दांत मसूड़ों से जुड़े होते हैं। जब दांतों की पकड़ मसूडों से ढीली हो जाती है, तो वे हिलने लगते हैं। दांतों के ढीले या हिलने के कई कारण हैं जैसे वयस्क लोगों में दांतों का हिलना, दांत पीसने या दांत चबाने की आदत की वजह से हो सकता है। इससे दांतों को नुकसान पहुंच सकता है और सिरदर्द व चेहरे पर दर्द का कारण बन सकता है।
व्यस्क लोगों में लगातार दांतों के हिलने की घातक समस्या पायरिया बीमारी के कारण होती है। पायरिया को मसूड़ों की बीमारी भी कहा जाता है, यह मसूड़ों का एक गंभीर संक्रमण होता है। यह दातों को सहारा प्रदान करने वाली हड्डियों और लिगामेंट्स (जो दातों को हड्डियों या मसूड़ों से जोड़ते हैं) में संक्रमण, सूजन व लालिमा पैदा कर देता है। यह संक्रमण एक बैक्टीरिया के कारण होता है, जो आपके दातों व मसूड़ों में जमा होते हैं। जैसे ही पायरिया बढ़ने लगता है, इसके प्रभाव से दांत व आसपास की हड्डियां क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। अगर आप मुंह की साफ-सफाई ठीक तरह से नहीं रखते हैं, तो दांतों में बैक्टीरियल प्लाक बन जाते हैं, जिसकी वजह से गंभीर संक्रमण हो जा सकता है। यह दांतों और मसूड़ों के बीच की पकड़ को कमजोर कर देता है। इससे दांत हिल सकते हैं जो कि मसूड़ों में होने वाली क्षति का एक संकेत हैं।
जी हां, ऐसा हो सकता है। मुंह का स्वाद बिगड़ने या मुंह से बदबू आने का मुख्य कारण मसूड़ों से जुड़ी समस्या है। अगर व्यक्ति को इसका अनुभव जल्दी नहीं होता है, तो उसके मुंह के बदबू और बढ़ सकती है। एक बार आप डेंटिस्ट से मिलकर सलाह ले लें। मुंह की सफाई बनाए रखें और नियमित रूप से दांतों को ब्रश करें।
अगर सही तरीके से दांतों की देखभाल भी जाए, तो आप हिलते दांतों को गिरने से बचा सकते हैं। अगर आपका दांत ढीला है, तो आप उसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न करें, क्योंकि इससे स्थित और बिगड़ सकती है। मुंह की साफ-सफाई बनाए रखें, नियमित रूप से दांतों को अच्छी तरह से ब्रश करें। कुछ तरह के मुलायम खाद्य पदार्थ दांतों में चिपक जाते हैं, इसलिए टूथपिक के इस्तेमाल से उन्हें साफ करें। दांतों में किसी भी तरह की बेचैनी या परेशानी महसूस होती है, तो जल्द से जल्द डेंटिस्ट को दिखाएं।
बच्चों के दांत अक्सर टूटते हैं और उनकी जगह पर नए दांत आते हैं। जब दांत ज्यादा हिलने लगता है, तो यह कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों के अंदर टूट सकता है। दांत को जल्दी से टूटने के लिए आप बच्चे को प्रेरित करें कि वह बार-बार उसे छेड़ें, क्योंकि इससे दांत जल्दी गिर सकता और उसकी जगह पर नया दांत आना शुरू हो जाएगा। एक नए दांत को पूरी तरह से विकसित होने में कई महीने लग सकते हैं।
दांत के आसपास दांत को सहारा प्रदान करने वाली हड्डियां क्षतिग्रस्त हो जाएं तो दांत हिलने लग जाते हैं। हड्डी क्षतिग्रस्त होने के कारण हिलने वाले दांत की गंभीरता कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे हड्डियां कितनी क्षतिग्रस्त हुई हैं, दांत की आकृति व आकार और दांत के ऊपरी सिरे से जड़ का अनुपात आदि। उदाहरण के लिए जिन दांतों की जड़ शंकु के आकार की होती है, वे जल्दी हिलने लग जाते हैं और जिन दांतों की जड़ लंबी होती है और शंकु के आकार की नहीं होती वे दांत हिलने में अपेक्षाकृत ज्यादा समय लगा देते हैं। अगर आप मुंह की साफ-सफाई ठीक तरह से नहीं रखते हैं, तो दांतों में बैक्टीरियल प्लाक बन जाते हैं, जिसकी वजह से गंभीर संक्रमण हो जाता है। यह दांतों और मसूड़ों के बीच की पकड़ को कमजोर बना देता है और दांत हिलने लगते हैं। आप डेंटिस्ट से मिलकर अपने दांतों का चेकअप करवा लें। डॉक्टर जांच के लिए आपको दांतों का एक्स-रे और सर्जरी करवाने की भी सलाह दे सकते हैं।
आपको पायरिया की समस्या हो सकती है। पायरिया को मसूड़ों की बीमारी भी कहा जाता है, यह मसूड़ों का एक गंभीर संक्रमण होता है। यह दांतों को सहारा प्रदान करने वाली हड्डियों और लिगामेंट्स (जो दातों को हड्डियों या मसूड़ों से जोड़ते हैं) में संक्रमण, सूजन व लालिमा पैदा कर देता है। यह संक्रमण एक बैक्टीरिया के कारण होता है, जो आपके दातों व मसूड़ों में जमा होते हैं। जैसे ही पायरिया बढ़ने लगता है, इसके प्रभाव से दांत व आसपास की हड्डियां क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। बैक्टीरिया प्लाक (Plaque) में विषाक्त पदार्थ छोड़ने लगते हैं, जो मसूड़ों में जलन पैदा करते हैं। ये विषाक्त पदार्थ एक गंभीर जलन संबंधी प्रक्रिया को उत्तेजित करते हैं, जिसके परिणास्वरूप शरीर में जलन संबंधी प्रक्रिया अपने आप शुरू हो जाती है और दांतों को सहारा देने वाले ऊतक व हड्डियां सड़ने व नष्ट होने लगती हैं, जिससे दांत हिल सकते हैं और दर्द भी हो सकता है। इस स्थिति में आपको तुरंत एक डेंटिस्ट से मिलना चाहिए।