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लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी क्या है?

लिवर शरीर का बहुत महत्वपूर्ण भाग है जो कि कई सारे जरूरी कार्य करता है। जब यह अंग ठीक तरह से कार्य नहीं कर पाता है तो यह शरीर को भिन्न तरह से प्रभावित करता है, जिनमें पाचन संबंधी समस्याएं, अत्यधिक रक्तस्त्राव, इम्युनिटी कम करना आदि शामिल हैं। लिवर ट्रांसप्लांटेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें असक्रिय लिवर को एक नए व सक्रिय लिवर से बदल दिया जाता है। नया लिवर किसी जीवित या मृत व्यक्ति के शरीर से ले लिया जाता है। आपका लिवर कितना ज्यादा रोग युक्त या बीमार है यह जानने के लिए व आपका शरीर ट्रांसप्लांट के लिए कितना स्वस्थ है इसका पता लगाने के लिए कई सारे टेस्ट किए जाते हैं। यदि आपका शरीर ट्रांसप्लांट के लिए स्वस्थ है तो आपका नाम लिस्ट में लिख दिया जाता है। इसके बाद ट्रांसप्लांट टीम को सही डोनर मिल जाने के बाद आपसे संपर्क करेगी। जरूरी मेडिकल टेस्ट जैसे ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, एक्स रे आदि सर्जरी के दिन ही किए जाएंगे।

आपको ट्रांसप्लांट के बाद कुछ दिन तक अस्पताल में रहने को कहा जाएगा, जिस दौरान वहां आपके घाव की ठीक तरह से ड्रेसिंग की जाएगी, जरूरी टेस्ट किए जाएंगे, आपको स्वस्थ आहार दिया जाएगा और डॉक्टर आपको चेक करने आते रहेंगे। इसके बाद जब आपको डिस्चार्ज कर दिया जाएगा तो आपको नियमित रूप से दवाएं लेने को और समय-समय पर अस्पताल आने को कहा जाएगा। सर्जरी के दौरान या बाद में कुछ समस्याएं हो सकती हैं जैसे रक्तस्त्राव, बुखार, अपच, गंभीर मामलों में शरीर द्वारा लिवर स्वीकार न कर पाना (लिवर रिजेक्शन)। ऐसे मामलों में दूसरी ट्रांसप्लांट सर्जरी की जा सकती है।

लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी तब की जाती है जब किसी व्यक्ति का लिवर इस हद तक खराब हो चुका होता है कि वह शरीर के सामान्य कार्य करने में असमर्थ हो जाता है। इस सर्जरी में खराब लिवर को निकालकर एक स्वस्थ लिवर से बदल दिया जाता है जो कि किसी दूसरे व्यक्ति का होता है। यदि आपका लिवर खराब हो जाता है, तो इस प्रक्रिया से आपका जीवन बचाया जाता है।

  1. लिवर ट्रांसप्लांट क्यों किया जाता है - Liver Transplant Surgery kya hai in hindi?
  2. लिवर ट्रांसप्लांट के प्रकार - Liver Transplant Surgery kab kiya jata hai?
  3. लिवर ट्रांसप्लांट होने से पहले की तैयारी - Liver Transplant Surgery ki taiyari
  4. लिवर ट्रांसप्लांट के दौरान - Liver Transplant Surgery kaise hoti hai?
  5. लिवर ट्रांसप्लांट के बाद देखभाल - Liver Transplant Surgery hone ke baad dekhbhal
  6. लिवर ट्रांसप्लांट के बाद सावधानियां - Liver Transplant Surgery hone ke baad savdhaniya
  7. लिवर ट्रांसप्लांट की जटिलताएं - Liver Transplant Surgery me jatiltaye
  8. लिवर ट्रांसप्लांट के बाद डॉक्टर के पास कब जाएं

लिवर ट्रांसप्लांट तब किया जाता है जब लिवर अपने सामान्य कार्य नहीं कर पाता है, जिनमें शुगर, विटामिन, आयरन आदि को संचित करना, रक्त से हानिकारक बैक्टीरिया निकालना, वे एंजाइम बनाना जिनसे वसा को तोड़ा जाता है, रक्त के थक्के जमने में मदद करने वाले प्रोटीन बनाना आदि शामिल हैं।

यदि किसी व्यक्ति का लिवर ठीक तरह से कार्य नहीं कर पाता तो उसका संपूर्ण स्वास्थ्य प्रभावित होता है और उन्हें कई प्रकार के संक्रमण व अन्य रोग हो सकते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए खराब लिवर को एक नए लिवर से बदलना होता है, जो कि किसी जीवित या मृत व्यक्ति का हो सकता है। लिवर ट्रांसप्लांट भिन्न मेडिकल स्थितियों में किया जाता है जिनका विवरण नीचे दिया गया है -

  • लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी का सबसे मुख्य कारण स्कार टिशू होता है, जिसमें ऊतकों व कोशिकाओं पर खरोंच के निशान पड़ने लगते हैं। इन्हें सिरोसिस भी कहा जाता है। यह निशान वाले उत्तक सामान्य कोशिकाओं व ऊतकों को स्कार टिशू में बदल देते हैं। सिरोसिस से आपके लिवर के सामान्य कार्य प्रभावित हो सकते हैं और यह लंबे समय से चल रहे लिवर रोगों के कारण हो सकता है।
  • बाइलरी एट्रेसिया, एक स्थिति जिसमें पित्त नलिकाओं पर स्कार टिशू बनने लग जाते हैं जो कि बच्चों में लिवर ट्रांसप्लांट का सबसे मुख्य कारण हैं।
  • एक्यूट हिपेटिक नेक्रोसिस, एक स्थिति जिसमें किसी दवा या किसी विशेष एंजाइम की मात्रा के अधिक बढ़ जाने के कारण लिवर की कोशिकाओं को गंभीर रूप से चोट लगती है।
  • यदि व्यक्ति को लिवर कैंसर है, तो ट्रीटमेंट के विकल्प के तौर पर भी लिवर ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।

लिवर ट्रांसप्लांट निम्न मामलों में नहीं किया जा सकता है -

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लिवर ट्रांसप्लांट दो तरह से होता है जो कि डोनर के ऊपर निर्भर करता है -

  • डीसिज्ड डोनर ट्रांसप्लांट -
    इसमें आपके लिवर को ऐसे व्यक्ति के लिवर से बदला जाएगा जिसकी हाल ही में मृत्यु हुई है। वयस्कों में पूरे लिवर को बदला जाता है बल्कि बच्चों में स्वस्थ लिवर के कुछ ऊतक ट्रांसप्लांट किए जाते हैं बाकी लिवर उनके शरीर में स्वयं बढ़ जाता है। 

  • लिविंग डोनर ट्रांप्लांट -
    लिविंग डोनर ट्रांसप्लांट में, लिवर एक जीवित व्यक्ति से लिया जाता है और इसे ख़राब लिवर की जगह पर लगा दिया जाता है। लिवर का केवल एक भाग ही ट्रांसप्लांट किया जाता है क्योंकि लिवर एक ऐसा अंग है जो कि स्वयं बढ़ जाता है और अपने सामान्य आकार पर आ जाता है।
    यदि परिवार का कोई सदस्य लिविंग डोनर है तो कुछ विशेष चीजों का ध्यान रखें कि उस व्यक्ति को पहले से कोई नशे की लत, एलर्जी या रोग न हो। मेडिकल स्थितियों की जांच के लिए उनके कुछ टेस्ट किए जाएंगे।

सर्जरी से पहले निम्न नियमों का पालन किया जाता है -

  • लिवर ट्रांसप्लांट से पहले शरीर की जांच
  • वेटिंग लिस्ट की अवधि
  • वेटिंग लिस्ट के दौरान स्वस्थ रहना

लिवर ट्रांसप्लांट से पहले की जांच

आप एक नया लिवर लगवाने के लिए पूरी तरह से स्वस्थ हैं, इसकी पुष्टि करने के लिए डॉक्टर कुछ मेडिकल टेस्ट करेंगे जैसे -

  • ब्लड टेस्ट
  • यूरिन टेस्ट
  • ऊतकों व रक्त का मिलान ताकि शरीर लिवर को रिजेक्ट न कर दे
  • शरीर के आंतरिक अंगों की जानकारी के लिए एक्स रे
  • हृदय की कार्यप्रक्रिया जांचने के लिए ईसीजी
  • संपूर्ण स्वास्थ्य की जांच, जिसमें कैंसर स्क्रीनिंग भी की जाती है

वेटिंग लिस्ट की अवधि

आपके पूरे शरीर की जांच करने के बाद ट्रांसप्लांट टीम यह निर्णय लेती है कि आपका लिवर ट्रांसप्लांट किया जाना चाहिए या नहीं। पुष्टि मिल जाने पर आपका नाम वेटिंग लिस्ट में दिया जाएगा। इंतजार की यह अवधि तीस दिन से पांच साल तक हो सकती है। ऐसे बहुत से घटक हैं, जिसके कारण यह निश्चित किया जाता है कि आपको वेटिंग लिस्ट में कौन सा स्थान दिया जाएगा -

  • आपका शरीर सर्जरी से कितना अच्छे से रिकवर कर पाएगा?
  • लिवर रोग कितना गंभीर है?
  • लिवर रोग का क्या कारण है?
  • क्या आपको कोई अन्य रोग या मेडिकल स्थिति है?
  • क्या आपको कोई अन्य स्वास्थ्य स्थिति या रोग है?
  • मेल्ड स्कोर (लिवर की अंतिम स्टेज के रोग का मॉडल) जो कि लिवर देने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट लैब में कुछ विशेष एंजाइम के स्तरों की जांच करके किया जाता है।

सर्जरी की तैयारी इस बात पर निर्भर करती है कि आपका लिवर ट्रांसप्लांट किस तरह का होने वाला है।

यदि आपको किसी मृत डोनर का लिवर दिया जा रहा है तो आपको वेटिंग लिस्ट में रखा जाएगा और सही डोनर मिल जाने पर अस्पताल से आपको कॉल करके बुलाया जाएगा। यदि आप लिविंग डोनर ट्रांसप्लांट करवा रहे हैं तो सर्जन सर्जरी की तैयारी करेंगे और आपको उसी के अनुसार तैयारियां करने को कहेंगे।

वेटिंग लिस्ट में होने के दौरान क्या करें

जिस दौरान आपको लिवर के लिए इंतज़ार करना है उस समय में आपको ये जरूरी बातें अपनानी हैं -

  • स्वस्थ आहार लें
  • नियमित व्यायाम करें
  • धूम्रपान न करें
  • शराब न पिएं
  • अपने वजन पर नियंत्रण रखें
  • यदि आप दवाएं ले रहे हैं तो उन्हें नियमित रूप से लेते रहें
  • यदि आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी समस्या आती है तो डॉक्टर को बताएं
  • ट्रांसप्लांट टीम के संपर्क में रहें
  • हमेशा अस्पताल का एक बैग तैयार रखें ताकि घर से निकलते समय आपको कोई समस्या न हो और आप जल्दी से जल्दी अस्पताल पहुंच सकें

सर्जरी के दिन

सर्जरी के दिन डॉक्टर आपको कुछ विशेष टेस्ट करने के लिए कह सकते हैं। ये टेस्ट किसी भी तरह की जटिलता का पता लगाने के लिए और एक स्वस्थ सर्जरी करने के लिए जरूरी होते हैं।

लिवर ट्रांसप्लांटेशन एक लंबी प्रक्रिया है और इसमें आठ घंटे तक का समय लग सकता है। इस सर्जरी की कीमत 35 लाख रुपये तक हो सकती है और आमतौर पर यह प्राइवेट अस्पतालों में किया जाता है। ट्रांसप्लांट निम्न प्रक्रिया से किया जाता है -

  • सर्जरी से पहले आपको एनेस्थिसिया (सुन्न करने की दवा) दी जाएगी, ताकि आपको नींद आ जाए और प्रक्रिया के दौरान दर्द महसूस न हो
  • यदि आपको किसी मृत व्यक्ति का लिवर दिया जा रहा है, तो यह सर्जरी तब की जाएगी जब अस्पताल में लिवर मौजूद होगा
  • लिवर को निकालने के बाद एक ठंडे सेलाइन वाटर में उसे डाला जाता है ताकि सर्जरी के समय तक संरक्षित रखा जा सके। यह इस सोल्यूशन में आठ घंटे तक रखा जा सकता है
  • आपके पेट से छाती तक एक लंबा चीरा लगाया जाएगा
  • क्षतिग्रस्त हो चुके लिवर को निकाल कर नया लिवर लगा दिया जाएगा और उसे रक्त वाहिकाओं व पित्त नलिकाओं से जोड़ दिया जाएगा
  • सर्जन सारे चीरों को टांके लगाकर बंद कर देंगे और इस पर पट्टी कर दी जाएगी
  • यदि आप किसी जीवित व्यक्ति के लिवर से ट्रांसप्लांट करवा रहे हैं तो आपको और आपके डोनर दोनों को सर्जरी की प्रक्रिया से जाना पड़ेगा। डोनर के लिवर का एक हिस्सा लेकर उसे ट्रांसप्लांट कर दिया जाएगा। समय के साथ लिवर स्वयं बढ़ जाएगा और आप व आपका डोनर एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर पाएंगे

सर्जरी हो जाने के बाद आपको दो दिन तक आईसीयू में रखा जाएगा। एनेस्थीसिया का प्रभाव खत्म हो जाने पर आप आईसीयू में ही उठेंगे। आपकी नाक से ट्यूब लगी होंगी, जिनके द्वारा आपको द्रव दिए जा रहे हैं और आपने मुंह को सांस लेने में मदद करने के लिए, साथ ही ये ट्यूब अतिरिक्त द्रवों को निकालने के लिए भी लगी होंगी। कुछ ही दिनों में ट्यूब हटा दी जाएंगी। आपको दो हफ्ते तक अस्पताल में रहना होगा।

लिवर ट्रांसप्लांट के बाद निम्न की सलाह दी जाती है -

  • एंटी-रिजेक्शन मेडिसिन (इम्यूनोसप्रेसेंट)
  • लिवर ट्रांसप्लांट के बाद आपको सारे जीवन दवाई लेनी होंगी। ये दवाएं आपको इसलिए दी जाती हैं ताकि आपका शरीर लिवर को रिजेक्ट न कर दे।

इन दवाओं के कुछ अतिरिक्त प्रभाव हो सकते हैं जैसे -

एक बार सर्जरी हो जाने के बाद आपको एंटी-रिजेक्शन दवाएं दी जाएंगी, ताकि आपके इम्यून सिस्टम के प्रभाव को कम किया जा सके और लिवर रिजेक्ट न हो। इससे आपको आसानी से संक्रमण होने लगते हैं ऐसे में जरूरी है कि आप सही पूर्वोपाय अपनाते रहें और ध्यान रखें कि आपका शरीर स्वस्थ रहे। इन उपायों में निम्न शामिल हैं -

साफ-सफाई रखना

चूंकि अब आपको आसानी से संक्रमण हो सकते हैं तो यह जरूरी है कि आप साफ-सफाई रखें और किसी भी तरह के संक्रमण से बचें। इसके लिए आपको निम्न कार्य करने होंगे -

  • नियमित रूप से हाथ धोते रहें
  • हर रोज नहाएं
  • अनजाने लोगों के साथ यौन संबंध न बनाएं
  • भीड़ वाले स्थानों पर न जाएं। यदि आपको जाना पड़े तो मास्क लगाकर जाएं
  • बाहर का खाना न खाएं। खाने से पहले फल और सब्जियों को अच्छे से धो लें
  • किसी अन्य व्यक्ति के तौलिये, रेजर, कंघी, कपड़े, बर्तन आदि प्रयोग में न लाएं

स्वस्थ आहार खाएं

  • अपने आप को हेल्दी रखने के लिए यह जरूरी है कि आप एक संतुलित आहार लें
  • आपको ऐसा आहार लेना है, जिसमें नमक, वसा, कोलेस्ट्रॉल व शुगर कम हो
  • ताजे फल व सब्जियां खाएं। अंडे, फलियां, मछली आदि खाएं। फाइबर युक्त आहार लें और बहुत सारा पानी पिएं 
  • पहले से निर्मित भोजन न खाएं। जैसे इंस्टेंट नूडल आदि 

नियमित रूप से व्यायाम

सर्जरी के बाद आपको आराम करने की बहुत आवश्यकता होगी। धीरे-धीरे चलना शुरू करें।

  • फिजियोथेरपिस्ट से मिलें और जो व्यायाम बताया जाए उसे जरूर करें 
  • स्पोर्ट्स व तैराकी कुछ महीनों तक न करें क्योंकि आपको चोट लग सकती है या फिर संक्रमण हो सकता है 

शराब न पिएं

यदि आपके लिवर के खराब होने का कारण शराब थी तो अब इसका सेवन बिल्कुल भी न करें। यदि यह मुख्य कारण नहीं भी थी तब भी आपको शराब नहीं पीनी है क्योंकि यह नए लिवर को प्रभावित कर सकती है। यदि आपको शराब पीनी ही है तो डॉक्टर से सलाह ले कर बताई गई मात्रा में ही इसका सेवन करें।

वे समस्याएं जो सर्जरी के दौरान हो सकती हैं -

वे समस्याएं जो सर्जरी के बाद हो सकती हैं -

सर्जरी के बाद शुरुआती अवस्था में निम्न जटिलताएं पैदा हो सकती हैं -

  • ग्राफ्ट का ठीक तरह से कार्य न करना
  • लिवर का रिजेक्शन
  • ब्लीडिंग
  • संक्रमण
  • लगातार पीलिया
  • तेज बुखार
  • पित्त नलिका में लीकेज ​ 

लंबे समय में होने वाले खतरे

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सर्जरी के बाद नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाना बहुत जरूरी है। इस दौरान डॉक्टर एक्स रे, ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, यूरिन टेस्ट आदि कर सकते हैं, ताकि यह देखा जा सके कि आपका लिवर ठीक तरह से कार्य कर रहा है।

यदि आपको निम्न में से कुछ भी महसूस होता है तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें -

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