ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के कुछ होम्योपैथिक उपचार निम्नलिखित हैं :
एकोनिटम नेपेलस
सामान्य नाम : मॉन्कशूड
लक्षण : एकोनाइट का इस्तेमाल बेचैनी, लगातार डर लगना और दर्द व अचानक बुखार आने पर किया जाता है। यह उपाय केवल शरीर के कार्यों को प्रभावित करता है; शरीर के ऊतकों की संरचना पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इस उपाय से निम्न स्थितियों को भी ठीक किया जा सकता है :
यह लक्षण गर्म कमरे में रहने, शाम को, रात में, प्रभावित हिस्से के बल लेटने और शुष्क ठंडी हवाओं में बढ़ जाते हैं, लेकिन खुली हवा में रहने से रोगी बेहतर महसूस करते हैं।
आर्सेनिकम एल्बम
सामान्य नाम : आर्सेनिक एसिड, आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड
लक्षण : आर्सेनिक एसिड शरीर में सभी ऊतकों और अंगों पर कार्य करता है। जिन लोगों में बेचैनी की शिकायत रहती है, उनमें इस उपाय से लाभ होता है और यह स्थिति रात में बिगड़ जाती है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों को भी दूर करने में मदद करता है :
यह लक्षण आधीरात के बाद, ठंडे खानपान के बाद और नम मौसम में बिगड़ जाते हैं, जबकि गर्म ड्रिंक्स लेने और सिर उठाने से लक्षणों से राहत मिलती है।
बेलाडोना
सामान्य नाम : डेडली नाइटशेड
लक्षण : यह उपाय विशेष रूप से नर्वस सिस्टम पर काम करता है, विशेष रूप से वे हिस्से जिनकी वजह से दर्द, मरोड़ और ऐंठन जैसी समस्या होती है। यह हृदय प्रणाली (कार्डियोवस्कुलर सिस्टम) पर भी असरदार है। बेलाडोना का उपयोग मुंह सूखने, फ्लशिंग, विशेष रूप से चेहरे और नस संबंधी दर्द के इलाज के लिए किया जाता है, जो अचानक आते हैं और जाते हैं। इसके अलावा यह निम्नलिखित उपायों में भी कारगर है :
- चक्कर आना व साथ में पीछे की तरफ या बाईं ओर गिरने की प्रवृत्ति होना
- सिरदर्द, मुख्य रूप से माथे और सिर के दाईं तरफ दर्द होना। यह आमतौर पर लेटने पर बढ़ जाता है
- दर्द जो प्रभावित हिस्से को छूने और लेटने पर बढ़ जाता है और दबाव डालने पर ठीक हो जाता है
- आंखों और दांतों में धमक जैसा दर्द होना व साथ-साथ सूजन और जीभ में दर्द की शिकायत
- सूजन के साथ-साथ चेहरे पर नीलापन और गर्मी महसूस होना
ये लक्षण दोपहर में, प्रभावित हिस्से को छूने पर और लेटने पर बढ़ जाते हैं, लेकिन जब रोगी सेमी-इरेक्ट पोजिशन में रहता है तो उसे लक्षणों से आराम मिलता है।
कोलचिकम औटुम्नले
सामान्य नाम : मीडो सैफरान (कोलचिकम)
लक्षण : मीडो सैफरान मुख्य रूप से पेरीओस्टेम (हड्डियों की बाहरी परत) और मांसपेशियों को प्रभावित करता है। यह टियरिंग पेन (तेज बेचैनी महसूस होना, जिसमें मांस फटने जैसा दर्द होता है) के प्रबंधन में उपयोगी है, विशेष रूप से जो छूने पर और शाम के बाद बढ़ जाते हैं। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों को भी दूर करने में मदद करता है :
- सिरदर्द, विशेष रूप से माथे और सिर के किनारे पर, इसमें होने वाला दर्द दोपहर और शाम के समय में बढ़ जाता है।
- पुतली का सिकुड़ना व साथ में तेज दर्द
- कान के बाहरी हिस्से पर तेज दर्द, खासकर ट्रेगस (कान के बाहरी हिस्से पर मौजूद एक उभरा हुआ सा भाग) पर
- चेहरे की मांसपेशियों में दर्द, जो कि धीरे-धीरे बढ़ता है
- गाल में सूजन
- जबड़े का दर्द, खासकर दाहिनी तरफ
- मुंह सूखना
- दांत में दर्द (और पढ़ें - दांत दर्द के घरेलू उपाय)
ये लक्षण प्रभावित हिस्से में हलचल करने, मानसिक थकान और सूर्योदय से सूर्यास्त तक बिगड़ते हैं, लेकिन आगे झुकने पर इनमें सुधार होता है।
जेल्सेमियम सेंपरविरेंस
सामान्य नाम : येलो जैस्मिन (जेल्सिमियम)
लक्षण : यह उपाय मुख्य रूप से नर्वस सिस्टम पर कार्य करता है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों को भी ठीक करता है :
- सिर भारी लगना
- आंख के आसपास वाले हिस्से में हल्का व तेज सिर दर्द
- सिर के किनारों पर दर्द, जो कि कानों तक फैलता है
- आंखों के आसपास की नसों में दर्द, संकुचन और मरोड़
- चेहरा लाल होना
- चेहरे की नसों का दर्द (फेसियल न्यूराल्जिया)
- चेहरे की मांसपेशियों में संकुचन के साथ ठोड़ी में सिहरन
- दर्द जो गले से कान तक बढ़ता है
यह लक्षण स्थिति के बारे में सोचने और उमसभरे मौसम में रहने की वजह से बिगड़ जाते हैं। जबकि रोगी खुली हवा में रहने और आगे झुकने पर बेहतर महसूस करता है।
कैलियम आयोडेटम
सामान्य नाम : आयोडाइड ऑफ पोटेशियम (कैली हाइड्रिओडिकम)
लक्षण : आयोडाइड ऑफ पोटेशियम मुख्य रूप से संयोजी ऊतकों (कनेक्टिव टिश्यू) पर कार्य करता है और एडिमा को कम करने में मदद करता है। इस उपाय से निम्नलिखित लक्षणों को भी ठीक किया जाता है :
- तेज सिरदर्द
- आंखों और नेजल रूट (नाक के ऊपरे हिस्से) में तेज दर्द
- चेहरे की नसों में दर्द
- ऊपरी जबड़े में दर्द
- कान छिदवाना या कान में दर्द
यह लक्षण रात में, गर्म कपड़े पहनने और उमसभरे मौसम में खराब हो जाते हैं, लेकिन खुली हवा में रहने से इन लक्षणों में सुधार होता है।
मैग्नीशियम फॉस्फोरिकम
सामान्य नाम : मैग्नेशिया का फास्फेट (मैग्नेशिया फॉस्फोरिका)
लक्षण : मैग्नीशियम फॉस्फोरिकम मांसपेशियों में ऐंठन, नसों से संबंधित दर्द खासकर जिसमें गर्मी से राहत मिलती है, के लिए बेस्ट उपाय है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों को प्रबंधित कर सकता है :
- सिर चकराना
- पलक झपकाने पर आंखों के ऊपर वाले हिस्से में दर्द होना
- कान की नसों में दर्द जो तब और बढ़ जाता है जब रोगी ठंडे पानी से अपना चेहरा धोता है
- गर्म पेय लेने पर दांतों में दर्द होना
- एनजाइना पेक्टोरिस (छाती तक रक्त का संचार सही से न होने के कारण सीने में दर्द होना)
यह लक्षण रात में, प्रभावित हिस्से को छूने पर और ठंडे मौसम में बिगड़ जाते हैं।
मेजेरियम
सामान्य नाम : स्पर्ज ओलिव
लक्षण : यह उपाय दांत और चेहरे की नसों में दर्द के लिए उपयुक्त है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों को भी प्रबंधित करने में मदद करता है :
- अलग-अलग तरह के दर्द
- ठंडी हवा के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होना
- चेहरे और दांतों की नसों में तेज दर्द, जो कि कान की ओर बढ़ता है। इस स्थिति में कुछ खाने गर्म चूल्हे के पास रहने से सुधार होता है।
- आंखों के ऑपरेशन के बाद क्लस्टर सिरदर्द
- दर्द के साथ-साथ आंखों के आसपास की हड्डियों में अकड़न, जो नीचे की ओर बढ़ता है
यह लक्षण शाम और आधी रात के बाद तक, प्रभावित हिस्से को छूने, ठंडी हवा के संपर्क में रहने और गर्म भोजन करने से बढ़ जाते हैं, लेकिन खुली हवा में रहने से यह लक्षण बेहतर होते हैं।
फास्फोरस
सामान्य नाम : फॉस्फोरस
लक्षण : फास्फोरस का उपयोग उन स्थितियों में किया जाता है जो रीढ़ की हड्डी और नसों की सूजन का कारण बनती हैं। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों को दूर करने में भी मदद कर सकता है :
- बुजुर्गों में उठने के दौरान चक्कर आना
- नसों का दर्द और जलन के साथ दर्द; प्रभावित हिस्से का गर्म बने रहना
- आंखों के आसपास हड्डियों में दर्द
- चेहरे की हड्डियों में तेज दर्द
- गालों में लालिमा
- कपड़े धोने के बाद दांतों में दर्द
यह लक्षण शाम को, प्रभावित हिस्से को छूने पर और गर्म खानपान करने से बिगड़ जाते हैं जबकि खुली हवा में रहने, अंधेरे में, सोने पर और दाएं तरफ लेटने से रोगी को अच्छा महसूस होता है।
हेक्ला लावा
सामान्य नाम : लावा स्कोरिया फ्रॉम हेक्ला (हेक्ला लावा)
लक्षण : हेक्ला लावा जबड़े पर असर करता है। यह मसूड़ों में फोड़ा और हड्डी की सूजन के लिए भी प्रभावी है। जिन लोगों को इस उपाय से लाभ होता है, उनमें निम्न लक्षण होते हैं :
वर्बस्कम थाप्सुस
सामान्य नाम : मुल्लीन (वर्बस्कम)
लक्षण : यह उपाय श्वसन पथ और मूत्राशय पर कार्य करता है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों को भी दूर करने में मदद करता है :
- दर्द जो हर दिन सुबह और दोपहर में एक ही समय पर होता है
- कान में दर्द महसूस होना जैसे कि कान में कुछ फंस गया हो
- छींकने, तेज काटने और तापमान में बदलाव होने से यह लक्षण बिगड़ जाते हैं।
रस टॉक्सीकोडेंड्रोन
सामान्य नाम : पॉइजन-आइवी
लक्षण : पॉइजन-आइवी मुख्य रूप से गठिया और टियरिंग पेन में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा यह उपाय निम्नलिखित लक्षणों से भी राहत देता है :
- उठने पर सिर चकराने के साथ भारीपन
- सिर के पिछले हिस्से में दर्द जो छूने पर बिगड़ जाता है
- खाने पर जबड़े को नुकसान होना
- गालों को छूने के प्रति संवेदनशील होना
- चेहरे की नसों में दर्द और ठंड लगना, यह स्थिति शाम को बिगड़ जाती है।
यह लक्षण रात में, पीठ के बल या दाईं करवट लेटने और ठंड व बारिश के मौसम में बिगड़ जाते हैं। रोगी तब बेहतर महसूस करता है जब वे प्रभावित हिस्से को रगड़ते हैं या गर्म सिकाई करते हैं। गर्म और शुष्क मौसम में इन लक्षणों में सुधार होता है।
(और पढ़ें - नसों की कमजोरी के कारण)