कुछ खास कारणों की वजह से व्यक्ति विशेष में माइग्रेन होने की आशंका में बढ़ोत्तरी हो सकती है मसलन-
जिन लोगों को माइग्रेन होता है, उन्हें अक्सर मस्तिष्क संबंधी समस्याओं से गुजरना पड़ता है। ऐसे लोग ज्यादातर तनाव और अवसाद से परेशान रहते हैं। यही वजह है कि जिन लोगों को यह समस्या होती है, उन्हें तुरंत अपना इलाज कराना चाहिए।
माइग्रेन से पीड़ित लगभग 50 फीसदी महिलाओं का कहना है कि मासिक धर्म सीधे उनके माइग्रेन को प्रभावित करता है। दरअसल मासिक धर्म में, सिर्फ पीरियड्स ही नहीं, पूरे साइकिल के दौरान महिलाएं शारीरिक और मानसिक बदलावों से गुजरती हैं। ऐसे में माइग्रेन जैसी समस्या होने की आशंका हो जाती है।
अगर आपको माइग्रेन है तो आप कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से परेशान हो सकते हैं या फिर भविष्य में इन बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। ये बीमारियां इस प्रकार हैं-
तनाव: अगर आपको एपिसोडिक माइग्रेन है, तो आपको सामान्य लोगों की तुलना में, जिन्हें माइग्रेन नहीं है, डिप्रेशन होने का खतरा अधिक हो सकता है। अलबर्ट आइंस्टीन कॅालेज आफ मेडिसिन में न्यूरोलॅाजी के प्रोफेसर और वाइस चैंसलर डॅा. लिपटन कहते हैं, ‘अगर आपको क्रॅानिक माइग्रेन (महीने या 15 दिनों में एक बार) है तो डिप्रेशन होने का खतरा दुगना हो जाता है।
एंग्जाइटी: अमेरिकन माइग्रेन फाउंडेशन के अनुसारए क्रॅानिक माइग्रेन वाले लोगों में अवसाद विकार होने की संभावना से भी अधिक एंग्जाइटी होती है। माइग्रेन से पीड़ित लगभग आधे लोगों में डिप्रेशन भी है।
स्ट्रोक: कुछ अध्ययनों से इस बात का खुलासा हुआ है कि माइग्रेन का संबंध स्ट्रोक से भी है।
एपिलेप्सी: सीजर (seizure) डिसआर्डर और माइग्रेन दोनों की वजह से ही मूड स्विंग होता है। ऐसे में अगर आपको कोई भी एक बीमारी है तो अन्य बीमारी होने की आशंका अपने आप बढ़ जाती है।
हृदय रोग: एक अध्ययन से यह पता चला है कि जो लोग माइग्रेन से पीड़ित होते हैं, उनमें हृदयाघात से लेकर हृदय रोग जैसे उच्च रक्तचाप और डायबिटीज की आशंका में बढ़ोत्तरी हो जाती है।
अस्थमा: हालांकि अस्थमा रेसपिरेटरी डिसआर्डर है और माइग्रेन न्यूरोलाजिकल डिसआर्डर है, इसके बावजूद दोनों बीमारियां एक साथ हो सकती हैं।
मोटापा : अगर आपको माइग्रेन है, साथ ही मोटापे से ग्रस्त हैं, तो आपकी यह स्थिति माइग्रेन को और भी खतरनाक बना सकती है। इसके विपरीत अगर आपको कभी माइग्रेन की समस्या नहीं हुई, लेकिन आप मोटापे से परेशान हैं तो ऐसे में माइग्रेन होने का खतरा बढ़ जाता है। कुछ अध्ययनों से इस बात का पता चला है कि जिनका समय के साथ-साथ वजन बढ़ता जाता है, उनमें माइग्रेन होने की आशंका भी बढ़ जाती है।
पेन डिसआर्डरर : माइग्रेन होने पर कई किस्म के दर्द जैसे फायब्रोमायल्गिया, कंधे, गर्दन और पीठ के पुराने दर्द और कई प्रकार के सिर दर्द भी होने की आाशंका बढ़ जाती है। माइग्रेन और दूसरे किस्म के दर्द का आपस में क्या वास्ता है, यह कहना मुश्किल है। लेकिन ऐसा होता है।
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम: यह कहना तो मुश्किल है कि रेस्टलेस लेग सिंड्रोम, जिसमें मरीज को अपने पैरों को हिलाने की इतनी अर्ज होती है, जिससे रात की नींद से लेकर दैनिक जीवनशैली भी प्रभावित होती है, का माइग्रेन से क्या संबंध है। लेकिन माइग्रेन होने की वजह से यह समस्या भी होने लगती है।
गर्भवती महिलाओं में सिरदर्द होना बहुत आम बात है। उन्हें ज्यादातर टेंशन हेडेक यानी टेंशन की वजह से सिरदर्द और माइग्रेन की वजह से सिरदर्द होता है। ये आमतौर पर चिंता का विषय नहीं होते, लेकिन कई बार सिर का दर्द किसी अन्य बीमारी का लक्षण भी हो सकता है। बहरहाल 15 से 20 फीसदी गर्भवती महिलाएं माइग्रेन का शिकार होती हैं और प्रसव के बाद माइग्रेन का दर्द और भी भयावह हो जाता है। हालांकि अच्छी बात यह है कि मां में माइग्रेन की समस्या का असर गर्भ में पल रहे भ्रूण या शिशु पर नहीं पड़ता।
माइग्रेन का दर्द कितनी देर रहेगा, यह अमूमन माइग्रेन का दर्द किस प्रकार का है और उसके लक्षण क्या हैं, इस पर निर्भर करता है। माइग्रेन की वजह से हो रहा दर्द का अंतराल भी अलग-अलग हो सकता है। नेशनल हेडेक फाउंडेशन के मुताबिक 4 से 72 घंटे तक माइग्रेन का दर्द रह सकता है।
माइग्रेन का दर्द किसी भी घातक बीमारी का लक्षण हो सकता है, लेकिन माइग्रेन की वजह से मृत्यु नहीं होती। हां, किसी अन्य बीमारी जैसे मेनिनजाइटिस, इंफेक्शन, ट्यूमर आदि जिस वजह से माइग्रेन होता है, मृत्यु का कारण हो सकते हैं।
अगर माइग्रेन के दर्द का पूरी तरह इलाज नहीं किया गया या फिर इलाज को बीच में ही छोड़ दिया गया तो इससे दर्द और भी ज्यादा बढ़ जाता है। सिर का दर्द एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होता रहता है और जब सिर के सामने की ओर दर्द होता है तो ऐसा महसूस होता है जैसे दर्द पूरे सिर में हो रहा है। आमतौर पर माइग्रेन का दर्द 4 घंटे तक रह सकता है। अगर इसका सही तरह से उपचार नहीं किया गया तो संभव है दर्द और भी कई दिनों तक रहे।
सन 2007 में स्वीडन में हुए एक अध्ययन के मुताबिक उम्र बढ़ने के साथ-साथ माइग्रेन के दर्द की फ्रिक्वेंसी में कमी आती है और दर्द भी कम हो जाता है।
माइग्रेन के लिए कई तरह की दवाएं दी जाती हैं। कुछ दवाएं ऐसी होती हैं, जो माइग्रेन के साथ-साथ दूसरी समस्याओं में भी कारगर होती हैं। आप बता रही हैं कि आपके पति को उल्टी होने के बाद ही माइग्रेन के दर्द से आराम मिलता है। ऐसे में जब भी उन्हें माइग्रेन का अटैक हो, उन्हें पेन रिलीविंग दवाईयां लेनी चाहिए। इससे माइग्रेन के लक्षणों का उपचार होता है। प्रीवेंटिव मेडिकेशन वो होती हैं, जो माइग्रेन की फ्रीक्वेंसी को कम करती है। बहरहाल आप बता रही हैं कि उन्हें दो-तीन सालों से यह समस्या है, तो क्या अपने अब तक उन्हें डाक्टर को नहीं दिखाया? अगर नहीं तो बेहतर है कि आप डाक्टर के पास जाएं। वे समस्या को समझकर आपके पति को दवा देंगे।
सबसे पहले तो यह पता करें कि आपकी पत्नी को हर तीन सप्ताह में एक बार माइग्रेन पेन क्यों होता है? मेरे ख्याल से उसे उन्हें ऐसा मासिक चक्र की वजह से होता है, क्योंकि इस समय महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में अगर उनकी डाइट सही नहीं होगी तो उन्हें इस तरह की समस्या बनी रहेगी। उन्हें कहें कि योग या एक्सरसाइज शुरू करें। जहां तक रेग्युलरली Combiflam दवा लेने की बात है, तो यह सुरक्षित है। इसके बावजूद आप कोशिश करें कि वह दवा कम से कम लें।
देखिए सिरदर्द होने की कई वजहें हैं जैसे न्यूरोलॅाजिकल, ईएनटी और आंखों की रोशनी का प्रभावित होना। आपकी बातों से यही लग रहा है कि उन्हें काम का प्रेशर है। इस वजह से वह माइग्रेन के दर्द से परेशान है। आप उन्हें डाक्टर के पास ले जाएं। जरूरी हुआ तो न्यूरोलॅाजिकल इवैल्यूएशन किया जाएगा। जहां तक बात स्मोकिंग करके दर्द से राहत पाने की है, तो अमूमन ऐसा होता नहीं है। हां, आपके पति को ऐसा महसूस हो रहा है कि स्मोक करने की वजह से उन्हें दर्द से राहत मिल रही है। बेहतर यही होगा कि आप उनकी रिपोर्ट डाक्टर को दिखाएं और पूरा ट्रीटमेंट करवाएं।
आप उन्हें न्यूरोलॅाजिस्ट के पास ले जाएं। माइग्रेन से राहत के लिए पेन किलर देना कोई समाधान नहीं है। मेरे ख्याल से prophylactic ट्रीटमेंट उनके लिए फायदेमंद हो सकती है। इससे उन्हें बार-बार सिरदर्द होने की समस्या से निजात मिलेगा।
आपने यहां अपनी मेडिकल हिस्ट्री शेयर नहीं की है। आपने यह भी नहीं बताया कि आपको माइग्रेन का दर्द कितने सालों से है? बिना आपकी मेडिकल हिस्ट्री जाने, बिना आपके सिरदर्द की वजह जाने, आपका इलाज किया जाना संभव नहीं है। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि कई बार अतिरिक्त तनाव लेने से सिरदर्द हो सकता है। आपका करियर फील्ड भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। आप स्ट्रेस कम लें और अपने सिरदर्द से राहत के लिए डाक्टर से संपर्क करें।
क्या आप खुद अपनी मर्जी से रोजाना एक टैबलेट ले रहे थे। आपको बता दूं कि अब पहले की तुलना में बहुत बेहतर, सुरक्षित दवाएं मार्केट में आ चुकी हैं। आप इस बाबत न्यूरो स्पेशलिस्ट से मिलें। वे आपकी स्थिति को देखकर नई दवा बताएंगे। साथ ही इससे यह भी पता चल जाएगा कि रेग्युलर Vasograin दवा लेने से आपको कोई नुकसान तो नहीं हुआ है।
इसके लिए आप दवा ले सकती हैं। लेकिन बेहतर यही होगा कि आप एक बार विशेषज्ञ से संपर्क करें। आखिर आपको यह दर्द बार-बार क्यों हो रहा है, यह बात मायने रखती है। कोशिश करें कि आपकी जीवनशैली संतुलित रहे।
आमतौर पर देखने में यही आता है कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में माइग्रेन की समस्या कम हो गई है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह बढ़ भी जाता है। ऐसा फिजियोलॅाजिकल और हार्मोनल बदलावों की वजह से होता है। तीव्र दर्द होने पर paracetamol 650 mg ले सकती हैं। इसके साथ ही उन्हें कहिए कि जीवनशैली को बेहतर बनाएं। इससे उनकी समस्या कुछ कम हो जाएगी। साथ ही उनसे कहें कि सुबह जल्दी उठा करें और रात को जल्दी सोया करें। चाइनीज फूड, चाय, कॅाफी आदि से दूर रहें।
बेस्ट दवा जैसी कोई दवा नहीं होती। माइग्रेन के लिए भी नहीं है। लेकिन मेरा सवाल आपसे ये है कि आपको किसने बताया कि आपकी बहन को माइग्रेन है? क्या लगातार हो रहे सिरदर्द की वजह से आपको ऐसा लग रहा है कि उन्हें माइग्रेन है। आपकी बहन को जब भी माइग्रेन पेन हो, उसे अंधेरे कमरे में कुछ देर आराम करने को कहें। अगर दवा लेना चाहते हैं तो एक न्यूरोलॅाजिस्ट से संपर्क कर उनका ट्रीटमेंट कराएं।
सिर्फ दवा पर पूरी तरह निर्भर रहना सही नहीं है। आप मसल्स को रिलैक्स करने वाली एक्सरसाइज करें। इससे माइग्रेन का दर्द कम होगा। इसके साथ योगा और मेडिटेशन भी करें। रात को पर्याप्त नींद लें। कभी भी जरूरत से ज्यादा न सोएं। शोर शराब से दूर रहें। इससे आपको फायदा मिलेगा।
क्या आप बिना किसी डाक्टर को दिखाए यह मान रहे हैं कि उन्हें माइग्रेन की प्रॅाब्लम है? देखिए हर प्रकार का सिरदर्द माइग्रेन नहीं होता। बेहतर है आप उन्हें डाक्टर को दिखाएं। इसके साथ ही उनकी जीवनशैली को संतुलित रखें और यह जानने की कोशिश करें कि उन्हें तीन दिन से सिरदर्द क्यों हो रहा है? किसी बात से परेशान हैं? काम का प्रेशर है या फिर कोई और वजह है। वजह जानने के बाद समस्या का निदान आसानी से हो पाएगा।
दवा लेने के बजाय कोशिश करें कि उनका दर्द अपने आप ठीक हो जाए। उनसे कहें कि किसी तरह का स्ट्रेस न लें और अंधेरे कमरे में कुछ देर आराम करें। इसके बावजूद अगर अगले दिन तक दर्द रहे तो उन्हें न्यूरोलॅाजिस्ट के पास ले जाएं। घर में रहकर उनका इलाज करने की कोशिश न करें। इस तरह अपने अनुमान से कोई भी दवा उन्हें न दें।