तनाव की वजह से त्वचा संबंधी समस्या और बढ़ सकती है। तनाव सोरायसिस, चेहरा लाल होने और एक्जिमा को बढ़ा सकता है। इसी के साथ तनाव की वजह से पित्ती रोग व त्वचा पर अन्य प्रकार के रैशेज भी हो सकते हैं और बुखार में फुंसियां बढ़ सकती हैं। आप डॉक्टर की सलाह से इसके लिए ट्रीटमेंट लें और तनावपूर्ण स्थितियों से बचने की कोशिश करें।
त्वचा पर चकत्ते संक्रामक रोग या एलर्जिक रिएक्शन जैसे कई कारणों से हो सकते हैं। त्वचा पर चकत्ते होने की वजह से स्किन कैंसर के लक्षण दिखाई देना बहुत ही दुर्लभ है। स्किन कैंसर की वजह से या इससे पहले शरीर की त्वचा पर बदलाव हो सकते हैं। इन मामलों में त्वचा के लक्षण एक मुख्य स्थिति का संकेत देते हैं, जिसके लिए आपको परीक्षण और ट्रीटमेंट की जरूरत है। स्किन कैंसर के लक्षणों में त्वचा पर गुलाबी और लाल रंग के दाने निकल जाते हैं, जिसमें से खून भी निकलता है। अक्सर लोग शरीर पर चकत्ते देखकर डर जाते हैं, जबकि स्किन कैंसर के लक्षण अलग होते हैं। बेहतर होगा कि आप डर्मेटोलॉजिस्ट से मिलकर अपनी जांच करवा लें।
जी हां, लिवर डैमेज होने पर त्वचा पर चकत्ते दिखाई दे सकते हैं। यह लिवर डैमेज का एक लक्षण है। इसके लक्षणों में त्वचा पर तेज खुजली होना भी शामिल है।
अगर आपकी त्वचा डिहाइड्रेट है यानि कि त्वचा में पानी की कमी है, तो त्वचा के डिहाइड्रेट होने की स्थिति में त्वचा खोए हुए पानी को प्राप्त करने के लिए और अधिक तेल बनाने लगती है, जिससे त्वचा पर ब्रेकआउट, जलन और शुष्क धब्बे बन सकते हैं। आपको एक ही समय पर अपनी त्वचा ऑयली और शुष्क दोनों महसूस हो सकती है।
त्वचा पर धब्बे और चकत्ते दोनों ही आमतौर पर 2 से 12 हफ्तों तक रह सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा ये 5 महीने तक भी रह सकते हैं। दाने चले जाने के बाद त्वचा पर कुछ गहरे और हल्के निशान रह सकते हैं।
पित्ती लाल रंग के खुजलीदार और उभरे हुऐ चकत्ते होते हैं, जो किसी एलर्जिक पदार्थ (वह पदार्थ जो व्यक्ति को सूट न करे) के संपर्क में आने पर हो जाते हैं। कुछ ऐसे एलर्जिक पदार्थ हैं, जो शरीर के संपर्क में आने पर शरीर में एलर्जी उत्पन्न कर देते हैं। ये शरीर के किसी भी हिस्से में उत्पन्न हो सकते हैं, आकार में ये एक छोटे धब्बे से लेकर बड़े, उभरे तथा एक-दूसरे से जुड़े चकत्ते हो सकते हैं। ये चकत्ते शरीर पर कुछ घंटे से लेकर कुछ हफ्तों तक रह सकते हैं और सामान्य रूप से 24 घंटे के भीतर गायब हो जाते हैं, लेकिन इनकी जगह, फिर नए दाग बन जाते हैं। ये शरीर के सिर्फ एक ही भाग या कई भागों में बन सकते हैं और शरीर में 6 हफ्तों तक भी एलर्जिक रिएक्शन कर सकते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं, एक जो लंबे समय तक रहते हैं और दूसरे गंभीर रूप लेने वाले। धूप के संपर्क में आने से बचें, दानों को खरोंच या रगड़ लगने से बचाएं, ढीले कपड़े पहनें और इसके लिए दवा लें।
आपको पित्ती रोग हो सकता है जो कि किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी, संक्रमण या किसी तरह की दवा के रिएक्शन की वजह से हो सकता है। यह त्वचा पर लाल चकत्ते के रूप में बनता है, जिसमें खुजली होने लगती है। इसके ट्रीटमेंट के लिए दवा का कोर्स 1 से 6 महीने तक लेना होता है। इसके लिए आप डर्मेटोलॉजिस्ट से मिलें। धूप के संपर्क में आने से बचें, दानों को खरोंच या रगड़ लगने से बचाएं, ढीले कपड़े पहनें और इसके ट्रीटमेंट में दवा का पूरा कोर्स लें।
यह समस्या आपको खुजली, एरिथ्रास्मा (त्वचा पर भूरे रंग के पपड़ीदार दाद) या फंगल इंफेक्शन की वजह से हो सकती है। ये तीनों ही अलग तरह की समस्याएं हैं, जिनके उपचार भी अलग-अलग हैं। इसके सही कारण का पता लगाने के लिए आप डर्मेटोलॉजिस्ट से जांच करवा लें। निरीक्षण के बाद ही डॉक्टर आपको इसके लिए उचित दवा दे पाएंगे।