी हैं, जैसे प्रीमैच्योर डिलीवरी, शिशु का अंडरवेट होना आदि। अतः प्रेगनेंसी में टाइफाइड होने पर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए, अपना प्रॉपर इलाज डॉक्टर से कराना चाहिए।
आपको एक्यूट टाइफाइड इंफेक्शन है। बेहतर है आप डाक्टर के पास जाएं। वे आपको कुछ टेस्ट करने को कहेंगे। इसके साथ ही आप यह भी नोटिस करें कि क्या आपका बुखार आता-जाता रहता है? अगर ऐसा है तो आपको तुरंत अस्पताल में एडमिट होना पड़ेगा। वैसे आप अपने खाने-पीने की स्वच्छता का ध्यान रखते हुए टाइफाइड से दूर रह सकते हैं। खाना खाने से पहले हाथ अच्छी तरह एंटीसेप्टिक साबुन से धोएं। साफ-स्वच्छ पानी पिएं। स्ट्रीट फूड, अनहेल्दी फूड से दूर रहें।
टाइफाइड का ट्रीटमेंट आमतौर पर 10 से 14 दिनों में ठीक हो जाता है। लेकिन कुछ लोगों में टाइफाइड ठीक होने में इससे ज्यादा समय लगता है। बिना आपकी सिचुएशन देखे ठीक-ठीक नहीं बताया जा सकता कि आप कितने दिनों में रिकवर कर जाएंगे। हां, अगर सही-सही रिकवरी हो रही हो तो सप्ताह में एक दिन दफ्तर जा सकते हैं। वैसे बेहतर होगा की आप घर में पूरा रेस्ट करें, ठीक होने पर ही ऑफिस जाएं।
आप इस तरह परेशान न हों। टाइफाइड ठीक होने के बाद अकसर मरीज बदन और जोड़ों में दर्द की शिकायत करते हैं। अगर आप बार-बार गंदा खाना खाते हैं और गंदा पानी पीते हैं, तो स्थिति खराब हो सकती है। चूंकि आप बता रही हैं कि आप ठीक हैं, तो फिर इसके खतरनाक परिणाम के बारे में सोचकर परेशान न हों। आप हेल्दी खाना खाएं। लिक्विड डाइट भी खूब लें। इससे आप तेजी से रिकवरी करेंगी। जहां तक बदन दर्द और जोडों में दर्द की बात है, तो इसको लेकर आप एक बार अपने डाक्टर से संपर्क कर लें। वह आपकी सिचुएशन को देखकर दवा देंगे।
क्या आपने डाक्टर को दिखाया? क्या आपने उनके द्वारा दी गई दवा ली? आप अपनी बीमारी को हल्के में न लें। आपको यहां अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट्स शेयर करनी चाहिए थी। बिना रिपोर्ट्स देखे इलाज करना संभव नहीं है। अब आप देरी न करें। तुरंत जनरल फिजिशियन के पास जाएं और अपने स्वास्थ्य के बारे में बताएं। सही-सही ट्रीटमेंट लें।
बेहतर है आप किसी दूसरे डाक्टर के पास जाएं या फिर अपने डाक्टर को इस समस्या के बारे में बताएं। वह आपके बेटे की जांच कर बताएंगे कि ऐसा क्यों हो रहा है? इस बीच आप अपने बच्चे को लिक्विड डाइट दें। उसे ऐसा कुछ भी खाने को न दें, जिसे वह पचा न सके।
मुझे नहीं लगता कि टाइफाइड की ट्रीटमेंट की वजह से आपकी प्रेगनेंसी को किसी तरह का नुकसान हुआ होगा। आप प्रेगनेंसी कंटीन्यू कर सकती हैं। बेहतर होगा कि इसके लिए आप एक बार सोनोलॅाजिस्ट के पास जाएं और पता करें कि आपकी प्रेगनेंसी की क्या सिचुएशन है। अगर किसी तरह का नुकसान होगा, तो वह आपको इस संबंध में विस्तार से बताएंगे और हां, टाइफाइड का इलाज कर रहे डाक्टर को अपनी प्रेगनेंसी के संबंध में अवगत जरूर कराएं।