लिवर यानी यकृत मनुष्य के शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है और यह बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है, जिसके बिना जीवन संभव नहीं है। हमारे दैनिक जीवन से जुड़े कई बेहद अहम कार्य हैं, जिन्हें लिवर पूरा करता है जैसे- शरीर को संक्रमण से बचाना, बैक्टीरिया और विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना, खाने को पचाने में मदद करना, दवाओं को सही प्रकार से काम करने में मदद करना, खून को साफ करना, विटामिन, मिनरल, फैट और शुगर का संग्रहण करना आदि।
 
कैसे होता है लिवर सिरोसिस?
सिरोसिस एक ऐसी बीमारी है जो कई सालों से लिवर को नुकसान पहुंचने के कारण होती है। इस बीमारी में सख्त स्कार टिशू लिवर में मौजूद स्वस्थ टिशू की जगह ले लेते हैं और यकृत (लीवर) को ठीक से काम करने से रोकते हैं। लिवर सिरोसिस के कारण यकृत को जो नुकसान पहुंचता है उसे ठीक नहीं किया जा सकता और अंततः यह समस्या इतनी व्यापक हो सकती है कि आपका लिवर काम करना बंद कर देता है। इसका सबसे आम कारण क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी इंफेक्शन और शराब का अत्यधिक मात्रा में सेवन करना है। कई बार लिवर के आसपास फैट इकट्ठा होने के कारण भी सिरोसिस की बीमारी देखने को मिलती है। इसके अलावा मोटापा और डायबिटीज की बीमारी के दौरान भी लिवर सिरोसिस की समस्या विकसित हो सकती है। (और पढ़ें - लिवर सिरोसिस के घरेलू उपाय)
 
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अगर किसी को लिवर सिरोसिस की बीमारी हो जाती है तो मरीज को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं यह जानना भी जरूरी है, ताकि बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके। इस बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं।
  1. लिवर सिरोसिस में क्या खाएं - Liver Cirrhosis Foods in Hindi
  2. लिवर सिरोसिस में क्या न खाएं - Foods to Avoid during Liver Cirrhosis in Hindi
  3. लिवर सिरोसिस डाइट प्लान - Liver Cirrhosis Diet Plan in Hindi
लिवर सिरोसिस में क्या खाना चाहिए और डाइट चार्ट के डॉक्टर

लिवर सिरोसिस की बीमारी के दौरान, कुछ सामान्य लक्षण देखे जाते हैं जैसे- भूख न लगना, मतली आना, शरीर में ऊर्जा कम महसूस होना, पैरों और पेट के आसपास पानी इकठ्ठा होना आदि। इन लक्षणों के कारण व्यक्ति ठीक प्रकार से खा नहीं पाता और इस कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। खराब डाइट और खराब लिवर फंक्शन के कारण कुपोषण, हड्डियां कमजोर होना, मसल्स कमजोर होना (बाजु, कंधे, छाती और पीठ के आसपास) जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। अच्छा और पौष्टिक भोजन आपके लिवर फंक्शन के साथ-साथ लिवर सिरोसिस की स्थिति को भी ठीक करने में मदद करता है। लिहाजा अपनी डाइट में कुछ बदलाव करना जरूरी है जैसे -

लिवर सिरोसिस में नमक कम खाएं - Reduce Salt intake during Liver Cirrhosis in Hindi

जैसा कि हमने ऊपर की पंक्तियों में बताया है लिवर सिरोसिस के दौरान पेट और पैरों के आसपास पानी का संग्रहण हो जाता है, जिसका मुख्य कारण सोडियम की अधिकता है। इसी कारण से अपने रोज के आहार में नमक की मात्रा कम करने की आवश्यकता होती है। इसको नियंत्रित रखने के लिए खाने में ऊपर से नमक लेने से परहेज करें। साथ ही सोडियम युक्त वस्तुओं से भी परहेज करें जैसे कि अचार, पापड़, प्रोसेस्ड फूड (रेडी टू ईट भोजन, ब्रेकफास्ट सीरियल, चीज, कैन्ड फल और सब्जियां, बेकरी प्रोडक्ट, बीकन, सॉसेज, सलामी, जैम, जेली, केक, पेस्ट्री आदि) और सभी तरह के जंक फूड। इन खाद्य पदार्थों की जगह घर पर बनने वाले स्वच्छ, ताजे और हेल्दी भोजन का सेवन करें।

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लिवर सिरोसिस में खाएं हाई प्रोटीन डाइट - High Protein Diet for Liver Cirrhosis in Hindi

लिवर सिरोसिस की बीमारी के दौरान भूख न लगने और कुपोषण के कारण शरीर में मांसपेशियां कम होने लगती हैं, साथ ही प्रोटीन की कमी भी हो जाती है। यदि आपकी मेडिकल रिपोर्ट में इन समस्याओं का पता चलता है तो अपने आहार विशेषज्ञ से विचार विमर्श करके अपने हर भोजन में एक प्रोटीन वाली चीज को अवश्य शामिल करें। प्रोटीन से भरपूर भोजन का सेवन करने के लिए आप चाहें तो अपनी डाइट में चिकन, अंडा, दूध, दही, घर पर बना पनीर, बादाम, अखरोट, दालें, फलियां और सोया युक्त भोजन आदि का नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं।

लिवर सिरोसिस में हड्डियों को मजबूत बनाने वाली डाइट लें - Diet for Healthy Bones during Liver Cirrhosis in Hindi

लिवर सिरोसिस के दौरान हड्डियों का पतला होना और कमजोर होना (ऑस्टियोपीनिया और ऑस्टियोपोरोसिस) काफी ज्यादा देखा जाता है और इस कारण से हड्डियों के टूटने के आसार बढ़ जाते हैं। ऐसे में कैल्शियम और विटामिन डी युक्त डाइट लेना आवश्यक होता है। लिहाजा कैल्शियम के लिए डाइट में दूध, दही, छाछ, रागी, अंडा, संतरा, पत्तागोभी आदि को शामिल करें और विटामिन डी के लिए, कॉड लिवर ऑयल, फैटी मछलियां, मशरूम आदि का सेवन करें। इसके साथ ही रोजाना 15 से 20 मिनट के लिए धूप में बैठने की आदत डालें। इसके अलावा हर 2 साल में एक बार बोन स्कैन यानि डेक्सा स्कैन कराएं, ऐसा करके आप गंभीर समस्या से खुद को बचा पाएंगे।

लिवर सिरोसिस डाइट में फैट का प्रयोग करें कम - Reduce Fat intake during Liver Cirrhosis in Hindi

इस दौरान खाने में कम वसा (फैट) का सेवन करें। ज्यादा वसा फैटी लिवर को बढ़ा सकती है, जो कि आपकी स्थिति को और खराब कर सकती है। इस कारण से अपने रोज के आहार में वसा का कम से कम प्रयोग करें और अपनी डाइट से मटन, बीफ, पोर्क, बटर, चीज, तली हुई चीजें जैसे कि समोसा, कचौड़ी, फ्रेंच फ्राइज, बर्गर, पिज्जा आदि को पूरी तरह से बाहर कर दें। रोज के भोजन को पकाने के लिए जैतून का तेल, सरसों का तेल, तिल का तेल आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।

(और पढ़ें - फैटी लिवर के लिए क्या करें)

लिवर सिरोसिस में कौन से फल खाएं - Fruits for Liver Cirrhosis Patients in Hindi

लिवर सिरोसिस की बीमारी के दौरान, हमारे शरीर को बहुत सारे एंटीऑक्सिडेंट और माइक्रोन्यूट्रिएंट (सूक्ष्म पोषक तत्व) की आवश्यकता होती है। ऐसे में फल आपके लिए काफी लाभदायक साबित हो सकते हैं। लिहाजा जरूरी है कि आप अच्छी मात्रा में फलों का सेवन करें। इसके लिए आप ताजे और मौसम के अनुरूप फलों का सेवन करें जैसे कि सेब, संतरा, पपीता, मौसंबी, चीकू, खरबूजा, तरबूज आदि को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं और बेहतर होगा कि फलों का जूस पीने की जगह आप साबूत फलों का सेवन करें।

लिवर सिरोसिस में कौन सी सब्जियां खाएं - Vegetables for Liver Cirrhosis Patients in Hindi

इस बीमारी के दौरान शरीर में कुछ विटामिन और खनिज तत्वों की कमी हो जाती है जैसे कि विटामिन ए, डी, ई, के, फोलिक एसिड, जिंक, कैल्शियम आदि। सब्जियां इन पोषक तत्वों का काफी अच्छा स्त्रोत होती हैं। लिहाजा अपनी रोज की डाइट में रंग-बिरंगी सब्जियां शामिल करें जैसे कि गाजर, चुकंदर, कद्दू, मशरूम, मेथी, भिंडी, पालक, चौलाई, बीन्स, गोभी आदि।

  • शराब का सेवन लिवर की स्थिति को काफी हद तक बिगाड़ देता है लिहाजा शराब या जिन पेय पदार्थों में शराब का इस्तेमाल होता हो उनका सेवन न करें।
  • प्रिजर्वेटिव्स युक्त खाद्य पदार्थों में सोडियम काफी ज्यादा मात्रा में होता है। ऐसे में सॉस, केचअप, अचार, जैम, जेली, प्यूरी, पैकेट वाले जूस, कैंड खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करें।
  • सुबह खाली पेट - गुनगुना नींबू पानी (1 गिलास)
  • सुबह का नाश्ता - गेहूं का दलिया (1 कटोरी), लो फैट मिल्क+पपीता (1 कटोरी) 
  • मध्य आहार - छाछ (1 गिलास) / मौसमी फल (150 ग्राम)
  • दोपहर का खाना -  चपाती (2) / चावल (1 कटोरी)+तुअर दाल (1 कटोरी)+आलू-लौकी की सब्जी (1 कटोरी)+सलाद (1 प्लेट) 
  • शाम की चाय - हल्दी की चाय (1 कप)+बादाम (5) 
  • रात का खाना - वेजिटेबल खिचड़ी (2 कटोरी), (चावल-दाल)+दही (1 कटोरी) 
  • सोते समय - लो फैट मिल्क (1 गिलास)
Dt. Vinkaljit Kaur

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संदर्भ

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