स्विमिंग पूल में नंगे पैर घूमने, जिम में नहाने और गंदी जगह पर पेडीक्‍योर करवाने से नाखून में फंगल इंफेक्शन या ऑनिकोमिसोसिस हो सकता है।

कभी-कभी इस फंगल इंफेक्शन की वजह से दर्द हो सकता है। आमतौर पर इसमें नाखूनों का रंग भी उड़ जाता है। यदि इसका इलाज न किया जाए तो संक्रमित नाखून मोटा पड़ सकता है और हटकर गिर भी सकता है।

डायबिटीज, परिसंचरण से जुड़ी बीमारियों और इम्‍यूनोकॉम्‍प्रोमाइज मरीजों में यह परेशानी ज्‍यादा देखी जाती है। महिलाओं और युवा पुरुषों की तुलना में 40 की उम्र पार कर चुके पुरुषों में यह परेशान ज्‍यादा होती है।

इस समस्‍या पर बहुत अध्‍ययन किए जा चुके हैं और इसका इलाज भी मौजूद है। आप घरेलू नुस्‍खों से नाूखनों में फंगल इंफेक्‍शन का इलाज करवा सकते हैं।

(और पढ़ें - वजाइनल फंगल इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए)

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  1. नाखूनों में फंगल इंफेक्‍शन के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय
  2. सारांश - Takeaway
नाखून में फंगल इंफेक्शन के घरेलू उपाय के डॉक्टर

प्रकृति में हर समस्‍या का इलजा है। जड़ी बूटियों, मसालों, प्राकृतिक तेल के मिश्रण से बने कुछ घरेलू नुस्‍खे एंटीफंगल गुणों से भरपूर होते हैं। घरेलू नुस्‍खों की एक अच्‍छी बात यह भी होती है कि इनके दुष्‍प्रभाव नहीं होते हैं।

(और पढ़ें - फंगल इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है)

बेकिंग सोडा

इसमें कई औषधीय गुण होते हैं। यह एंटीफंगल होता है जो नाखून को दोबारा से स्‍वस्‍थ होने में मदद कर सकता है।

बेकिंग सोडा के एंटीफंगल गुणों को जांचने के लिए एक स्‍टडी की गई थी। इसमें 79 पर्सेंट मामलों में फंगल पूरी तरह से खत्‍म हो गया और बाकी के मामलों में भी फंगल में कमी देखी गई। हालांकि, फंगस पर बेकिंग सोडा किस तरह काम करता है, यह स्‍पष्‍ट नहीं है और इस पर रिसर्च किए जाने की जरूरत है।

क्‍या चाहिए :

  • एक चम्‍मच बेकिंग सोडा
  • पानी
  • एक कटोरी

कैसे करें :

  • एक साफ कटोरी में बेकिंग सोडा डालने के बाद पानी की कुछ बूंदें डालें।
  • इसे अच्‍छी तरह से मिक्‍स करें ताकि कोई गुठली न पड़े।
  • इसे फंगस वाले नाखून पर लगाएं।
  • अब इसे 10 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • फिर इसे ठंडे पानी से धो लें।
  • इंफेक्‍शन खत्‍म करने के लिए दिन में दो बार इसे दोहराएं।

(और पढ़ें - पैरों में फंगल इन्फेक्शन का इलाज)

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वेपारब

कई अध्‍ययनों में सामने आया है कि मेंथॉल युक्‍त वेपोरब जैसे कि विक्‍स नाखून में फंगस पर असरकारी नुस्‍खा है। इसके प्रभाव को लेकर हुई स्‍टडी में 835 मामलों में नाखून में फंगल इंफेक्‍शन पर वेपोरब को असरकारी पाया गया है।

इसे लगाने पर इसमें मौजूद कपूर, मेंथॉल, थाइमोल और यूकेलिप्‍टस ऑयल फंगस पर काम करना शुरू कर देती हैं।

इसके इस्‍तेमाल से कोई साइड इफेक्‍ट भी नहीं होता है। हालांकि, इसका असर धीरे-धीरे होता है इसलिए आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा।

क्‍या चाहिए :

  • विक्‍स / वेपोरब

कैसे करें :

  • उंगली पर थोड़ी-सी वेपोरब लें और उसे नाखून पर लगाएं।
  • इसे दिन में दो बार लगाना है।

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टी ट्री ऑयल

टी ट्री पौधे से यह तेल निकलता है। इसकी एक बूंद में ही स्किन और शरीर को लाभ पहुंचाने वाले अद्भुत गुण होते हैं। इसमें एंटीमाइक्रोबियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो माइक्रोबियल कीटाणुओं को पूरी तरह से साफ कर देता है।

आमतौर पर स्किन पर टी ट्री ऑयल को लगाना सुरक्षित होता है लेकिन संवेदनशील त्‍वचा पर इससे डर्माटाइटिस या स्किन पर एलर्जिक रैश हो सकते हैं।

सावधानी : टी ट्री ऑयल को मुंह से नहीं लेना चाहिए। इससे उलझन और अटैक्सिया हो सकता है।

क्‍या चाहिए :

  • टी ट्री ऑयल
  • रूई का फाहा

कैसे करें :

  • एक साफ रुई का फाहा लें।
  • इस पर टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें डालें।
  • इसे प्रभावित हिस्‍से पर लगाएं और पूरी तरह से सूखने दें।
  • इसे दिन में दो बार करना है।

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विनेगर

फंगल इंफेक्‍शन से छुटकारा पाने के लिए विनेगर भी अच्‍छा घरेलू उपाय है। फर्मेंटेशन की प्रक्रिया में विनेगर हल्‍का एसिडिक हो जाता है। नाखून में फंगल इंफेक्‍शन पर इसका बहुत इस्‍तेमाल किया जाता है।

इंटरनेशनल जरनल ऑफ एनवायरमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्‍थ में प्रकाशित एक स्‍टडी के मुताबिक विनेगर कुछ प्रकार के नाखून के इंफेक्‍शन पर असरकारी है।

क्‍या चाहिए :

  • विनेगर
  • गर्म पानी
  • छोटा टब

कैसे करें :

  • टब में आधा पानी और आधा विनेगर डालें।
  • इसमें प्रभावित नाखून को 20 मिनट तक भिगोकर रखें।
  • जब तक इंफेक्‍शन ठीक न हो जाए, तब तक इसे दिन में दो बार करना है।

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लहसुन

नाखून में फंगल इंफेक्‍शन का एक और लाभकारी घरेलू नुस्‍खा लहसुन भी है। इसकी तीखी गंध शरीर को स्‍वस्‍थ रखने में मदद करती है। लहसुन के औषधीय तत्‍व स्किन इंफेक्‍शन और नाखून के इंफेक्‍शन, दोनों पर असरकारी है।

लहसुन के बायोएक्टिव तत्‍व एंटीफंगल होते हैं। खासतौर पर इसके एंटी-डर्माटोफाइटिक गुण नाखून के फंगस खासतौर पर कैंडिडा पैराप्सिलोसिस पर असरकारी है।

हालांकि, कभी-कभी इसकी उच्‍च क्षमता स्किन के लिए नुकसानदायक भी हो सकती है। नाखून पर बहुत ज्‍यादा लहसुन लगाने या लंबे समय तक लगाने से जलन और स्किन को नुकसान हो सकता है।

क्‍या चाहिए :

कैसे करें :

  • लहसुन की कुछ कलियां लें और उसका बारीक पेस्‍ट बना लें।
  • इसे प्रभावित हिस्‍से पर 10 मिनट तक लगाकर रखें।
  • इस उपाय को रोज करें।
  • काम आसान करने के लिए आप लहसुन का तेल भी लगा सकते हैं।
  • रूई के फाहीे पर लहसुन के तेल की कुछ बूंदें डालें।
  • इसे प्रभावित हिस्‍से पर लगाएं।
  • इसे अपने आप सूखने दें।

(और पढ़ें - फंगल इन्फेक्शन का होम्योपैथिक इलाज)

ओजोनेटिड ऑयल

कई तेलों जैसे कि सूरजमुखी का तेल और जैतून का तेल कमर्शियली ओजोन गैस के संपर्क में लाकर ओजोनेटिड ऑयल में बदला जाता है। सामान्‍य तौर पर ओजोन एक असंतुलित गैस है लेकिन जब इसे ओजोन-रेसिस्‍टेंट कंटेनर में ओजोन गैस के संपर्क में लाया जाता है, तो असंतुलित गैस के अणु तेल के साथ रिएक्‍ट करते हैं और संतुलित होते हैं। लंबे समय तक संपर्क में रहने पर ओजोन गैस तेल को तरल से पेस्‍ट में बदल देती है।

नाखून में फंगल इंफेक्‍शन से ग्रस्‍त 400 मरीजों पर एक स्‍टडी की गई थी। इसमें ओजोनेटिड ऑयल को कीटोकोनाजोल (एंटीफंगल दवा) से ज्‍यादा असरकारी पाया गया। इन दोनों को संक्रमित नाखून पर दिन में दो बार लगाया गया था।

क्‍या चाहिए :

  • ओजोजाइज्‍ड सूरजमुखी का तेल
  • रूई का फाहा

कैसे करें :

  • रूई के फाहे पर ओजोनेटिड सूरजमुखी के तेल की कुछ बूंदें डालें।
  • इसे रोज दिन में दो बार संक्रमित नाखून पर लगाएं।
  • जब तक नाखून से फंगस पूरी तरह से खत्‍म नहीं हो जाता, जब तक ओजोनाइज्‍ड सूरजमुखी के तेल को लगाते रहें।

(और पढ़ें - फंगल इंफेक्शन के लिए 1 महीने का पैकेज)

प्रोपोलिस एक्‍सट्रैक्‍ट

प्रोपोलिस एक राल वाला तत्‍व होता है जो म‍धुमक्खियां पौधे के रिसाव से अपने खुद के वैक्‍स और लार से बनाती हैं। मधुमक्खिसां अपनी सुरक्षा के लिए प्रोपोलिस बनाती हैं। वे राल वाले तत्‍व से अपने हीव्‍स को सील कर देती हैं ताकि वो खुद को कई पैथोजीन से बचा सकें।

इस सीलिंग तत्‍व में कई औषधीय तत्व होते हैं और यह कई तरह से स्‍वास्‍थ्‍य को लाभ पहुंचाते हैं। 16 मरीजों पर प्रोपोलिस लगाकर इसके प्रभाव की जांच के लिए अध्‍ययन किया गया था। इलाज के 6 महीने के बाद 10 पर्सेंट लोगों को अच्‍छे परिणाम मिले। वहीं 56.25 पर्सेंट मरीजों को फंगल इंफेक्‍शन से पूरी निजात मिल गई औश्र 31.25 पर्सेंट को थोड़ा आराम मिला।

अध्‍ययन के अनुसार प्रोपोलिस में बायोएक्टिव तत्‍व होते हैं जैसे कि सिनेमिक एसिड, टरपेनॉइड और फेनोलिक फंगल को बढ़ने से रोकते हैं। इसे लगाने का एक फायदा यह भी है कि प्रोपोलिस स्किन के साथ नाखून के काफी अंदर घुस जाता है।

क्‍या चाहिए :

  • 10 पर्सेंट प्रोपोलिस एक्‍सट्रैक्‍ट
  • रूई का फाहा

कैसे करें :

  • रूई का फाहा लें और उस पर प्रोपोलिस एक्‍सट्रैक्‍ट की थोड़ी मात्रा डालें।
  • तब तक हेल्‍दी नाखून नहीं आ जाता, तब तक इसे संक्रमित हिस्‍से पर दिन में दो बार लगाएं।

(और पढ़ें - फंगल इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए)

  • नाखून में फंगस इंफेक्‍शन होना आम बात है। यह महिलाओं और बच्‍चों की तुलना में अधिक उम्र वाले पुरुषों को ज्‍यादा प्रभावित करता है।
  • इसमें बहुत तेज दर्द होता है जिससे काम करने में दिक्‍कत हो सकती है।
  • नाखून के बेरंग और मोटा होने पर यह भद्दा लग सकता है।
  • गर्म और उमस भरी जगहों जैसे कि पूल के आसपास, जिम, शॉवर और स्‍पा में लंबे समय तक फंजाई के संपर्क में रहने पर इंफेक्‍शन का खतरा बढ़ जाता है।
  • 80 पर्सेंट से ज्‍यादा नाखून में इंफेक्‍शन डर्माटोाफाइट फंगस की वजह से होता है और इसका इलाज एंटीफंगल दवाओं, क्रीम और लैक्‍वर्स से किया जा सकता है।
  • नाखून में फंगल इंफेक्‍शन के इलाज के घरेलू नुस्‍खों में बेकिंग सोडा का पेस्‍ट, टी ट्री ऑयल, विक्‍स वेपोरब, लहसुन का पेस्‍ट, ओजोनेटिड सूरजमुखी का तेल और प्रोपोलिस एक्‍सट्रैक्‍ट शामिल है।

(और पढ़ें - सिर के फंगल इन्फेक्शन का इलाज)

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संदर्भ

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