पीरियड्स के दर्द को मासिक धर्म में दर्द या डिस्मेनोरिया नाम से भी जाना जाता है। यह माहवारी के समय होने वाला दर्द है। हालांकि, पीरियड्स में दर्द होना सामान्य लक्षण है, लेकिन कई महिलाओं को इस दौरान बहुत ज्यादा दर्द होता है तो कुछ को कम होता है। इसमें होने वाला दर्द इतना तेज हो सकता है कि दैनिक कार्य करने में बाधा आती है, इसीलिए इसका इलाज जरूरी है।
डिस्मेनोरिया को प्राथमिक और माध्यमिक दो प्रकारों में बांटा जा सकता है। प्राथमिक डिस्मेनोरिया का कोई अंतर्निहित कारण नहीं होता है और यह दर्द ज्यादातर महिलाओं द्वारा सामान्य परिस्थितियों में अनुभव किया जाता है, विशेष रूप से पीरियड्स शुरू होने के शुरुआती वर्षों में।
सेकंडरी डिस्मेनोरिया किसी अंतर्निहित कारण जैसे पॉलीसिस्टिक ओवरीज, ओवेरियन या यूटेरियन ट्यूमर की वजह से हो सकता है। यह दर्द आमतौर पर बड़ी उम्र की महिलाओं द्वारा अनुभव किया जाता है, विशेष रूप से जो 30 या 40 वर्ष के आसपास हैं। डिस्मेनोरिया के लक्षण इसके प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन इसके सामान्य लक्षणों में मतली, उल्टी, पीठ के निचले हिस्से, पेट और जांघों में दर्द, हल्का चक्कर आना और अंदरूनी जांघों में जकड़न शामिल हैं। मासिक धर्म के दौरान ब्लड क्लाॅट्स भी देखे जा सकते हैं। परंपरागत रूप से, घरेलू उपचार या दवाओं के माध्यम से स्थिति को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। अंतर्निहित स्थितियों का इलाज करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा मासिक धर्म में दर्द के इलाज के लिए होम्योपैथिक उपचार भी लिया जा सकता है। होम्योपैथी उपचार व्यक्तिगत लक्षणों व कुछ अन्य कारकों को ध्यान में रखकर निर्धारित किया जाता है। होम्योपैथी में कई ऐसे उपचार हैं जो पीरियड्स के दौरान दर्द के प्रबंधन के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इनमें से कुछ में ग्नेफैलियम पॉलीसेफेलम, जेल्सेमियम सेंपरविरेन्स, कॉफिया क्रुडा, कोक्यूलस इंडिकस, कोलिन्सोनिया कैनाडेंसिस, कैमोमिला, हैमामेलिस वर्जिनिआना, वेरेट्रम एल्बम, मैग्नीशियम फाॅस्फोरिकम, वाइबर्नम ओप्यूलस, क्यूलोफाइयल्मम टिल्ट्रिफोलम टिक्लफेलम शामिल हैं।
- माहवारी में दर्द की होम्योपैथिक दवा - Homeopathic medicines for Period Pain in Hindi
- पीरियड्स के दर्द के लिए होम्योपैथी के अनुसार बदलाव - Changes for Period Pain as per homeopathy in Hindi
- पीरियड्स के दर्द के लिए होम्योपैथिक दवाओं का प्रभाव - How effective are homeopathic medicines for Period Pain in Hindi
- पीरियड्स में दर्द की होम्योपैथिक दवा के नुकसान - Risks of homeopathic medicine for Period Pain in Hindi
- मासिक धर्म में दर्द की होम्योपैथिक दवा से संबंधित टिप्स - Tips related to homeopathic treatment for periods pain in Hindi
माहवारी में दर्द की होम्योपैथिक दवा - Homeopathic medicines for Period Pain in Hindi
पीरियड में दर्द के उपचार के लिए कुछ होम्योपैथिक उपचार निम्नलिखित हैं :
ग्नेफैलियम पॉलीसेफेलम
सामान्य नाम : कड-वीड, ओल्ड बाल्सा
लक्षण : ग्नेफैलियम पॉलीसेफेलम का मुख्य रूप से इस्तेमाल साइटिका के दर्द के उपचार के लिए किया जाता है, विशेष रूप से जब रोगी प्रभावित हिस्से में सुन्न होने जैसा अनुभव करता है। इसका उपयोग निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन के लिए भी किया जा सकता है :
- पैरों और पिंडली में दर्द
- श्रोणि में भारीपन महसूस होना
- मासिक धर्म में दर्द के समय कम ब्लीडिंग होना
- उल्टी
- पेट दर्द
जेल्सेमियम सेंपरविरेंस
सामान्य नाम : येलो जैस्मिन
लक्षण : येलो जैस्मिन सुस्ती, कंपकंपी, कमजोरी और फ्लू के इलाज के लिए एक प्रभावी उपाय है। इसका उपयोग निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन में भी किया जा सकता है :
- पीरियड्स के दौरान दर्द और कम ब्लीडिंग होना
- पीरियड का दर्द जो कि कूल्हों और टांगों की ओर बढ़ता है
- ऐसा महसूस होना जैसे कि गर्भाशय पर दबाव पड़ रहा हो
- पीठ दर्द और कूल्हे व पैरों में दर्द
- बाहों और पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव, कमजोरी और ऐंठन
यह लक्षण लगभग 10 बजे सुबह और नम व फाॅगी (धूमिल) वातावरण में बिगड़ जाते हैं। एक्साइटेड (उत्तेजित) होने, धूम्रपान करने और बुरी खबर सुनने से लक्षण खराब हो सकते हैं। रोगी को खुली हवा में कुछ समय बिताने, आगे झुकने और बहुत ज्यादा पेशाब करने से राहत महसूस होती है।
कॉफी क्रुडा
सामान्य नाम : अनरोस्टेड कॉफी
लक्षण : अनरोस्टेड कॉफी का उपयोग मुख्य रूप से मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में दर्द के इलाज के लिए किया जाता है। यह निम्नलिखित लक्षणों में सुधार करने में भी प्रभावी है :
- समय से पहले व सामान्य से ज्यादा लंबे समय तक पीरियड आना (और पढ़ें - मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव के कारण)
- भुजाओं और टांगों में दर्द
- पीरियड के दौरान काले रंग के क्लाॅट निकलना
यह लक्षण रात में, खुली हवा में, शोर और तेज महक के संपर्क में आने से बिगड़ जाते हैं। जबकि लेटने और गर्मी में इन लक्षणों में सुधार होता है।
कोक्यूलस इंडिकस
सामान्य नाम : इंडियन कॉकल
लक्षण : इंडियन कॉकल शरीर में तेज दर्द के साथ संकुचन के प्रबंधन में प्रभावी है। यह निम्नलिखित लक्षणों को प्रबंधित करने में भी मदद कर सकता है :
- पीरियड्स के दौरान दर्द व गहरे रंग का डिस्चार्ज होना
- समय से पहले पीरियड व थक्के बनना (और पढ़ें - खून का थक्का जमने का इलाज)
- पीठ के निचले हिस्से में ऐसा दर्द होना जैसे लकवा मारा हो
- बहुत ज्यादा कमजोरी
- पीरियड्स के दौरान योनि से पीले या सफेद रंग का डिस्चार्ज होना जो कि मवाद से भरा होता है
- बाहों और पैरों में सुन्नपन
- पेट की मांसपेशियों की कमजोरी
- पेट में दर्द
यह लक्षण दोपहर में, खाने के बाद, धूम्रपान करने से, शोर और तैराकी से खराब हो जाते हैं।
कोलिन्सोनिया कैनाडेंसिस
सामान्य नाम : स्टोन-रूट
लक्षण : यह दवा निम्नलिखित लक्षणों का इलाज करके डिस्मेनोरिया के प्रबंधन में मदद कर सकती है :
- जननांगों में सूजन (और पढ़ें - योनि में सूजन का इलाज)
- कब्ज
- पीरियड्स के बाद जांघों में ठंडा एहसास होना
यह लक्षण ठंड और मामूली भावनात्मक या मानसिक उत्तेजना से बिगड़ते हैं, जबकि गर्मी से रोगी बेहतर महसूस करता है।
कैमोमिला
सामान्य नाम : जर्मन कैमोमिला
लक्षण : चिड़चिड़ापन, सुन्न होना और बिना कारण के दर्द के इलाज के लिए जर्मन कैमोमिला एक प्रभावी दवा है। इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों को भी ठीक कर सकती है :
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द
- माहवारी में होने वाला डिस्चार्ज सामान्य से ज्यादा व रंग गहरा होना और इस दौरान प्रसव पीड़ा जैसा दर्द होना
- मतली और उल्टी
- गर्भाशय से असामान्य ब्लीडिंग होना (और पढ़ें - ब्लीडिंग कैसे रोकें)
यह लक्षण रात में, खुली हवा में और गुस्सा करने से खराब होते हैं जबकि गर्म और नम मौसम में इनमें सुधार होता है।
हैमामेलिस वर्जिनिआना
सामान्य नाम : विच-हेजेल
लक्षण : खून की कमी का इलाज करने और उसके कारण होने वाली कमजोरी के लिए विच-हेजेल एक उपयुक्त उपाय है। यह निम्नलिखित लक्षणों का इलाज करने में भी मददगार है :
- पीरियड्स के दौरान सामान्य से ज्यादा मात्रा में खून बहना
- पेट में दर्द
- गर्भाशय से खून निकलना
- पीठ और पैरों में तेज दर्द
- पेट में तेज दर्द
- हाथ-पैर में थकान महसूस होना
यह लक्षण गर्म और नम हवा से बिगड़ते हैं।
वेराट्रम एल्बम
सामान्य नाम : व्हाइट हेलबोर
लक्षण : वेराट्रम एल्बम का इस्तेमाल हाथ-पैर में ऐंठन और बहुत ज्यादा उल्टी आने पर किया जाता है। इस दवा से निम्नलिखित लक्षणों का भी इलाज किया जाता है :
- पेट में ऐठन
- पेट में दर्द
- समय से पहले व ज्यादा मात्रा में मासिक धर्म आना
- पीरियड्स के दौरान दर्द होना व ठंडा पसीना आना
- पिंडली में ऐंठन
यह लक्षण रात में और ठंडे वातावरण में बिगड़ते हैं, जबकि चलने पर रोगी को अच्छा महसूस होता है।
मैग्नीशियम फॉस्फोरिकम
सामान्य नाम : फॉस्फेट ऑफ मैग्नेशिया
लक्षण : फॉस्फेट ऑफ मैग्नेशिया मांसपेशियों में ऐंठन के प्रबंधन के लिए सबसे उपयुक्त उपचारों में से एक है, विशेष रूप से जो रेडिएट पेन (ऐसा दर्द जो शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से की ओर बढ़ता है) से जुड़े हैं। यह निम्नलिखित लक्षणों के इलाज में भी मदद करता है :
- पीरियड्स के दौरान पेट में तेज दर्द
- समय से पहले पीरियड होना व इस दौरान गहरे रंग का डिस्चार्ज होना
- जननांगों की सूजन
- श्रोणि की मांसपेशियों में ऐंठन
- पेट भरा महसूस होना
- मांसपेशियों की कमजोरी
यह लक्षण रात में, दर्द वाले हिस्से को छूने और ठंडे वातावरण में खराब हो जाता है जबकि दबाव पड़ने, गर्मी और प्रभावित हिस्से पर घर्षण पड़ने से लक्षणों से आराम मिलता है।
विबर्नम ओपुलस
सामान्य नाम : हाई क्रैनबेरी
लक्षण : यह कूल्हे वाले हिस्से में ऐंठन और कोलिक्की पेन के इलाज में मदद करता है। बता दें, कोलिक्की पेन ऐसा दर्द है जो अचानक से आता और जाता है व धीरे-धीरे बढ़ता है। इसका उपयोग अक्सर गर्भपात को रोकने और निम्नलिखित लक्षणों के इलाज के लिए किया जाता है :
- अचानक पेट में ऐंठन और दर्द
- पीरियड में देरी जो कि कुछ घंटों तक चल सकती है
- पीठ के निचले हिस्से व जांघों के सामने वाले हिस्से में दर्द
- पैरों में भारीपन महसूस होना
यह लक्षण शाम और रात में और प्रभावित हिस्से के बल लेटने पर बढ़ जाता है। आराम करने और खुली हवा में कुछ समय बिताने के बाद लक्षणों में सुधार होता है।
क्यूलोफिलम थैलिक्ट्रोइड्स
सामान्य नाम : ब्लू कोहोश
लक्षण : ब्लू कोहोश मुख्य रूप से महिलाओं के लिए एक उपाय है। यह निम्नलिखित लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है :
- ऐंठन के साथ तेज दर्द जो कि शरीर में किसी भी दिशा की ओर बढ़ सकता है
- ग्रीवा में सुई की चुभन जैसा दर्द होना
- पीरियड्स के दौरान दर्द जो अन्य भागों में फैलता है
- पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग और इस दौरान पीला या सफेद डिस्चार्ज होना
(और पढ़ें - योनि से सफेद पानी आने का कारण)
कैक्टस ग्रैंडिफ्लोरस
सामान्य नाम : नाइट ब्लूमिंग सिरियस
लक्षण : कैक्टस ग्रैंडिफ्लोरस का उपयोग मुख्य रूप से बहुत ज्यादा मात्रा में खून की कमी और ऐंठन के साथ होने वाले दर्द के उपचार में किया जाता है। यह निम्नलिखित लक्षणों के प्रबंधन में भी असरदार है :
- गर्भाशय और अंडाशय में धमक जैसा दर्द होना
- समय से पहले पीरियड होना
यह लक्षण दोपहर में खराब हो जाते हैं। चलने, बाईं ओर करवट करके लेटने और ऊपर चढ़ने से भी लक्षण खराब होते हैं जबकि खुली हवा में रहने से लक्षणों से आराम मिलता है।
बेलाडोना
सामान्य नाम : डेडली नाइटशेड
लक्षण : यह मुख्य रूप से तंत्रिका संबंधी दर्द में उपयोग किया जाता है, इसके अलावा यह निम्नलिखित लक्षणों का भी इलाज कर सकता है :
- पेट में तेज दर्द
- पीरियड्स के दौरान चकमदार लाल रंग में और ज्यादा मात्रा में रक्त प्रवाह होना
- हाथ और पैरों में ऐंठन व दर्द
- कूल्हों में तेज दर्द
यह लक्षण प्रभावित हिस्से को छूने और लेटने पर बिगड़ जाते हैं, जबकि सेमी-इरेक्ट (लेटने व बैठने के बीच वाली स्थिति) पोजिशन मे आराम मिलता है।
(और पढ़ें - पीरियड से जुड़े तथ्य)
पीरियड्स के दर्द के लिए होम्योपैथी के अनुसार बदलाव - Changes for Period Pain as per homeopathy in Hindi
होम्योपैथिक उपचार बहुत से रोगों के उपचार में उपयोगी हैं। हालांकि, जो लोग होम्योपैथिक दवाएं लेने की सोच रहे हैं उन्हें इलाज के साथ-साथ डाॅक्टर आहार और जीवन शैली में कुछ जरूरी बदलाव करने की सलाह देते हैं, ताकि इलाज सटीक तरीके से हो पाए और मरीज जल्दी रिकवर हो पाए। होम्योपैथिक डाॅक्टर के अनुसार दिए जाने वाले दिशा-निर्देश :
क्या करना चाहिए
- फाइबर और पोषक तत्वों से भरा संतुलित व स्वस्थ भोजन लें, जिसमें फल और सब्जियां शामिल हों।
- सक्रिय रहें और दैनिक दिनचर्या में शारीरिक व्यायाम शामिल करें। यदि आप एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो कोशिश करें कि शुरू में हल्की तीव्रता वाले व्यायाम करें।
- आरामदायक कपड़े पहनें।
क्या नहीं करना चाहिए
- ऐसे खाद्य पदार्थ न खाएं जिनमें चिकित्सीय गुण हों।
- तेज महक व कैफीनयुक्त चीजें जैसे चाय, काॅफी व अन्य किसी तरह का पेय न लें।
- इत्र या अन्य किसी आर्टिफिशियल सुगंधित चीजों का प्रयोग न करें।
- नम वातावरण में रहने से बचें।
- ओवरएक्जर्शन से बचें और दिमाग को शांत रखें यानी गुस्सा, क्रोध, उत्तेजित हो जाना या दुखी होने से बचें।
- भोजन में सामान्य से ज्यादा मात्रा में नमक या चीनी व मसाले का उपयोग न करें।
(और पढ़ें - मासिक धर्म में देरी का कारण)
पीरियड्स के दर्द के लिए होम्योपैथिक दवाओं का प्रभाव - How effective are homeopathic medicines for Period Pain in Hindi
पीरियड के दर्द के प्रबंधन के लिए कई होम्योपैथिक उपचार निर्धारित हैं। ये उपचार पीरियड्स के दर्द के विभिन्न प्रकारों में प्रभावी हैं और दुष्प्रभावों से मुक्त हैं। पीरियड के दौरान दर्द के प्रबंधन में होम्योपैथिक उपचार की प्रभावकारिता का मूल्यांकन करने के लिए विभिन्न नैदानिक परीक्षण किए गए हैं।
पीरियड्स के दर्द के लिए होम्योपैथिक दवाओं की प्रभावकारिता जानने के लिए दो वर्षों तक बहुउद्देशीय अवलोकन अध्ययन किया गया, जिसमें 128 महिलाओं को शामिल किया गया था। इस अध्ययन से पता चला कि होम्योपैथिक उपचारों ने 50 प्रतिशत से अधिक प्रतिभागियों में डिस्मेनोरिया का इलाज करने में मदद की। इस दौरान लक्षणों की गंभीरता कम हो गई और स्वास्थ्य संबंधी गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ।
पीरियड के दर्द के उपचार में होम्योपैथिक दवाओं की दक्षता के बारे में अधिक जानने के लिए अपने डाॅक्टर से परामर्श करें।
(और पढ़ें - अनियमित मासिक धर्म का उपचार)
पीरियड्स में दर्द की होम्योपैथिक दवा के नुकसान - Risks of homeopathic medicine for Period Pain in Hindi
होम्योपैथिक डॉक्टर बीमारियों और उनसे संबंधित लक्षणों के इलाज के लिए व्यक्तिगत उपचार निर्धारित करते हैं, जिसका मतलब है कि दवाइयां लिखने से पहले डाॅक्टर लक्षणों के अलावा, व्यक्ति की उम्र, मानसिक और शारीरिक स्थिति, फैमिली और मेडिकल हिस्ट्री को ध्यान में रखते हैं। होम्यापैथिक उपचार प्राकृतिक चीजों से तैयार किए जाते हैं और उपयोग से पहले बड़े पैमाने पर पतला किया जाता है। प्राकृतिक उत्पादों का पतला होना उन्हें प्रतिकूल प्रभावों से मुक्त बनाता है। हालांकि, होम्योपैथिक दवाओं को केवल एक अनुभवी होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श करने के बाद ही लेना चाहिए, क्योंकि वे अच्छे से जानते हैं कि दवा की खुराक कितनी फायदेमंद है। डाॅक्टर इन उपायों के बारे में अच्छे से वाकिफ होते हैं और आपके लिए सबसे उपयुक्त दवा लिखते हैं।
(और पढ़ें - मासिक धर्म बंद होने का कारण)
मासिक धर्म में दर्द की होम्योपैथिक दवा से संबंधित टिप्स - Tips related to homeopathic treatment for periods pain in Hindi
पीरियड्स के दौरान दर्द होना उन सामान्य लक्षणों में से एक है, जो ज्यादातर महिलाओं को प्रभावित करता है। यह दर्द पीठ और पैरों की तरफ बढ़ता है और इस दौरान महिला दिन के साधारण काम काज को करने में भी असमर्थ हो सकती है। वैसे तो विभिन्न प्रकार के दर्द के लिए पारंपरिक दवाओं का उपयोग किया जा सकता है दर्द से राहत मिल सकती है। लेकिन जो लोग दवाओं के साइड इफेक्टस से बचना चाहते हैं, उनके लिए होम्योपैथिक उपचार बेहतरीन उपाय है। होम्योपैथिक उपचार प्राकृतिक पदार्थों से बने होते हैं और अत्यधिक घुलनशील रूप में दिए जाते हैं, इसलिए उन्हें हर आयु वर्ग जैसे बच्चे से लेकर बूढ़ों तक के लिए सुरक्षित और प्रभावी माना जाता है।
(और पढ़ें - मासिक धर्म को जल्दी रोकने के उपाय)
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संदर्भ
- Better health channel. Department of Health and Human Services [internet]. State government of Victoria; Menstruation - pain (dysmenorrhoea)
- Queensland Government. Dysmenorrhoea; Australia; [internet]
- The European Committee of Homeopathy. Benefits of Homeopathy. Belgium; [internet]
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- Wenda Brewster O’Reilly. Organon of the Medical art by Wenda Brewster O’Reilly. B jain; New Delhi