मसूड़ों में कैंसर को गम कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। इसमें मसूड़ों में असामान्य रूप से कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं जो आगे चलकर ट्यूमर व कैंसर का रूप ले सकती हैं। मसूड़े वे हिस्से होते हैं, जिनमें दांत जड़े होते हैं।
यह मुंह के कैंसर का एक रूप है, जिसमें ज्यादातर मसूड़े की सतह पर कैंसर विकसित होता है। यह एक प्रकार का त्वचा कैंसर है, जिसे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा के रूप में जाना जाता है। वे किसी गांठ या घाव की तरह दिखना शुरू हो सकते हैं, जो ठीक नहीं होते हैं। इसमें दिखने वाले घाव लाल या सफेद रंग के हो सकते हैं और मसूड़े का मोटा होने जैसा महसूस हो सकता है। घाव के पास के दांत ढीले हो सकते हैं या दांत की फिटिंग खराब हो सकती है।
तंबाकू उत्पादों का उपयोग करना, विशेष रूप से तंबाकू चबाना और नियमित रूप से अधिक मात्रा में शराब पीने से मसूड़ों के कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। आमतौर पर सबसे पहले एक डेंटिस्ट मसूड़ों में कैंसर की पहचान करते हैं। ऐसा तब होता है जब आप अपने दांतों की नियमित जांच के लिए उनके पास जाते हैं।
गम कैंसर के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं :
- मसूड़ों पर सफेद, लाल या काले धब्बे
- खून बहना या मसूड़ों का चटकना
- मसूड़ों का मोटा होना
(और पढ़ें - मुंह के कैंसर की होम्योपैथिक इलाज)