साइनस की लाइनिंग करने वाले टिशू में सूजन की समस्या को साइनसाइटिस कहा जाता है. जब आमतौर पर हवा से भरे हुए साइनस ब्लॉक हो जाते हैं और उनमें तरल पदार्थ भर जाता है, तो बैक्टीरिया की वृद्धि होती है और यह इंफेक्शन का कारण बन सकता है. आम भाषा में इसे साइनस भी कहा जाता है, जिसके इलाज में पतंजलि की कई दवाएं कारगर है. दिव्य सहचरादि तेल, दिव्य श्वासारि रस और दिव्य सदबिन्दु तेल जैसी पतंजलि की दवाएं साइनस को दूर करने में मदद करती हैं.

आज इस लेख में जानेंगे कि पतंजलि की साइनस की दवा कौन-कौन सी हैं-

  1. पतंजलि की साइनस की दवा
  2. सारांश
  3. पतंजलि में साइनस की दवा के डॉक्टर

साइनस की समस्या को आयुर्वेदिक दवाइयों की मदद से ठीक किया जा सकता है. इसे ठीक करने में पतंजलि की दवाएं सहायक हो सकती हैं. आइए, विस्तार से जानते हैं कि पतंजलि की साइनस की दवा कौन-कौन सी हैं और ये किस तरह से साइनस को दूर करने में मददगार साबित हो सकती हैं-

  1. दिव्य लवंगादि वटी
  2. दिव्य षडबिन्दु तेल
  3. दिव्य अनु तेल
  4. लक्ष्मी विलास रस
  5. दिव्य सहचरादि तेल
  6. दिव्य धारा
  7. दिव्य स्वासारी प्रवाही

दिव्य लवंगादि वटी

लौंग, काली मिर्च और बहेड़ा जैसे इनग्रेडिएंट्स को मिलाकर दिव्य लवंगादि वटी को तैयार किया जाता है. लौंग में कफ दोष को संतुलित करने, एंटीस्पेज्मोडिक, एंटीसेप्टिक और वायुनाशक गुण होते हैं. कफ, गले में खराश, आवाज का भारी हो जाना व ब्रोंकाइटिस जैसे रोगों में लवंगादि वटी फायदेमंद है. यह एंटी इन्फ्लेमेटरी और कफ को दूर करने वाली एक कारगर औषधि है. इस तरह से यह साइनस को कम करने में भूमिका निभाती है.

(यहां से खरीदें - दिव्य लवंगादि वटी)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

दिव्य षडबिन्दु तेल

तिल का तेल, अजकसिरा तेल, भृंगराज तेल, अरंडी तेल, टगारा, सतहवा, जीवन्ती, रसना, सैंधवा, तेजपत्र, विदंग, यस्ती और सुनथी के गुण इस तेल में हैं. यह तेल साइनस इंफेक्शन के साथ ही सिरदर्द, सर्दी-जुकाम, कफ और नाक से संबंधित हर रोग को ठीक करने के लिए शानदार औषधि है.

(यहां से खरीदें - दिव्य षडबिन्दु तेल)

दिव्य अनु तेल

इस तेल को कई जड़ी बूटियों के कॉम्बिनेशन से बनाया गया है, जिसे प्रभावित जगह पर लगाने से तुरंत आराम मिलता है. इसमें जीवन्ती, जला, देवदारु, नागरमोठ, दालचीनी, सेवया, अनंतमूल, दारूहल्दी, मुलेठी, सतावरी, बेल, रेणुका व तिल का तेल जैसी जड़ी-बूटियां हैं. इसे लगाने से नाक के साथ सिर, गले, कंधे, आंखें, कान, त्वचा और बाल संबंधित रोग ठीक होते हैं. यह अंदर से मस्तिष्क और नसों को ठंडा रखने के लिए तेजी से काम करता है.

(यहां से खरीदें - दिव्य अनु तेल)

लक्ष्मी विलास रस

इसे शुद्ध मरकरी, शुद्ध गंधक, अभ्रक भस्म, कपूर, जावित्री, जायफल, विधारा बीज, विदारीकंद, शतावरी, नागबाला, अति बाला, गोखरू, समुंद्र शोष और पान के पत्ते से निकले जूस को मिलाकर तैयार किया गया है. यह एक पारंपरिक आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन है, जो सर्दी, जुकाम और साइनसाइटिस को ठीक करने में अहम भूमिका निभाता है. यह गले और साइनस को ठीक करता है. छाती में जमा म्यूकस को पतला करता है, ताकि ये खांसी के साथ बाहर निकल जाए. इसके साथ ही यह शरीर में दर्द और बढ़े हुए तापमान को भी कम करने में मदद करता है. इम्यून सिस्टम को बूस्ट करके यह भविष्य में होने वाले इंफेक्शन से भी शरीर की सुरक्षा करता है.

(यहां से खरीदें - लक्ष्मी विलास रस)

दिव्य सहचरादि तेल

यह एक आयुर्वेदिक हर्बल तेल है, जिसका इस्तेमाल वात असंतुलन डिसऑर्डर, मांसपेशियों में दर्द और जकड़न को ठीक करने के लिए किया जाता है. इसमें सहचरा, बिल्व, अग्निमंठा, गंभारी, पटला, शालापर्णी, प्रिंसनापर्णी, गोक्षुरा, बृहती, कंटकारी, अभीरु, सेवया, नख, कुष्ट, हिमा, एला, प्रियांगु, नलिका व तिल का तेल हैं. यह साइनसाइटिस में राहत पाने के लिए भी एक असरकारक तेल है. इसे लगाते हुए मालिश करने से तुरंत राहत मिलती है.

(यहां से खरीदें - दिव्य सहचरादि तेल)

दिव्य धारा

दिव्य धारा को पुदीना, कपूर, लौंग का तेल और अजवाइन के एक्सट्रैक्ट से तैयार किया गया है. यह सिरदर्द, दांत में दर्द, कान के रोग, नाक से खून निकलना, चोट लगना व अपच में लाभकारी है. गर्म पानी के साथ इस तेल की 4-5 बूंदें डालकर भाप लेने से साइनसाइटिस में राहत मिलती है.

(यहां से खरीदें- दिव्य धारा)

दिव्य स्वासारी प्रवाही

चीनी, मुलेठी, देसी तुलसी, लवंग व तेजपत्र जैसी सामग्रियों से तैयार दिव्य श्वासारि प्रवाही फेफड़ों की कोशिकाओं को सक्रिय करता है. यह रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट और फेफड़ों की सूजन को भी कम करने में लाभकारी है. यह रेस्पिरेटरी सेल्स को पर्याप्त न्यूट्रिशन भी प्रदान करता है, जिससे साइनस की स्थिति में इसके सेवन से राहत मिलती है.

(यहां से खरीदें - दिव्य स्वासारी प्रवाही)

साइनस के इलाज में दिव्य धारा, लक्ष्मी विलास रस और दिव्य लवंगादि वटी जैसी पतंजलि की दवाएं कारगर हैं. इनमें से किसी भी दवा के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर की राय जरूर लेनी चाहिए, क्योंकि यह जरूरी नहीं है कि पतंजलि की साइनस की दवा सभी पर एक जैसा ही प्रभाव डाले.

अस्वीकरण: ये लेख केवल जानकारी के लिए है. myUpchar किसी भी विशिष्ट दवा या इलाज की सलाह नहीं देता है. उचित इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह लें.

Dr. Harshaprabha Katole

आयुर्वेद
7 वर्षों का अनुभव

Dr. Dhruviben C.Patel

आयुर्वेद
4 वर्षों का अनुभव

Dr Prashant Kumar

आयुर्वेद
2 वर्षों का अनुभव

Dr Rudra Gosai

आयुर्वेद
1 वर्षों का अनुभव

और पढ़ें ...
ऐप पर पढ़ें