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अगर इलाज पूरी तरह से किया जाए तो सभी तरह के कैंसर को ठीक किया जा सकता है। इसके इलाज का खर्च इस बार पर निर्भर करता है कि कैंसर आपको किस जगह और किस स्टेज पर है। अगर आपको मुंह का कैंसर है तो डॉक्टर से मिलें और उन्हें अपनी रिपोर्ट दिखाएं।
लेजर सर्जरी से मुंह के कैंसर का इलाज कर सकते है लेकिन इस सर्जरी को कराने से पहले यह जानना जरूरी है कि कैंसर किस हिस्से में है और उसकी स्थिति कैसी है जिसके बाद ही आप बायोप्सी की जाती है।
डॉक्टर ने आपको मुंह का कैंसर बताया है तो इसके लिए आप ऑन्कोलॉजिस्ट से मिलकर सीटी स्कैन या एमआरआई स्कैन करवा लें।
सबसे पहले आप अपने परिवार के सभी लोगो की जांच करवा लें अगर किसी को हेरिडिटरी सिंड्रोम की समस्या है तो रिपोर्ट से इसका पता चल जाएगा।
इलाज का पूरा कोर्स करने के बाद आप किसी डेंटिस्ट (दांतो के डॉक्टर) से मिलें। डॉक्टर आपको नकली दांत या कोई अंग जिसकी आपको जरूरत होगी वह लगाएंगे।
समय पर इसका इलाज करवाने से इसे अधिक बुरा होने से बचाया जा सकता है। दर्द शुरू होने से पहले आपको इस कैविटी प्रॉब्लम को ठीक कर लेना चाहिए।
मुंह के कैंसर के इलाज के लिए सबसे बेहतर है कि आप सर्जरी से इसका इलाज करवाएं।
आप चिंता न करें, आप इसके लिए किसी सर्जन से मिले और उनसे सलाह लें।
नॉर्मली, मुंह में फुंसी (फोड़ा) 2 हफ्तों के अंदर ठीक हो जाती है लेकिन अगर यह कैंसर होता है तो यह कम नहीं होता है और फैलने लगता है। मुंह में जिस जगह कैंसर होता है वह अक्सर लाल और सफेद रंग की हो जाती है। जीव का बड़ा सा भाग सफेद रंग का हो जाता है।
बहुत ही कम मामलो में, मुंह के कैंसर के शुरुआती चरणों में किसी तरह का दर्द होता है। मुंह में किसी तरह की फुंसी या फोड़ा होता है तो उसमे दर्द होता ही है लेकिन यह खतरनाक नहीं होता है। इसका मतलब यह है कि वह कैंसरकारी नहीं बनते हैं। मुंह में किसी तरह की फुंसी या फोड़ा 2 हफ्तों के अंदर ठीक हो जाती है अगर इसमें कोई दर्द, गांठ या मुंह में किसी तरह का धब्बा होता है जो लम्बे समय तक मुंह में रहता है तो किसी विशेषज्ञ से इसकी जांच जरूर करवा लें।
तम्बाकू के अंदर निकोटिन की मात्रा बहुत अधिक होती है। तम्बाकू का सेवन करने से मुंह के अंदर सफेद धब्बे बनने का खतरा बढ़ जाता है और जब तम्बाकू का सेवन अधिक किया जाता है तो यही धब्बे बढ़ते-बढ़ते कैंसर का रूप ले लेते हैं। तम्बाकू से दिल की बीमारी, दिल की धड़कने तेज होना और ब्लड प्रेशर बढ़ने जैसी समस्या भी होती है।