स्किज़ोफ्रेनिया लंबे समय से दिमाग को प्रभावित करने वाली स्थिति (क्रोनिक मेंटल कंडीशन) है जो किसी व्यक्ति की सोचने की क्षमता, भावनाओं और व्यवहार को प्रभावित करती है। स्किज़ोफ्रेनिया वाले लोग निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव करते हैं :

  • सकारात्मक लक्षण : ये ऐसे व्यवहार हैं जो आमतौर पर स्वस्थ व्यक्तियों में नहीं देखे जाते हैं जैसे असामान्य विचार, शरीर में हलचल, मतिभ्रम और भ्रम।
  • नकारात्मक लक्षण : ये सामान्य व्यवहार और भावना के लिए बाधा है उदाहरण के तौर पर कम बोलना, भावना व्यक्त करने में कठिनाई, रुचि वाले कार्यों को करते समय आनंद न ले पाना और किसी भी गतिविधि को शुरू करने और इसे बनाए रखने में समस्याएं।
  • अनुभूति असंतुलित होना : ध्यान केंद्रित करने और निर्णय लेने की क्षमता में कठिनाई, एकाग्रता और कमजोर याद्दाश्त
  • अव्यवस्थित लक्षण : तर्क करने में कठिनाई, शरीर में अनियमित हरकत, अजीब व्यवहार और भ्रमित विचार।

फिलहाल, स्किज़ोफ्रेनिया के लिए अभी तक कोई सटीक इलाज नहीं है। कुछ पारंपरिक उपचार मौजूद हैं, लेकिन इनका उद्देश्य लक्षणों का प्रबंधन करना है। जो लोग स्किज़ोफ्रेनिया के एक्यूट स्टेज (तेज या अचानक चरण) में हैं, उनके लिए एंटीसाइकोटिक दवाएं उपलब्ध हैं। सहायक मनोचिकित्सा (सपोर्टिव साइकोथेरेपी) और संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (बिहैविरल थेरेपी) संज्ञानात्मक कार्य को बढ़ाने में मदद करने के साथ तनाव के स्तर को कम करते हैं और स्किज़ोफ्रेनिया के रोगियों के सामाजिक कौशल में सुधार करते हैं।

स्किज़ोफ्रेनिया के लिए मौजूद होम्योपैथिक उपचार लक्षणों को नियंत्रित करने के ​साथ-साथ समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाता है।

होम्योपैथिक उपचार, यदि उपयुक्त समय पर दिए जाएं, तो मतिभ्रम, भाषण संबंधित समस्याओं और हिचकिचाहट को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह मनोविकारों की प्रगति को धीमा व ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करते हैं।

स्किज़ोफ्रेनिया के उपचार के लिए इस्तेमाल किए जा सकने वाले कुछ उपचारों में एब्सिंथियम, एनाकार्डियम ओरिएंटेल, बेलाडोना, ह्योसोयमस नाइजर, स्ट्रैमोनियम, नक्स मोशेटा, नक्स वोमिका, पल्सेटिला प्रेटेंसिस, बेरिटा कार्बोनिका और स्टैफिसैग्रिया शामिल हैं।

  1. स्किज़ोफ्रेनिया के लिए होम्योपैथिक दवाएं - Schizophrenia ki homeopathic medicine
  2. होम्योपैथी के अनुसार स्किज़ोफ्रेनिया के लिए आहार और जीवन शैली में बदलाव - Schizophrenia ke liye khanpan aur jeevan shaili me badlav
  3. स्किज़ोफ्रेनिया के लिए होम्योपैथिक दवाएं और उपचार कितने प्रभावी हैं - Schizophrenia ki homeopathic medicine kitni effective hai
  4. स्किज़ोफ्रेनिया के लिए दवा के नुकसान और जोखिम - Schizophrenia ki homeopathic medicine ke nuksan
  5. स्किज़ोफ्रेनिया के लिए होम्योपैथिक उपचार से संबंधित टिप्स - Schizophrenia ki homeopathic treatment se jude tips

एब्सिंथियम
सामान्य नाम :
कॉमन वार्मवुड
लक्षण : एब्सिंथियम उन लोगों के लिए बेहतरीन उपाय है जो मतिभ्रम की समस्या से ग्रसित हैं। यह उन लोगों में भी अच्छा काम करता है, जिन्हें अचानक चक्कर आना और घबराहट की समस्या है। यह उपाय निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन में भी फायदेमंद है :

  • चक्कर आने के बाद गिरने की प्रवृत्ति
  • हाल की घटनाओं को भूल जाना
  • भयानक दृश्य
  • याद्दाश्त में कमी
  • क्लेप्टोमेनिया (किसी लाभ की आवश्यकता के बिना चोरी करने का मन करना)
  • हिंसक महसूस करना
  • भ्रम की स्थिति
  • चेहरे पर अनियमित मरोड़ की समस्या

एनाकार्डियम ओरिएंटेल
सामान्य नाम :
मार्किंग नट
लक्षण : एनाकार्डियम ओरिएंटेल उन लोगों के लिए अनुकूल है जो चिड़चिड़े और उदास हैं, जिनमें देखने और सुनने की कमी है और याद्दाश्त में असंतुलन की समस्या है। ये लोग खाने के बाद सभी असुविधाओं से अस्थायी राहत प्राप्त करते हैं। यह निम्नलिखित लक्षणों से भी लाभ देता है :

  • किसी चीज के बारे में निश्चित विचार रखना
  • हाइपोकॉन्ड्रियासिस (गंभीर चिकित्सा स्थिति होने की चिंता, जिसका निदान नहीं हुआ हो)
  • आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करने की प्रवृत्ति के साथ आसानी से आहत होना
  • स्वयं और दूसरों में आत्मविश्वास की कमी
  • नैतिक प्रतिबंधों का अभाव
  • हानिकारक काम करने की इच्छा
  • संदिग्ध लगना
  • बिना किसी स्पष्ट कारण के उदासी
  • चलते समय चिंतित महसूस करना

यह लक्षण गर्म पानी का उपयोग करने के बाद बदतर हो जाते हैं, जबकि लेटने और कुछ खाने के बाद इनमें सुधार होता है।

बेलाडोना
सामान्य नाम :
डेडली नाइटशेड
लक्षण : बेलाडोना भयभीत और चिंतित लोगों के लिए सबसे उपयुक्त उपाय है। यह स्किज़ोफ्रेनिया  के लक्षणों जैसे भ्रमित, रात में ठीक से नींद नहीं आना और मरोड़ या ऐंठन के उपचार में उपयोगी है। इस उपाय से निम्नलिखित लक्षणों का प्रबंधन किया जा सकता है :

  • अपनी ही दुनिया में व्यस्त रहना और अपने आसपास की वास्तविकताओं से अनजान रहना
  • बात करने में हिचकिचाना
  • अनुचित या अजीब तरीके से व्यवहार करना
  • स्थिति से भागना
  • जवाबदेही में कमी
  • अक्सर मन बदल जाना

यह लक्षण दोपहर में, लेटने के बाद और ठंडी हवा में बिगड़ जाते हैं जबकि सेमी इरेक्ट पोजिशन (लेटने व बैठने के बीच वाली स्थिति) में रहने पर स्थिति में सुधार होता है।

ह्योसोयमस नाइजर
सामान्य नाम : हेनबेन
लक्षण : हेनबेन उन लोगों के लिए अनुकूल है, जो बहुत बात करते और झगड़ते हैं और अक्सर अपने कपड़ों को निकालते व जननांगों को खोलते हैं। यह स्किज़ोफ्रेनिया के रोगियों में मांसपेशियों में मरोड़ और तंत्रिका संबंधित दिक्कतों को कम करने में मदद करता है। यह उपाय निम्नलिखित लक्षणों के खिलाफ भी प्रभावी है :

  • हर बात पर हंसने और बेहद खुश महसूस करने की प्रवृत्ति
  • आक्रामक, अनैतिक और अनुचित यौन व्यवहार
  • जलन महसूस होना
  • अस्पष्ट भाषण
  • फुसफुसाना या अपष्ट बोलना
  • अचम्भित होना

यह लक्षण रात में, लेटते समय, कुछ खाने के बाद, मासिक धर्म के दौरान बिगड़ जाते हैं जबकि आगे की तरफ झुकने पर बेहतर महसूस करता है।

स्ट्रैमोनियम
सामान्य नाम : थोर्न-एप्पल
लक्षण : यह उपाय उन लोगों के लिए निर्धारित किया जाता है, जिन्हें मांसपेशियों का उपयोग करने में परेशानी होती है और ऐसा महसूस करते हैं जैसे कि उनके शरीर से अंग अलग हो गए हैं। यह उपाय हिंसक विचारों और अचानक भावनात्मक परिवर्तनों को कम करके स्किज़ोफ्रेनिया के इलाज में मदद करता है। इसके अलावा यह अन्य लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है जैसे :

  • स्थिति से बचना
  • खुद की पहचान के बारे में भ्रमित विचार
  • धार्मिक भावनाएं रखना
  • गाना, प्रार्थना करना, हंसना और बार बार शपथ लेना
  • किसी भी चमकती हुई वस्तु या फिर पानी को देखकर ऐंठन का अनुभव होना
  • दुराचारी होने जैसा एहसास होना
  • अजीब आवाजें सुनना, कुछ डरावना देखना और आत्माओं से बात करना
  • अंधेरे को सहन न कर पाना, हमेशा रोशनी और किसी के साथ की जरूरत लगना

यह लक्षण चमकदार वस्तुओं को देखने और सोने के बाद बढ़ जाते हैं, जबकि रोगियों को गर्म वातावरण, किसी का साथ मिलने पर और रोशनी में समय व्यतीत करने से लक्षणों से आराम मिलता है।

नक्स मोशेटा
सामान्य नाम :
नटमेग
लक्षण : यह उपाय उन लोगों में अच्छी तरह से काम करता है, जिन्हें सुस्ती घेरे रहती है, चलते समय ठोकर खाते हैं और अक्सर बेहोशी महसूस होती है। यह उपाय सिज़ोफ्रेनिया के रोगियों में भ्रम और याद्दाश्त में कमी को ठीक करता है। यह अन्य लक्षणों को भी कम करता है जैसे :

  • एक ही समय में रोने और हंसने जैसा महसूस होना
  • अक्सर मन बदल जाना
  • उलझा हुआ महसूस करना जैसे सपने में हों

यह लक्षण तब और बदतर हो जाते हैं जब रोगी ठंडा भोजन करता है, दर्द वाली तरफ लेटता है या नम ठंडी हवाओं के संपर्क में आता है। रोगी को तब बेहतर महसूस होता है जब वह गर्म और सूखे वातावरण में रहता है।

नक्स वोमिका
सामान्य नाम :
पॉइजन-नट
लक्षण : नक्स वोमिका का उपयोग कई बीमारियों के लिए एक प्राथमिक दवा के रूप में किया जाता है। यह उपाय उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त है जो लंबे समय तक अध्ययन या कार्यालय में समय बिताने के कारण एक गतिहीन जीवन शैली का पालन करते हैं और मानसिक कार्यों को करने में वास्तव में अच्छे हैं। नक्स वोमिका सिज़ोफ्रेनिया के रोगियों में सचेत अवस्था में होने वाली ऐंठन का इलाज करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए भी किया जाता है :

  • एक एहसास मानो समय सामान्य कीं अपेक्षा धीरे-धीरे बीत रहा है
  • किसी के द्वारा छुआ जाना पसंद न करना
  • बदसूरत और घृणित महसूस करना
  • रोशनी, शोर और गंध के प्रति संवेदनशीलता
  • गलतियां निकालने की प्रवृत्ति
  • गुस्सा करना
  • दूसरों की आलोचना करने की इच्छा

यह लक्षण मसालेदार भोजन खाने के बाद, सुबह में, किसी भी उत्तेजक पदार्थ का सेवन करने और ठंड व शुष्क मौसम में बदतर हो जाते हैं। जबकि शाम में नम मौसम में, आराम करने और झपकी लेने के बाद इनमें सुधार होता है।

पल्सेटिला प्रेटेंसिस
सामान्य नाम :
विंड फ्लावर
लक्षण : यह उपाय महिलाओं के लिए और खुली हवा (भले सर्द मौसम हो) में बेहतर महसूस करने वाले लोगों के लिए सबसे उपयुक्त है। यह उपाय स्किज़ोफ्रेनिया के रोगियों में डर को कम करने में फायदेमंद है। यह अन्य लक्षणों से भी राहत प्रदान करता है जैसे :

  • आसानी से रोने की प्रवृत्ति
  • घबराहट और अशोभनीय महसूस करना
  • भूत के डर से अंधेरे में अकेले रहने का डर
  • आसानी से हतोत्साहित महसूस करना
  • सहानुभूति की भावना को पसंद करना
  • बहुत ज्यादा भावुक महसूस करना
  • दर्द और आनंद की अत्यधिक भावनाएं

यह लक्षण वसायुक्त खाद्य पदार्थ खाने के बाद, बाईं तरफ या दर्द वाले हिस्से के बल लेटने, गर्मी में और गर्म वातावरण में खराब हो जाते हैं। खुली और ठंडी हवा में, कुछ ठंडा लगाने और कोल्ड ड्रिंक्स और भोजन का सेवन करने के बाद इनमें सुधार होता है।

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चूंकि स्किज़ोफ्रेनिया एक क्रोनिक कंडीशन यानी लंबे समय तक प्रभावित करने वाली स्थिति है, इसलिए इसका इलाज लंबा चलता है। होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. हैनिमैन ने क्रोनिक कंडीशन के बेहतर प्रबंधन के लिए जीवनशैली और आहार संबंधी निम्नलिखित दिशानिर्देशों की सिफारिश की है :

क्या करना चाहिए

  • व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें
  • एक सक्रिय जीवनशैली को अपनाएं
  • गर्म मौसम में लिनन और सूती वस्त्र पहनें

क्या नहीं करना चाहिए

  • हर्बल सामग्री, हर्बल चाय और गंधयुक्त पानी से तैयार कॉफी, बीयर का सेवन न करें
  • नमक और चीनी का अधिक सेवन न करें
  • नम और दलदली जगहों पर न रहें
  • ऐसे व्यंजनों का सेवन न करें, जिनमें औषधीय जड़ी बूटियां हों

होम्योपैथिक चिकित्सा में मनोरोग स्थितियों के इलाज के लिए सभी महत्वपूर्ण गुण मौजूद हैं, लेकिन होम्योपैथिक उपाय निर्धारित करने से पहले मरीज में लक्षणों के साथ उसकी शीरीरिक, मानसिक स्थिति की जांच की जाती है। यही वजह है कि होम्योपैथी उपचार एक जैसी बीमारी वाले व्यक्तियों में एक जैसा असर नहीं करती है। 

2016 में ओपन-लेबल (एक प्रकार का क्लिनिकल ट्रायल), प्रॉस्पेक्टिव (ऐसे लोग जिनमें बीमारी का जोखिम होता है) और गैर-तुलनात्मक अवलोकन अध्ययन किया गया था, जिसमें इस बात का पता चला कि होम्योपैथिक उपचार में स्किज़ोफ्रेनिया के प्रबंधन में सकारात्मक भूमिका निभाई। अध्ययन में 20 से 60 वर्ष की आयु के ऐसे 171 रोगियों को शामिल किया गया, जिनमें स्किज़ोफ्रेनिया के लक्षण दिखाई पड़े थे। दवाओं की प्रभावशीलता कम रखी गई थी। इनमें नैट्रम म्यूरिएटिकम, लाइकोपोडियम क्लैवेटम, पल्सेटिला निग्रिकंस, फॉस्फोरस और सल्फर शामिल थे। एक वर्ष तक सभी को मॉनिटर किया गया और इस दौरान सभी रोगियों का स्वास्थ्य बेहतर पाया गया। इन रोगियों में बेलाडोना, लाइकोपोडियम क्लैवेटम, आर्सेनिकम एल्बम, स्ट्रैमोनियम, ह्योसोयमस नाइजर, नक्स वोमिका और फास्फोरस जैसे उपचार प्रभावी पाए गए।

अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला कि परिणाम उत्साहजनक थे, खास बात यह रही कि किसी भी रोगी में दुष्प्रभाव की जानकारी नहीं मिली।

एक अन्य केस स्टडी में, 20 वर्षीय लड़के को शामिल किया गया, जिसमें एक एक्सीडेंट के बाद से सिज़ोफ्रेनिया के लक्षण विकसित होने लगे थे। इसे भी होम्योपैथी उपचार के तहत बेलाडोना, एब्सिंथियम, स्ट्रैमोनियम और ह्योसोयमस नाइजर दिया गया। एब्सिंथियम महीने में एक बार दी जाती थी और इस प्रक्रिया को अगले 3 महीनों तक जारी रखा गया। दो साल के बाद रोगी को अपने लक्षणों से पूरी तरह से राहत महसूस होने लगी।

स्किज़ोफ्रेनिया के लिए किसी योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक के पर्चे के अनुसार होम्योपैथिक उपचार लेने पर कोई दुष्प्रभाव उत्पन्न नहीं होता है। इससे संबंधित कुछ शोध किए गए थे, जिनमें किसी भी मरीज से साइड इफेक्ट की जानकारी नहीं है। इसके अलावा यह पूरी तरह से प्राकृतिक पदार्थों से तैयार किए जाते हैं और इन्हें इस्तेमाल करने से पहले घुलनशील रूप दिया जाता है। यही वजह है कि होम्योपैथिक दवाओं का दुष्प्रभाव नहीं होता है या न्यूनतम होता है। खास बात यह है कि इन दवाइयों को हर आयु वर्ग के लोग होम्योपैथिक चिकित्सक की निगरानी में ले सकते हैं।

स्किज़ोफ्रेनिया एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति मतिभ्रम, भ्रम और संज्ञानात्मक मुद्दों (जैसे कि सीखने, याद्दाश्त संबंधी, धारणा बनाना और समस्या को हल करना) का अनुभव करता है। स्किज़ोफ्रेनिया का होम्योपैथिक उपचार लक्षण प्रबंधन पर केंद्रित है। जब एक योग्य चिकित्सक के मार्गदर्शन में लिया जाता है, तो ये उपाय न केवल स्किज़ोफ्रेनिया के लक्षणों के प्रबंधन में प्रभावी होते हैं, बल्कि यह समग्र स्वास्थ्य में भी सुधार करते हैं। भले इनका साइड इफेक्ट न हो, लेकिन बिना चिकित्सक से परामर्श के इन दवाइयों का सेवन नहीं करना चाहिए।

संदर्भ

  1. National Institute of Mental Health [Internet] Bethesda, MD; Schizophrenia. National Institutes of Health; Bethesda, Maryland, United States
  2. American Psychiatric Association. What Is Schizophrenia?. Washington, DC; [Internet]
  3. National Center for Homeopathy [Internet] Mount Laurel, New Jersey, U.S Homeopathic Management of Schizophrenia
  4. Oscar E. Boericke. Repertory. Médi-T; [lnternet]
  5. Praveen Oberai, S Gopinadhan, Anita Sharma, Chaturbhuja Nayak, Kalpana Gautam. Homoeopathic management of Schizophrenia: A prospective, non-comparative, open-label observational study. Year : 2016 Volume : 10 Issue : 2 Page : 108-118
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