इस स्टेज पर सिर्फ पैलीएटिव ट्रीटमेंट से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है, लेकिन इस इलाज से पहले मरीज की जांच करवानी जरूरी है।
कैंसर संक्रामक रोग नहीं है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है, लेकिन किसी तरह का संबंध बनाते समय आपको बस अन्य तरह के वायरल संक्रमण का ध्यान रखना चाहिए जैसे एचआईवी और एचबीएसएजी आदि जो यौन संबंध बनाने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकते हैं।
आपकी बहन को चौथे स्टेज का कैंसर है। इस स्टेज पर उन्हें दर्द से आराम और उनके जीवन को बेहतर महसूस कराने के लिए पैलीएटिव ट्रीटमेंट के लिए सलाह लें।
स्टेज 3 में पेट के कैंसर के मरीज को सर्जरी के साथ-साथ कीमोथेरेपी की भी जरूरत होती है। कुछ मरीजों की बायोप्सी रिपोर्ट के आधार पर उन्हें रेडियोथेरेपी की भी जरूरत होती है। इससे पहले सर्जरी मुश्किल होती है, इसलिए सर्जरी से पहले ट्यूमर के आकार को कम करने के लिए कीमोथेरेपी दी जानी चाहिए। इसके साथ जीवन के बचने की गुंजाइश 5 साल (लगभग 40% से 50%) तक बढ़ जाती है। यह हर मरीज के लिए अलग-अलग हो सकती है।
आप उन्हें डाइट में हल्के, नरम और मुलायम पदार्थ खाने को दें। अगर यह संभव है, तो आप खाने के लिए उन्हें चावल, मूंगदाल और हरी सब्जियां दें। इससे उन्हें अपच संबंधी समस्या नहीं होगी। आप उन्हें टैबलेट Nexpro RD 200 सुबह नाश्ते और रात को खाना खाने से पहले 15 दिनों के लिए दें। इसी के साथ सिरप Choliv L एक दिन में 2 बार दोपहर और रात को खाना खाने से पहले 15 दिन के लिए दें।
आप गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट से मिलें। वह आपकी एंडोस्कोपी करेंगे और आपको इसके बारे में बताएंगे। कैंसर के इलाज के लिए सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर होते हैं और आपको उनसे मिलना चाहिए।
ये लक्षण पेट के कैंसर के हैं। आप जल्द से जल्द ऑन्कोलॉजिस्ट से मिलें। अगर कैंसर का पता पहली स्टेज पर ही चल जाता है, तो इसे ठीक किया जा सकता है, लेकिन एडवांस स्टेज में इसका पूरा इलाज नहीं हो सकता है, खासकर इसके आखिरी के स्टेज में।
पेट के कैंसर में पेट का बाहरी हिस्सा अवरोध उत्पन्न करने लगता है। इसलिए पेट के कैंसर से ग्रस्त मरीज जब भी कुछ खाता है, तो भोजन पेट में ही रह जाता है और उल्टी के रूप में वापस आ जाता है, जिससे दर्द होने लगता है। पेट के कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी की जाती है, लेकिन कैंसर के एडवांस स्टेज पर कीमोथेरेपी दी जाती है। क्योंकि इस समय मरीज बड़ी सर्जरी के लिए तैयार नहीं होता है। अगर यह उसके लिए ला-इलाज साबित होता है, तो हम मरीज की बाईपास सर्जरी करते हैं, ताकि रोगी खाना खा सके। कभी-कभी कीमोथेरेपी के दौरान उल्टी होने लगती है, लेकिन इससे पेट में दर्द नहीं होता। आपको पहले डॉक्टर से अपना चेकअप करवाना चाहिए। इसके लिए आप ऑन्कोलॉजिस्ट से सलाह लें।
स्टेज 3 में पेट के कैंसर के मरीज को सर्जरी के साथ-साथ कीमोथेरेपी की जरूरत होती है। बायोप्सी रिपोर्ट के आधार पर कुछ मरीजों को रेडियोथेरेपी की भी जरूरत होती है। सर्जरी मुश्किल होती है, इसलिए सर्जरी से पहले ट्यूमर के आकार को कम करने के लिए कीमोथेरेपी दी जाती है। इससे जीवन के बचने की संभावना 5 साल (लगभग 40-50%) होती है। यह हर मरीज के लिए अलग-अलग हो सकती है।
एडवांस स्टेज के पेट के कैंसर के लिए सर्जरी की जाती है। सर्जरी से पहले, डॉक्टर ट्यूमर के आकार को कम करने के लिए कीमोथेरेपी देते हैं, क्योंकि इसके बाद सर्जरी अधिक आसान और प्रभावी होती है। ठीक होने की संभावना बीमारी की अवस्था पर निर्भर करती है, इसलिए आप आगे के इलाज के लिए ऑन्कोलॉजिस्ट से मिलें।