नस पर नस चढ़ जाने पर नसों को आराम की जरूरत होती है इसलिए नस को ठीक करने के लिए नींद लेना जरूरी है। नींद के दौरान शरीर अपने आप ही इसे ठीक कर देता है। इसलिए नस चढ़ने पर थोड़ी लंबी नींद लेनी चाहिए। इससे लक्षणों को बहुत जल्दी कम करने में मदद मिल सकती है। अधिकतर मामलों में, प्रभावित क्षेत्र को आराम देना और चढ़ी हुई नस को खुद ठीक होने में लंबी नींद लेना काफी महत्वपूर्ण है। चढ़ी हुई नस के ठीक होने के दौरान, यह भी जरूरी है कि आप उस नस का अधिक इस्तेमाल न करें। उस नस का ज्यादा इस्तेमाल करने से यह और भी बुरा हो सकता है। जिस व्यक्ति की नस पर नस चढ़ी होती है उसे उन गतिविधियों से दूर रहना चाहिए जिनसे उसे तकलीफ हो और सोते समय उस पोजीशन (करवट) में सोने की कोशिश करनी चाहिए जिससे नस पर किसी तरह का दवाब न बने।
इससे बचने के लिए आपको अपने बैठने और खड़े होने के तरीके में बद्लाव करना होगा। इसके लिए आप उस पोजीशन (स्थिति) को देखें जिससे आपको बेहतर महसूस होता है। इससे आपको दर्द से आराम मिलेगा।
अगर आपके हाथों और गर्दन की नस पर नस चढ़ जाती है तो आपको अपने वर्कस्टेशन में बदलाव करने की कोशिश करनी चाहिए। आप एर्गोनॉमिक माउस और कीबोर्ड का प्रयोग करें, यह हाथों और कलाई पर पड़ने वाले दवाब को कम करता है और कंप्यूटर मॉनिटर को आंखों के लेवल जितना ऊपर रखने से गर्दन के दर्द और इन लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। स्टैंडिंग वर्क स्टेशन का इस्तेमाल रीढ़ को गतिशील और लचीला बनाए रखने में भी मदद कर सकता है जिससे कमर में होने वाले दर्द को भी कम किया जा सकता है। अपनी प्रॉब्लम से आराम पाने के लिए उस पोजीशन को देखें जिससे प्रभावित नस पर दवाब न बनता हो और आराम मिलता है। आपको ये प्रॉब्लम ऑफिस में गलत बैठने की वजह से हो रही है इसलिए अपनी पोजीशन ठीक करें।
हल्की स्ट्रेचिंग और योग प्रभावित हिस्से में बनने वाले दवाब और तकलीफ को कम कर सकता है। यह जरूरी है कि आप बहुत ज्यादा स्ट्रेचिंग न करें वरना इससे लक्षण और गंभीर हो सकते हैं। अगर आपको एक्सरसाइज करते समय दर्द महसूस हो रहा या बेचैनी होती है तो तुरंत इसे रोक दें ताकि आगे नस डैमेज न हो।
अगर आपको कार्पल टनल की समस्या है जिसमें कलाई की नस चढ़ जाती है तो आप अपनी कलाई पर स्प्लिंट यानी पट्टी बांध लें। इससे कलाई को आराम मिलेगा। खासतौर से, यह रात के समय गलत पोजीशन से भी कलाई की रक्षा करेगी।
कमर के निचले हिस्से में दबी हुई नस को ठीक करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और अपने पैरों को ऊपर उठाएं एवं हिप्स और घुटनों को 90 डिग्री पर मोड़ कर रखें। ऐसा करने से आपको आराम मिलेगा और दर्द भी कम होगा।