ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या सही होना बहुत ही जरूरी होता है. बता दें कि प्लेटलेट्स हमारे बोन मैरो से बनने वाले वह ब्लड सेल्स होते है, जो हमारे शरीर में रक्त के थक्के बनाते हैं और खून बहने से रोकने में मददगार होते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, हमारे खून में न्यूनतम 1.5 लाख प्रति मिलीग्राम प्लेटलेट की संख्या होनी चाहिए. अगर इस संख्या में कमी आ जाए, तो व्यक्ति को गंभीर परेशानियां हो सकती हैं. शराब का सेवन, आनुवंशिक रोग, डेंगू, चिकनगुनिया, दवाइयों के साइड इफेक्ट, एनीमियाल्यूकेमिया जैसी गंभीर समस्याओं के कारण प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है.

प्लेटलेट्स की कमी यानी थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) से ग्रसित होने पर कमजोर इम्यून सिस्टम, असामान्य रूप से ब्लीडिंग, लिवर, फेफड़ों में संक्रमण जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाना जरूरी होता है. प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने के लिए आप कई तरह के उपचार का सहारा ले सकते हैं. इसके अलावा, योग के माध्यम से भी प्लेटलेट्स बढ़ाया जा सकता है.

आज हम इस लेख में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए योग के बारे में जानेंगे -

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  1. प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए योग
  2. सारांश
प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए योग के फायदे के डॉक्टर

योग शरीर के लिए व्यायाम की एक प्राकृतिक प्रणाली है, जिससे आपका शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर तरीके से होता है. प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए निम्न प्रकार के योगासन कर सकते हैं -

ताड़ासन के फायदे

ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने के लिए आप नियमित रूप से ताड़ासन कर सकते हैं. ताड़ासन में व्यक्ति जमीन पर सीधा और दृढ़ रूप से खड़ा होता है. इस योग को माउंटेन पोज भी कहा जाता है. इसे करने का तरीका नीचे बताया गया है-

  • ताड़ासन योग करने के लिए सबसे पहले जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं.
  • इस दौरान अपने पैरों के बीच थोड़ा-सा गैप रखें.
  • अब दोनों हाथों की उंगलियों के आपस में फंसाएं और गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों सिर के ऊपर सीधा ले जाएं. हथेलियों की दिशा आसमान की ओर होनी चाहिए.
  • अब एड़ियों को एक साथ उठाकर पंजों पर आ जाएं.
  • पैर के पंजे से लेकर हाथों की उंगलियों तक शरीर को ऊपर की ओर खींचें.
  • सामान्य गति से सांस लेते हुए इस मुद्रा में यथासंभव बने रहें.
  • अब गहरी सांस छोड़ते मूल स्थिति में आ जाएं.
  • थोड़ी देर आराम करने के बाद आप इस मुद्रा को दोहरा सकते हैं.
  • इस योगासन को प्रतिदिन करीब 15-30 मिनट की अवधि तक करें.

(और पढ़ें - प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए क्या खाएं)

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त्रिकोणासन के फायदे

त्रिकोणासन प्लेटलेट्स की कमी को दूर करने के अलावा, कूल्हे और छाती क्षेत्र में मांसपेशियों को मजबूत करने में मददगार हो सकता है. इसके अलावा, यह पीठ के निचले हिस्से के दर्द को कम करने में भी मदद करता है. सामान्य स्वास्थ्य में सुधार के लिए त्रिकोणासन को आमतौर पर एक अच्छा वार्म-अप योगासन माना जाता है. आइए, इसे करने का तरीका जानते हैं-

  • त्रिकोणासन करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों के बीच थोड़ी बनाकर सीधे खड़े हो जाएं.
  • इस दौरान आपके पैरों के बीच की दूरी आपके कंधों की दूरी से थोड़ी अधिक होनी चाहिए.
  • अब श्वास लें और अपने दाहिने हाथ को सीधे अपने सिर के ऊपर उठाएं. ध्यान रखें कि दाहिना हाथ दाहिने कान के समानांतर होना चाहिए.
  • इसके बाद सांस छोड़ें और अपने धड़ को कमर से अपनी बाईं ओर मोड़ें.
  • साथ ही अपने बाएं हाथ को अपने बाएं पैर के साथ नीचे तब तक स्लाइड करें जब तक कि आपकी उंगलियां आपके टखने पर न हों.
  • इस बिंदु पर आपका दाहिना हाथ आड़ा होना चाहिए, क्योंकि आपका सिर बाईं ओर झुका हुआ है.
  • अपने घुटनों और कोहनियों के साथ मुद्रा को सीधा रखें. 30 सेकंड के लिए इसी मुद्रा में रहें.
  • श्वास लेते हुए अपने आप को सीधा खड़ा करें. अब इसी तरह आसन को दूसरी तरफ दोहराएं.
  • त्रिकोणासन दिन में दो बार 15-30 मिनट की अवधि तक करें.

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अर्धकटी चक्रासन के फायदे

अर्धकटी चक्रासन हाफ वेस्ट व्हील पोज के रूप में भी मशहूर है. यह सबसे आम योगासनों में से एक है, जो प्रतिदिन सामान्य शरीर टोनिंग के लिए उपयोग किया जाता है. यह हिप जॉइंट और शरीर की मांसपेशियों को मजबूती देता है.

  • अर्धकटी चक्रासन योगासन को करने के लिए खड़े होकर अपने दोनों पैर एक साथ रखें और हाथों को नीचे सीधा शरीर से सटाकर रखें. यह चरण अपने आप में एक आसन है, जिसे ताड़ासन के नाम से जाना जाता है.
  • लंबी गहरी सांस लेते हुए दाहिने हाथ को ऊपर उठाएं और कान के साथ सटा लें. इसके बाद सांस छोड़ते हुए शरीर को बाईं ओर झुकाएं.
  • इस मुद्रा को 30 सेकंड तक बनाए रखें.
  • फिर सांस लेते हुए सीधे हो जाएं और फिर दूसरी तरफ से भी यही क्रिया दोहराएं.
  • अर्धकटी चक्रासन को दिन में 2 बार 15 मिनट की अवधि तक करने से आपको लाभ मिलेगा.

(और पढ़ें - प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवा)

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पश्चिमोत्तानासन के फायदे

पश्चिमोत्तानासन हठ योग की एक उत्कृष्ट मुद्रा है. यह आपके पिंडली से लेकर आपके हैमस्ट्रिंग (जांघों के पिछले हिस्से) से लेकर आपकी रीढ़ तक में अच्छा खिंचाव देता है.

  • योग मैट बिछाकर उस पर बैठ जाएं और दोनों पैरों को सामने रखें यानी दंडासन में बैठ जाएं.
  • अब सांस लेते हुए अपनी भुजाओं को सीधे अपने सिर के ऊपर ले जाएं.
  • अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और पैरों के अंगूठों को पकड़े का प्रयास करें.
  • साथ ही अपनी नाक को घुटनों से स्पर्श करने का प्रयास करें.
  • ध्यान रहे कि इस मुद्रा में घुटनों को नहीं मोड़ना है.
  • पश्चिमोत्तानासन को दिन में 2 बार 20-30 मिनट की अवधि तक किया जा सकता है.

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वज्रासन के फायदे

वज्रासन को वज्र या डायमंड पोज भी कहा जाता है जो कि सबसे सरल योगासनों में से एक है. यह शरीर को मजबूत बनाता है. पेट से संबंधित किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए यह सबसे अच्छा आसन है. योग में यह एकमात्र आसन है, जिसे आप भोजन के तुरंत बाद कर सकते हैं.

  • वज्रासन शुरू करने के लिए समतल फर्श योग मैट बिछाकर घुटनों के बल खड़े हो जाएं.
  • अब अपने कूल्हों को दोनों पंजों के बीच रखकर बैठ जाएं.
  • दोनों पैरों के अंगूठे आपस में जुड़े रहेंगे.
  • दाई हथेली को दाहिने घुटने पर व बाई हथेली को बाएं घुटने रखें और सामान्य गति से सांस लेते रहें.
  • इस आसन को दिनभर में कभी भी किया जा सकता है.

(और पढ़ें - डेंगू में प्लेटलेट्स कितने होनी चाहिए)

गोमुखासन के फायदे

गोमुखासन को काउ फेस पोज के नाम से भी जाना जाता है. यह एक बेहतरीन योगासन है, जो आपके कंधों को ठीक करता है और आपकी पीठ व छाती को मजबूत करता है. यह आपके गुर्दे की कार्यप्रणाली को बढ़ाता है और पीठ दर्द से राहत दिलाता है.

  • गोमुखासन शुरू करने के लिए सबसे पहले सीधे बैठें और पैर आगे की ओर करें.
  • अब अपने बाएं पैर को धीरे से मोड़ें और इसे अपने दाहिने कूल्हे के नीचे रखें. फिर धीरे से अपने दाहिने पैर को मोड़ें और इसे अपने बाएं पैर के ऊपर से पार करें. अपने घुटनों को एक दूसरे के ऊपर रखिए.
  • इसका अभ्यास करते समय अपने सिर और पीठ को सीधा रखें. अब अपने बाएं हाथ को मोड़ें और धीरे-धीरे इसे अपनी पीठ के पीछे नीचे की ओर रखें.
  • फिर अपने दाहिने हाथ को मोड़ें और इसे अपनी पीठ पर ऊपर से अपने दाहिने कंधे के ऊपर रखें.
  • फिर अपने दाहिने हाथ को नीचे की ओर तब तक फैलाएं जब तक कि वह आपके बाएं हाथ तक न पहुंच जाए. अब इस मुद्रा में 30 से 40 सेकंड तक रहें. 
  • अंत में अपने हाथों को छोड़ दें और प्रारंभिक स्थिति में वापस आने के लिए अपने पैरों को खोलें और सीधा करें.

(और पढ़ें - एसेंशियल थ्रोम्बोसाइटमिया)

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शरीर में प्लेटलेट्स की कमी को दूर करने के लिए आप नियमित रूप से गोमुखासन, ताड़ासन, वज्रासन का सहारा ले सकते हैं. इन योग की मदद से ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ सकती है. बस ध्यान रखें कि योग के साथ-साथ आपको पर्याप्त रूप से पानी पीना, हल्का भोजन करने की आवश्यकता होती है. वहीं, अगर आप पहली बार योग कर रहे हैं, तो किसी योग एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

(और पढ़ें - आईटीपी का इलाज)

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