चीन में एक तीन साल के बच्चे के ब्यूबोनिक प्लेग से ग्रस्त होने की पुष्टि हुई है। मामला दक्षिण चीन के युन्नान प्रांत का है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, युन्नान के स्थानीय अधिकारियों ने बच्चे के ब्यूबोनिक प्लेग से ग्रस्त होने की बात कही है। इसके बाद प्लेग को रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर चौथे लेवल की इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई है।
अखबार के मुताबिक, पीड़ित बच्चा बीमारी के हल्के संक्रमण से पीड़ित है। स्थानीय सरकार के एक अधिकारी ने बताया है कि इलाज के बाद बच्चे की हालत स्थिर है। अधिकारी ने यह भी कहा है कि यह अभी तक युन्नान में ब्यूबोनिक प्लेग का एकमात्र मामला है। बताया गया है कि युन्नान में एक गांव में तीन मृत चूहे मिले थे। उनकी मौत का कारण पता नहीं चलने के बाद आसपास के इलाकों में बीमारी फैलने की संभावना को देखते हुए लोगों की स्क्रीनिंग शुरू की गई थी। इसी दौरान बच्चा प्लेग से ग्रस्त पाया गया।
इससे पहले चीन के युन्नान प्रांत के मेंघाई जिले के एक गांव में रेट प्लेग फैलने की बात स्थानीय डिसीज कंट्रोल अथॉरिटी की तरफ से की गई थी। इसके बाद राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर के सरकारी मेडिकल एक्सपर्ट को मेंघाई के गांव में बीमारी को नियंत्रित करने के लिए भेजा गया था। वहीं, स्थानीय प्राधिकरण ने वहां के लोगों के निरीक्षण, डायग्नॉसिस और क्वारंटीन के लिए अलग से टीम का गठन किया था। इस टीम को बताना था कि क्या स्थानीय लोगों में से कोई मृत चूहों के संपर्क में आया था। इसके अलावा आसपास के इलाकों से रॉडेंट (कतरने वाले जानवर) और पिस्सुओं को खत्म करने के लिए सैनिटेशन कैंपेन की भी शुरुआत की गई है।
हाल के समय में चीन में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनसे वहां ब्यूबोनिक प्लेग फैलने की आशंका पैदा हुई है। बीते जुलाई-अगस्त महीने में उत्तरी चीन के आंतरिक स्वायत्त मंगोलिया क्षेत्र में इस प्लेग से दो लोगों की मौत हो गई थी। इससे मंगोलिया के लोगों में संक्रमण फैलने की आशंका को लेकर डर पैदा हो गया था। ऐसे में स्थानीय सरकार को वहां अलर्ट जारी कर संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए तीसरे स्तर की चेतावनी जारी करनी पड़ी थी।
क्या है ब्यूबोनिक प्लेग?
यह बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है जो रॉडन्ट यानी चूहा-गिलहरी प्रजाति से जुड़े जानवरों (जैसे मारमॉट) में पाए जाने वाले पिस्सुओं के जरिये फैलती है। ब्यूबोनिक प्लेग के प्रभाव में टॉन्सिल, कंठग्रंथि, प्लीहा और थाइमस में सूजन व लालिमा जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। अन्य लक्षणों में बुखार, बदन दर्द, ठंड लगना आदि शामिल हैं। लसिका ग्रंथि में दर्द व तेजी से सूजन व लालिमा होना ब्यूबोनिक प्लेग का सबसे आम संकेत माना जाता है। हालांकि अगर यह पता चल जाए कि मरीज को किस कीट ने काटा है, तो बीमारी के कारण का पता लगाने में आसानी हो जाती है। जानकार बताते हैं कि अगर ब्यूबोनिक प्लेग में समय पर इलाज न मिल पाए तो न्यूमोनिक प्लेग फैलने का खतरा पैदा हो जाता है। तब मरीज में सांस फूलने, छाती में दर्द और बलगम में खून आने जैसे लक्षण दिखते हैं। इसके अलावा बॉडी शॉक और श्वसन प्रणाली के काम बंद करने जैसे घातक लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं, जो पीड़ित के लिए जानलेवा भी हो सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ब्यूबोनिक प्लेग की चपेट में आने वाले व्यक्ति को अगर समय पर इलाज न मिले तो उसकी 24 घंटों के अंदर मौत हो सकती है। ताजा मामले सामने आने से पहले चीन के एक अन्य प्रांत बायन-उलगी में पिछले साल ब्यूबोनिक प्लेग से एक दंपती की मौत हो गई थी। उस समय की मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, दोनों पति-पत्नी ने मारमॉट का मांस खाया था।