अगर आपको वायरल ब्रोंकाइटिस है, तो आपको हल्के बलगम के साथ खांसी हो सकती है। ब्रोंकाइटिस में श्वास नलियां (ब्रोन्कियल ट्यूब्स) या मुंह, नाक और फेफड़ों के बीच के हवा के मार्ग सूज जाते हैं। ब्रोंकाइटिस से पीड़ित व्यक्ति की फेफड़ों में हवा और ऑक्सीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है। अगर बलगम का रंग हरे या पीले रंग में बदल जाता है, तो यह किसी बैक्टीरियल संक्रमण का संकेत हो सकता है। अगर आपको खांसी भी हो रही है, तो इसका मतलब है कि आपको बैक्टीरियल संक्रमण हो चुका है जो कि कुछ हफ्तों तक बना रह सकता है। इसी के साथ थकान भी महसूस हो सकती है। आपको तुरंत ईएनटी स्पेशिलिस्ट से मिलना चाहिए।
लंग कैंसर के लक्षणों को दिखने में कई साल लग सकते हैं और ये तब तक दिखाई नहीं देते हैं, जब तक बीमारी एडवांस स्टेज पर नहीं पहुंच जाती। फेफड़ों में कैंसर के लक्षणों में खांसी का लंबे समय तक बना रहना या तीव्र होना और बलगम के साथ खून आना शामिल है। अगर आपको इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत पुलमोनोलॉजिस्ट को दिखाएं।
रेस्पिरेटरी इंफेक्शन की वजह से उल्टी हो सकती है। जब बच्चे बहुत सारा बलगम निगल लेते हैं, तो पेट में कफ बढ़ने से उन्हें परेशानी होती है और वे तब तक खांसते रहते हैं जब तक कि पेट में मौजूद कफ उल्टी के रूप में बाहर नहीं निकल जाता।
फेफड़ों या वायुमार्ग में किसी तरह की समस्या की वजह से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। अचानक से सांस फूलना अस्थमा का अटैक हो सकता है। इसका मतलब है कि वायुमार्ग में संकुचन के कारण शरीर में अधिक कफ (चिपचिपा बलगम) बनने लगा है, जिसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ और खांसी भी हो सकती है। निमोनिया (फेफड़ों में सूजन) की वजह से भी आपको इस तरह की समस्या हो सकती है। अपने लक्षण के सही निदान के लिए डॉक्टर से परामर्श करें या आप myUpchar के डॉक्टरों से भी ऑनलाइन परामर्श ले सकते हैं।
यह प्रॉब्लम बिल्कुल भी नॉर्मल नहीं है। यह समस्या आपको काफी लंबे समय से है जो कि चिंता का विषय हो सकता है। आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इसके लिए आप पुलमोनोलॉजिस्ट डॉक्टर से मिलें और अपनी जांच करवा लें। कुछ टेस्ट करवाने के बाद ही डॉक्टर इसके सही कारण का पता लगा सकेंगे और उसके अनुसार ही उचित दवा देंगे।
जब आप खांसते समय अधिक बल का इस्तेमाल करते हैं, तो वायुमार्ग में किसी तरह की क्षति की वजह से बलगम के साथ खून आ सकता है। आमतौर पर आप बलगम को पतला करने वाली म्यूकोलाइट दवा, कफ सिरप और भाप में सांस लेने से इसे कम कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए किसी भी तरह की दवा लेने से पहले पुलमोनोलॉजिस्ट डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच करवा लें और निदान के आधार पर ही डॉक्टर की सलाह से दवा लें।
ये लक्षण आपके गले में किसी तरह के तीव्र संक्रमण के हो सकते हैं। हो सकता है कि यह आपको फेरिन्जाइटिस या टॉन्सिलाइटिस की वजह से हुआ हो, लेकिन इसकी पुष्टि करने के लिए आपको डॉक्टर से जांच करवा लेनी चाहिए। इसके लिए आप ईएनटी स्पेशलिस्ट से मिलें।
सामान्य रूप से आप दिन भर में अनजाने में कई बार बलगम निगल लेते हैं। जब बलगम गाढ़ा या अधिक बनने लगता है, तो यह नाक से बाहर निकलना शुरू हो जाता है। अधिक बलगम निगलने की वजह से या एसिड रिफ्लक्स की वजह से व्यक्ति की नाक और गले में बार-बार बलगम बन सकता है।