जी नहीं, मलेरिया का इलाज किया जा सकता है। अगर मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति उपचार के लिए सही दवा का उपयोग करता है, तो उसकी बॉडी को पूरी तरह से मलेरिया से मुक्त किया जा सकता है। हालांकि, अगर समय पर मलेरिया का इलाज नहीं किया जाता है या इलाज के दौरान कोई दवा ले ली जाए तो इस स्थिति में मलेरिया को ठीक करना मुश्किल हो जाता है। कुछ दवाईयां परजीवियों पर असर नहीं करती हैं।
मलेरिया का इलाज करवाना बहुत जरूरी है। अगर इसमें उचित उपचार लिया जाता है तो मलेरिया के लक्षण दो हफ्तों के अंदर ही ठीक हो जाते हैं। अगर आप इसके लिए उचित उपचार नहीं लेते हैं, तो बुखार, ठंड लगने व पसीना आने जैसे मलेरिया के लक्षण कुछ समय बाद वापस आ सकते हैं।
ये सभी मलेरिया के लक्षण हैं। मलेरिया कितनी जल्दी ठीक हो सकता है यह इस बार पर निर्भर करता है कि आपको किस टाइप का मलेरिया हुआ है और यह कितना बढ़ गया है। आमतौर पर, मलेरिया बुखार और इसके अन्य लक्षण ठीक होने में 2 से 5 दिन लगते हैं। आप डॉक्टर की सलाह से इसके इलाज का पूरा कोर्स करवाएं। पानी ज्यादा पिएं, आराम करें और स्वस्थ आहार लें।
ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट से पुष्टि हो गई है कि आपको मलेरिया है। आप ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और डॉक्टर से मिलकर इसके लिए ट्रीटमेंट लें। ट्रीटमेंट को बीच में न छोड़ें।
जी हां, एक व्यक्ति को एक से अधिक बार मलेरिया हो सकता है, जो लोग इसके जोखिम वाली जगहों (जिन क्षेत्रों में मलेरिया के मामले अधिक होते हैं) पर ही बचपन से रहते हैं तो उनमें इससे लड़ने की थोड़ी-बहुत इम्युनिटी होती है और बड़े होने पर उनमें मलेरिया होने की संभावना कम होती है। बच्चे मलेरिया की चपेट में ज्यादा आते हैं।
मलेरिया एक गंभीर और कभी-कभी जानलेवा रोग साबित हो सकता है। यह बीमारी परजीवियों से फैलती है। अफ्रीका में मलेरिया की वजह से एक साल में लगभग 445,000 से ज्यादा लोग मरते हैं जिनमे से अधिकतर बच्चे होते हैं। हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका में मलेरिया लगभग खत्म हो चुका है, लेकिन दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में घूमने पर आप इसके संपर्क में आ सकते हैं।
मनुष्यों में मलेरिया कई तरह के परजीवियों के कारण हो सकता है जिसमें प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम सबसे खतरनाक है और ये दुनिया भर में, मलेरिया संबंधी मामलों में 90% से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार है। प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम इतना खतरनाक इसलिए है क्योंकि यह शरीर में जाकर लाल रक्त कोशिकाओं की एक्टिविटी को प्रभावित करता है।