आयुर्वेद में घुटनों में दर्द को जानू शूल भी कहा जाता है। किसी बीमारी, चोट या अत्यधिक व्यायाम के कारण घुटनों में दर्द हो सकता है। शुरुआत में घुटनों में दर्द के कारण थोड़ा असहज महसूस होता है लेकिन अगर इसे नज़रअंदाज कर दिया जाए तो ये किसी गंभीर समस्या का रूप ले सकता है। घुटनों में दर्द का सबसे सामान्य कारण साइटिका और आर्थराइटिस है।
घुटनों में दर्द के कारण के आधार पर आयुर्वेदिक उपचार जैसे कि निदान परिवर्जन (बीमारी के कारण को दूर करना), रक्तमोक्षण (खून निकालने की विधि), स्वेदन (पसीना निकालने की विधि), विरेचन (दस्त की विधि), बस्ती (एनिमा ), लेप (प्रभावित हिस्से पर औषधियां लगाना) और अग्नि कर्म (प्रभावित हिस्से को गर्म करना) की सलाह दी जाती है।
घुटनों में दर्द के इलाज में उपयोगी जड़ी बूटियों और औषधियों में अश्वगंधा, अदरक, गुग्गुल, गुडूची, अरंडी, योगराज गुग्गुल, चंद्रप्रभा वटी एवं कैशोर गुग्गुल शामिल हैं।