पिंपल्स की समस्या बहुत ही सामान्य समस्या है. एक स्टडी के मुताबिक, मुंहासे दुनिया में सबसे आम त्वचा से जुड़ी परेशानी है, जिससे लगभग 85% युवा वर्ग प्रभावित होते हैं. धूल-मिट्टी और ऑयली स्किन के कारण मुंहासों की समस्या सबसे अधिक होती है. वहीं, तनाव की वजह से भी एक्ने यानि मुंहासों की परेशानी हो सकती है.

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मुंहासों की परेशानी को दूर करने के लिए मार्केट में कई केमिकल्स युक्त प्रोडक्ट्स मौजूद हैं. इन प्रोडक्ट्स से आपकी स्किन से मुंहासे दूर तो हो जाते हैं, लेकिन इससे स्किन पर कई अन्य तरह की परेशानियां होने की संभावना बढ़ जाती है.

ऐसे में इन परेशानियों से बचने के लिए हमें आयुर्वेदिक इलाज की ओर रुख रखना चाहिए. आयुर्वेद में मुंहासों की परेशानी को दूर करने के कई बेहतरीन उपाय हैं, जिससे आपकी स्किन से न सिर्फ मुंहासे दूर होंगे बल्कि कई अन्य समस्याएं भी दूर होंगी.

आज हम इस लेख में आपको मुंहासों में फायदेमंद आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में बताएंगे -

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  1. मुंहासों के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां - Ayurvedic herbs for acne in Hindi
  2. पिम्पल्स के कुछ अन्य आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां - Other ayurvedic herbs for pimples in Hindi
  3. सारांश - Summary
पिम्पल्स की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां के डॉक्टर

पिम्पल्स के आयुर्वेदिक इलाज में मंजिष्ठा, नीम, टी-ट्री, विच हैज़ल, हल्दी और शहद-दालचीनी काफी कारगर होते हैं. इस लेख में हम आपको ये बताया गया है कि इन्हें मुंहासों के आयुर्वेदिक उपचार के लिए कैसे इस्तेमाल करना है -

मंजिष्ठा

आयुर्वेद में मंजिष्ठा (Rubia cordifolia) का विशेष महत्व है. आयुर्वेद की कई दवाइयों को तैयार करने के लिए मंजिष्ठा का इस्तेमाल किया जाता है. मंजिष्ठा के इस्तेमाल से लसीका तंत्र (lymphatic system) में सुधार आता है, जो स्किन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. रिसर्च में बताया गया है कि मंजिष्ठा में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीएंड्रोजेनिक गुण मौजूद होते हैं, जो मुंहासों को रोकने में मददगार हो सकते हैं. अगर आप मुंहासों का आयुर्वेदिक तरीके से इलाज करना चाहते हैं, तो मंजिष्ठा का इस्तेमाल करें. इससे आपको काफी फायदा हो सकता है.

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नीम

आयुर्वेद में नीम का इस्तेमाल कई तरह की परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता है. स्टडी के मुताबिक, नीम के तेल में जीवाणुरोधी, एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे गुण पाए जाते हैं, जो स्किन की कई परेशानियों को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं. आयुर्वेद में नीम का इस्तेमाल मुंहासे, एक्जिमा और सोरायसिस जैसी स्किन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता है.

2001 में हुए अध्ययन के मुताबिक, नीम के तेल में कई सूक्ष्म जीवों के खिलाफ जीवाणुरोधी गतिविधियां होती है. इसमें स्टैफिलोकोकस सूक्ष्म जीव भी शामिल है. इस जीव की वजह से ही स्किन पर मुंहासों की परेशानी होती है. ऐसे में आप मुंहासों की परेशानी को कम करने के लिए नीम का इस्तेमाल कर सकते हैं. नीम का इस्तेमाल कई तरीकों से किया जा सकता है. मार्केट में आपको नीम का पाउडर, नीम का तेल, नीम का अर्क आसानी से मिल सकता है. वहीं, बाग-बगीचों में आपको नीम का पेड़ आसानी से दिख सकता है. जिसका इस्तेमाल आप स्किन से मुंहासों को दूर करने के लिए कर सकते हैं.

टी-ट्री

टी ट्री (Melaleuca alternifolia) एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जिसका इस्तेमाल स्किन की कई परेशानियों को दूर करने के लिए किया जा सकता है. इसमें एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो स्किन से मुंहासों को कम करने की क्षमता रखते हैं. अध्ययन के मुताबिक, टी-ट्री स्किन, केमिकल्स युक्त क्रीम की तुलना में मुंहासों को ठीक करने में अधिक असरकारी हो सकता है. हालांकि, इसके इस्तेमाल से मुंहासे ठीक होने में अधिक समय लग सकते हैं. लेकिन इससे आपकी स्किन पर साइड-इफेक्ट जैसे- जलन, खुजली, सूजन होने की संभावना कम होती है.

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विच हैज़ल

विच हेज़ल की छाल और पत्तियां स्किन के लिए काफी फायदेमंद हो सकती हैं. स्टडी के मुताबिक, इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो स्किन से सूजन, जलन और संक्रमण को दूर करने में असरदार हो सकता है. इसकी पत्तियों और छाल के इस्तेमाल से आप स्किन से डैंड्रफ, एक्जिमा, जलन, खरोंच, कीड़े के काटने और मुंहासों की परेशानियों को दूर कर सकते हैं. हालांकि, अभी यह कहना मुश्किल है कि विच हेजल मुंहासों को ठीक करने में कितना असरकारी हो सकता है. अभी इस पर और अधिक शोध की आवश्यकता है. रिसर्च से पता चलता है कि इसमें बैक्टीरिया गुण होता है, जो स्किन से जलन और सूजन को कम करने में मददगार है, जो मुंहासों को ठीक करने में योगदान कर सकती है.

हल्दी

स्किन से मुंहासों को दूर करने के लिए आप हल्दी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. हल्दी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के साथ-साथ भारतीय घरों में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला मसाला भी है. इसके इस्तेमाल से फॉलिकुलिटिस (folliculitis) से बचाव किया जा सकता है. दरअसल, हल्दी में करक्यूमिन नामक यौगिक होता है, जो स्टैफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया (Staphylococcus Aureus Bacteria) के खिलाफ लड़ने में मददगार हो सकता है. चेहरे पर हल्दी का पेस्ट लगाने से आप स्किन की कई परेशानियों जैसे- मुंहासों, झुर्रियों और संक्रमण से बच सकते हैं. हालांकि, इसे लगाने से आपकी स्किन कुछ समय के लिए पीली हो सकती है. लेकिन यह आपके लिए असरकारी साबित हो सकता है. हल्दी में मौजूद करक्यूमिन, एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है, जो मुंहासे की परेशानियों कम करने में आपकी मदद कर सकता है.

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शहद और दालचीनी

शहद और दालचीनी का आयुर्वेद में खास महत्व है. रिसर्च के मुताबिक, इन दोनों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होता है, जो स्किन से मुंहासों की परेशानी को दूर करने में मददगार हो सकता है. आप चेहरे पर दालचीनी के छाल और शहद को एक साथ लगा सकते हैं. इससे मुंहासों की परेशानी दूर हो सकती है.

चेहरे से मुंहासों को दूर करने के लिए आप आयुर्वेदिक इलाज का सहारा ले सकते हैं, क्योंकि इससे साइड-इफेक्ट होने का खतरा कम रहता है. इसके अलावा आप अपनी डाइट और लाइफस्टाइल पर भी ध्यान दें. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. धूल-मिट्टी से बचकर रहें. खाने में जंक फूड के बजाय हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें. इससे मुंहासों की परेशानी से काफी हद तक बचा जा सकता है.

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