जब गुदा के अंदरूनी और बाहरी हिस्से पर सूजन आ जाती है तो इस स्थिति को पाइल्स यानी बवासीर कहा जाता है. बवासीर की बीमारी में गुदा के अंदरूनी हिस्से की नसे सूज जाती हैं, जिनमें न केवल तेज दर्द महसूस होता है, बल्कि कई बार खून भी निकलने लगता है. कभी-कभी मल त्याग के दौरान जोर लगाने पर ये मस्से बाहर भी आ जाते हैं.
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बवासीर होने की वजह
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, खराब खानपान के साथ ही बवासीर की बीमारी के कई कारण हो सकते हैं. इसके कारणों में मल त्याग के दौरान ज्यादा जोर लगाना, लंबे समय तक टॉयलेट शीट पर बैठे रहना, क्रॉनिक डायरिया या फिर कब्ज, मोटापा, गर्भावस्था के समय, कम फाइबर वाली डाइट का सेवन और नियमित तौर पर भारी सामान उठाना शामिल हैं. बवासीर की बीमारी में लोगों को उठते-बैठते वक्त बहुत तकलीफ होती है. अगर इस बीमारी का समय पर इलाज नहीं किया जाए तो ऑपरेशन करवाने की नौबत तक आ जाती है.
बवासीर के लक्षणों से छुटकारा पाने के लिए अक्सर लोग घरेलू नुस्खों की मदद लेते हैं. कुछ लोग पाइल्स के इलाज में हल्दी का इस्तेमाल करने की सलाह भी देते हैं. हालांकि अभी तक इस पर कोई रिसर्च नहीं हुई है. लेकिन अगर आप बवासीर की बीमारी में हल्दी का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें.
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हल्दी
औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी का इस्तेमाल वैसे तो भारतीय घरों में खाने के रंग और स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है. लेकिन इसी के साथ यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं में भी फायदेमंद साबित होती है. बवासीर में भी हल्दी को काफी किफायती माना गया है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक हल्दी के जरिए खून को रोकने में मदद मिल सकती है.
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खून को रोकने के लिए इस तरह करें हल्दी का इस्तेमाल: कई शोधों में ये साबित हो चुका है कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्वों के अलावा एंटीबैक्टीरियल, एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीकार्सिनोजेनिक और एंटीबायोटिक गुण बवासीर के कारण होने वाली समस्याओं से राहत दिलाते हैं.
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पाइल्स के कारण खून को रोकने के लिए हल्दी का इस्तेमाल
पाइल्स के लिए हल्दी और प्याज
एक प्याज के रस में थोड़ा-सा सरसों का तेल और हल्दी मिला लें. फिर इस पेस्ट को प्रभावित हिस्से पर लगाएं. आप चाहें तो इस पेस्ट का सेवन भी कर सकते हैं. 2-3 घंटों में रक्तस्त्राव को रोकने के लिए पीड़ित को हर 30 मिनट में 2 से 3 चम्मच हल्दी के इस पेस्ट का सेवन करना चाहिए. हल्दी के घरेलू नुस्खे को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह लें.
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पाइल्स के लिए हल्दी और नारियल का तेल
आप हल्दी का इस्तेमाल नारियल के तेल में भी मिलाकर कर सकते हैं. हल्दी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण नारियल के तेल के साथ मिलाकर शक्तिशाली संयोजन बनाते हैं. आप रूई की मदद से हल्दी और नारियल के तेल के मिश्रण को बाहरी बवासीर पर लगा सकते हैं.
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पाइल्स के लिए हल्दी और एलोवेरा जेल
हल्दी के अलावा एलोवेरा जेल का इस्तेमाल भी बवासीर की बीमारी में किया जा सकता है. एलोवेरा त्वचा संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में बेहद ही कारगर है. इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जलन को कम करने में मदद करते हैं. यदि आप बवासीर की बीमारी में एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं तो जेल घर पर ही बनाएं. इसके लिए एलोवेरा के पत्तों को काटकर उसका जेल निकाल लें और फिर प्रभावित हिस्से पर लगाएं. बता दें कि कुछ लोगों को एलोवेरा जेल से एलर्जी होती है. ऐसे में पहले अपने हाथ पर एलोवेरा जेल को रगड़कर करीब 24 से 48 घंटे इंतजार करें. अगर आपको कोई एलर्जी महसूस नहीं हो रही है तो आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन डॉक्टर की राय जरूर लें.
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