सच्चाई यह है कि हम अभी तक इसके बारे में सब कुछ नहीं जान पाए हैं। मेडिकल भाषा में इसे 'म्यूकोर्मिकोसिस / म्यूकोरमाइकोसिस' कहते हैं और यह "म्यूकॉर्माइसीट्स" नामक फंगस के एक समूह के कारण होने वाला गंभीर फंगल इंफेक्शन है।
अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में नहीं आते हैं, तो आपको यह बीमारी नहीं होगी।
सबसे महत्वपूर्ण कारण है इम्युनिटी कमजोर होना और इसके कई कारण हैं - डायबिटीज, स्टेरॉयड का दुरूपयोग, इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवाएं लेना जैसे कीमोथेरेपी आदि।
यह वास्तव में कई कारणों के संयोजन की वजह से है - भारत में डायबिटीज के मरीज काफी अधिक है। इसके साथ COVID-19 रोगियों में स्टेरॉयड के दुरूपयोग और ग्लूकोज के लेवल को नियंत्रण में ना रखना भी इसके प्रकोप को बढ़ावा दे रहा है।
इसके आलावा भी कुछ संभावित कारण हैं, लेकिन इनके बारे में अभी सही और पूरी जानकारी हासिल नहीं है जैसे इंडस्ट्रियल ग्रेड ऑक्सीजन, ह्यूमिडिफ़ायर में नल का पानी, दोबारा इस्तेमाल किए गए मास्क, एंटीबायोटिक का ज्यादा इस्तेमाल इत्यादि।
यदि आपको डायबिटीज है, तो सुनिश्चित करें कि आपका ब्लड ग्लूकोज लेवल कंट्रोल में रहे, क्योंकि ऐसा ना होने पर ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है।
दूसरा, स्टेरॉयड का उपयोग केवल डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार करें। अंधाधुंध स्टेरॉयड का सेवन दो तरह से नुकसान पहुंचाता है - पहला यह आपकी इम्युनिटी कम करता है और दूसरा, यह आपके ब्लड ग्लूकोज लेवल को बढ़ाता है।
नहीं, आपको बस जरूरत है स्टेरॉयड के सही उपयोग के बारे में जानने की। यदि आपका ऑक्सीजन लेवल सामान्य है, तो स्टेरॉयड शायद फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।
जोखिम-लाभ अनुपात अब भी स्टेरॉयड देने के पक्ष में है, लेकिन यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपका ब्लड ग्लूकोज लेवल कंट्रोल में रहे और स्टेरॉयड का उपयोग जरूरत से ज्यादा बिल्कुल नहीं किया जाए।
आमतौर पर, ब्लैक फंगस की पहचान निम्न स्थितियों से हो जाती है :
चेहरे के एक तरफ सूजन, नाक भरी हुई महसूस होना, सिरदर्द, लाल आंखें, नाक या तालू का काला पड़ना, नाक से स्राव और बुखार आदि।
'म्यूकॉर्माइसीट्स' हर जगह होते हैं - मिट्टी, गिरे हुए पत्तों, खाद और हवा में। ज्यादातर यह तब फैलता है जब हम संक्रमित जगह पर नाक के जरिये सांस लेते हैं, यही कारण है की विशेषज्ञ मास्क पहनने का सुझाव देते हैं।
सबसे पहले, कृपया घर पर या स्वयं इसका इलाज करने का प्रयास न करें। ब्लैक फंगस होने पर तत्काल अस्पताल में भर्ती होने और उपचार की आवश्यकता होती है।
अगर ब्लैक फंगस का निदान जल्दी हो जाए और इलाज शुरू कर दिया जाए तो इसका इलाज संभव है। दवाओं के आलावा कुछ रोगियों को सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।