एडिमा कई प्रकार के होते हैं जिनकी वजह से आप काफी परेशानी हो सकते हैं। सूजन को मेडिकल टर्म में 'एडिमा' कहा जाता है। एडिमा के प्रकार में पलमॉनेरी एडिमा या किसी व्यक्ति के फेफड़ों में पानी भर जाने की वजह से उस व्यक्ति की मृत्यु होने की आशंका बढ़ जाती है, क्योंकि लंग से जुड़ी समस्या की वजह से पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती जो कि थकान, चिंता, भ्रम यहां तक कि मौत का कारण भी बन सकती है।
पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ और पानी नहीं पीने से आप डिहाइड्रेटेड हो जाते हैं, जिसकी वजह से आपको सूजन (त्वचा और ऊतकों में अत्यधिक तरल पदार्थ भर जाते हैं) हो सकती है। कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से शरीर में मौजूद तरल पदार्थ असंतुलित हो जाते हैं। सर्जरी के बाद, आमतौर पर शरीर में तरल पदार्थ कई दिनों तक बने रह सकते हैं, जिससे शरीर में सूजन हो जाती है।
ये समस्याएं आपको शरीर के अंदरूनी हिस्सों में एडिमा की वजह से हो सकती हैं। डायबिटीज की वजह से टखनों और पैरों में सूजन आ सकती है। डायबिटीज वाले लोगों में सूजन अक्सर मोटापे या खराब रक्त प्रभाव की वजह से होती है। यह समस्या आपको शुगर लेवल के अनियंत्रित होने की वजह से हो सकती है, इसलिए आप डॉक्टर से सलाह लें और शुगर लेवल को कंट्रोल करें।
नोस्टेरॉइड एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग ibuprofen (आइबूप्रोफेन) और Naproxen (नेप्रोक्सेन) दवा एडिमा को बढ़ा सकती है, लेकिन जब आप सो रहे होते हैं, तो आपका शरीर अत्यधिक तरल पदार्थ को सोख लेता है। सूजन ब्लड प्रेशर के लिए दवा ले रहे व्यक्ति में भी हो सकती है।
जब सूजन की वजह से आपके पैर और टखने फूल जाते हैं, तो इस स्थिति में पानी आपकी मदद कर सकता है। अधिक मात्रा में पानी पीने से शरीर को तरल पदार्थ जुटाने और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। जब आपको प्यास लगती है, तो यह आपके डिहाइड्रेटेड होने का संकेत देता है। हाइड्रेटेड रहने के लिए आप पूरा दिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पीते रहें।
शरीर पर हल्की सूजन आमतौर अपने आप चली जाती है। अगर आपको शरीर पर एडिमा दिखाई देता है, तो आप किसी चीज का सहारा लेकर अपने प्रभावित हिस्से को नीचे से ऊपर (हृदय के स्तर से ऊंचा) उठाकर रखें। यह हल्की सूजन को कम करने में मदद करता है। गभीर एडिमा को दवा की मदद से ठीक किया जा सकता है जो आपके शरीर में मौजूद अत्यधिक तरल पदार्थ को पेशाब के रास्ते से निकालने में मदद करता है। आप डॉक्टर की सलाह से इसके लिए दवा लें।
एडिमा की वजह से शरीर में तरल पदार्थ बढ़ जाते हैं और यह आपके शरीर के अंगों में सूजन पैदा कर सकता है जिसमें हाथ, पैर, चेहरा और पेट वाले अंग शामिल हैं। इसकी वजह से आपका वजन बढ़ जाता है। इसी के साथ जिन लोगों में दिल, किडनी और लिवर से जुड़ी समस्या होती है तथा जिन दवाओं का सेवन वे लोग करते हैं, उसकी वजह से भी उन्हें यह समस्या हो सकती है और उनका वजन बढ़ सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर के कारण आपका हृदय सामान्य से तेज गति से कार्य करने लगता है। कई सालों तक यह स्थिति बने रहने से हृदय की मांसपेशियां रक्त प्रभाव को बढ़ाने के लिए ठोस और कम प्रभावी हो सकती है। इस वजह से आपकी टांगों और टखनों के नीचे तरल पदार्थ बनना शुरू हो जाते हैं जो इनमें सूजन पैदा कर देते हैं।
जब ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है, तो तरह पदार्थ वायुकोशिका में चला जाता है, जिससे नॉर्मल ऑक्सीजन की गति कम हो जाती है। टखनों और टांगों में होने वाली सूजन हृदय से जुड़ी समस्या की वजह से होती है। जब कार्डियक अरेस्ट (गंभीर हृदय संबंधी स्थिति) एडिमा का कारण बनती है, तो यह वेंट्रिकुलर डिसफंक्शन के बढ़ने के कारण होता है।
वेंट्रिकुलर डिसफंक्शन - वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (वीएसडी) का मतलब बाएं और दाएं वेंट्रिकल के बीच की दीवार (सेप्टम) में छेद होना है। यह एक सामान्य हृदय रोग है, जो जन्मजात होता है। हृदय के निचले वेंट्रिकल्स को अलग करने वाली दीवार में छेद होता है, जिसकी वजह से खून हृदय के बाईं ओर से दाईं ओर जाने लगता है। ऑक्सीजन युक्त खून शरीर के बाकी अंगों में पहुंचने की बजाय फेफड़ों में वापिस चला जाता है, जिससे हृदय को सामान्य से ज्यादा काम करना पड़ता है।
जी हां, ऐसा हो सकता है लेकिन ऐसा होना बहुत ही दुर्लभ स्थिति है। अस्पताल में 50 साल के एक व्यक्ति में ऐसा ही मामला सामने आया था। उसे जांघों पर बड़े से फफोले हो गए थे, जो दिखने में 1 से 3 सेंटीमीटर बड़े थे। यह उन्हें हृदय और गुर्दे से जुड़ी समस्या के कारण हुए थे। इसके बाद अस्पताल में उसकी जांच की गई, जिससे पता चला कि उन्हें बड़े फफोले (त्वचा पर तरल पदार्थ से भरा बड़ी फुंसी रूप में होता है) एडिमा की वजह से हुए थे। जब एडिमा के लिए ट्रीटमेंट शुरू किया गया, तो यह फफोले कम हो गए। एडिमा से बने फफोले में साफ विसंक्रमित पानी होता है, जिसकी परत बहुत पतली होती है इसलिए यह कुछ दिनों में ही फट जाता है। जब सावधानी पूर्वक इसका ट्रीटमेंट लिया जाता है, तो यह फफोले दोबारा बने बिना ही ठीक हो जाते हैं। अगर ये फफोले हाथ या पैर के निचले हिस्सों से दूर किसी जगह पर होते हैं, तो प्रभावित हिस्से को ऊपर उठाए रखने से एडिमा को फुंसी या फफोले के रूप में बनने से रोका जा सकता है।