आमतौर पर किडनी स्टोन का साइज 5 एमएम से शुरू होता है, जिसे मूत्र मार्ग से आसानी से निकाला जा सकता है। इस प्रक्रिया में दर्द भी नहीं होता या फिर बहुत कम दर्द होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि किडनी में अमूमन बड़े साइज के स्टोन कम ही होते हैं।
यह कहना मुश्किल है कि किडनी में पथरी होने से किसी मरीज मृत्यु हो सकती है या नहीं। हालांकि कुछ मामलों में ऐसा देखा जाता है कि किडनी में पथरी होने की वजह से मरीज की मृत्यु हो गई है। उदाहरण के तौर पर इसे यूं समझा जा सकता है कि किडनी में पथरी होने की वजह से मूत्रमार्ग ब्लाक हो गया है जिससे इंफेक्शन फैल गया है और बैक्टीरिया शरीर से बाहर नहीं जा पा रहा। जाहिर है ऐसी स्थिति में अगर मरीज का जल्द से जल्द इलाज न किया गया और सेप्टिक को खत्म न किया गया तो मरीज की हालत गंभीर हो सकती है। यहां तक कि उसकी मृत्यु तक हो सकती है। लेकिन अगर मरीज की किडनी में पथरी छोटी है तो यह गंभर विषय नहीं है। उसका आसानी से इलाज किया जा सकता है।
आमतौर पर किडनी में पथरी के कारण कोई अन्य रोग नहीं होता। हां, किडनी में पथरी की वजह से मूत्र मार्ग के कई हिस्सों में समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। इसका सही समय पर इलाज किया जाना जरूरी होता है।
किडनी से दो नलियां निकलती हैं, एक राइट यूरेटर और एक लेफ्ट यूरेटर। आमतौर पर स्टोन किडनी में ही बनता है। लेकिन जब स्टोन किडनी से खिसकर यूरेटर में आ जाता है तो वह यूरेट्रिक स्टोन हो जाता है। किडनी से जो स्टोन यूरेटर की ओर खिसकती हैं, उनका साइज अमूमन 3 से 6 मिमी. तक ही होता है। यूरेटर स्टोन होने की स्थिति में मरीज में उल्टी, घबराहट, पेशाब रुक-रुक कर आना, पेशाब में जलन होना और कई बार पेशाब के साथ-साथ खून निकलना, जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यह किसी विशेष आयु वर्ग को प्रभावित नहीं करता अपितु किसी को भी हो सकता है।
बच्चों में पथरी के लक्षणों को जानने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि उन्हें पथरी जैसी गंभीर समस्या क्यों और किस वजह से होती है। जैसा कि आप जानते ही हैं कि यूरिन में कैल्शियम, ओक्सेलेट और फासफोरस की मात्रा बढ़ने की वजह से किडनी में स्टोन होता है। अमूमन यह तीनों मिनरल यूरिन में पाए जाते हैं, जो सामान्य तौर पर कोई समस्या पैदा नहीं करते। लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते है, जिनका जरूरत से ज्यादा सेवन करने से बच्चों में किडनी स्टोन की समस्या हो जाती है। इसके होने की आशंका तब और भी ज्यादा बढ़ जाती है जब बच्चा लंबे समय तक हिलता-डुलता नहीं है। आमतौर पर ऐसी स्थिति सर्जरी के बाद ही आती है। इस वजह से किडनी स्टोन होने की आशंका में और ज्यादा बढ़ोत्तरी हो जाती है। दरअसल जब बच्चे एक ही जगह बैठै रहते हैं तो उनकी हड्डियां अतिरिक्त कैल्शियम को रक्त में स्रावित करती है।
बच्चों में किडनी स्टोन होने के निम्न लक्षण हैं-
बच्चों में किडनी स्टोन का दर्द कम समय, लंबे समय तक रह सकता है। कई बार तो दर्द आता-जाता रहता है। ऐसी स्थिति में दर्द के साथ-साथ बच्चों में और भी कुछ लक्षण दिखते हैं जैसे-
यह सच है कि एक बार स्टोन बनने के बाद दोबारा स्टोन बनने की आशंका 50 फीसदी तक बढ़ जाती है, वह भी महज 5 सालों में। हालांकि जीवनशैली और खानपान को संतुलित रखते हुए इसकी आशंकाओं में कमी लाई जा सकती है। लेकिन अब तक ऐसी कोई तरकीब विकसित नहीं की गई है जिसके जरिए स्टोन को दोबारा होने से सौ फीसदी तक रोका जा सके।
यूं तो पथरी का इलाज समय रहते किया जाना जरूरी है वरना इसके घातक परिणाम मरीज को झेलने पड़ते हैं। लेकिन ऐसे मामले भी देखने को मिले हैं जिसमें मरीज को लंबे समय तक यह नहीं पता चला कि उसकी किडनी में स्टोन है। वह सामान्य जिंदगी यापन कर रहा है। ऐसी स्थिति में अगर मरीज को बाद में किडनी में स्टोन होने का पता चलता है तो भी वह अपनी जिंदगी को सामान्य बनाए रख सकता है बशर्ते उसे किसी तरह की समस्या न हो। बेहतर होगा अगर ऐसा किसी के साथ हो तो वह डाक्टर से परामर्श कर लें।
जो लोग बहुत ज्यादा विटामिन सी के सप्लीमेंट लेते हैं, उन्हें किडनी स्टोन होने की आशंका बहुत ज्यादा होती है। ऐसा संभवतः इस वजह से होता है क्योंकि हमारा शरीर विटामिन सी को ओक्सेलेट में बदल देता है।
आप इस तरह परेशान न हों, क्योंकि आपका किडनी स्टोन साइज में बहुत छोटा है। आपका स्टोन दवाओं की मदद से ठीक हो सकता है। लेकिन इसके साथ ही आपकी डाइट भी बहुत मायने रखती है। 8 हफ्तों तक आप खूब पानी पिएं, नॅान-वेज न खाएं, हल्के आहार लें। टमाटर, अचार, रेड मीट, शराब, ब्रेड, कैंडी, चॅाकलेट और चीनी इन दिनों न खाएं। इसके साथ ही वसायुक्त आहार जैसे डेयर उत्पाद भी न खाएं। आप चाहें तो लो फैट दूध, बटर ले सकते हैं, लेकिन कभी-कभी। जहां तक दवाओं की बात है तो जाहिर है आपके डाक्टर ने आपको उपयुक्त दवाएं दी होंगी, जो आपके लिए फायदेमंद होंगी।
जी, नहीं। आप 32 mm यानी 3.2 cm का स्टोन दवा के जरिए नहीं निकाल सकतीं। यह बहुत बड़ा है। इसके लिए आपको सर्जरी करवानी पड़ेगी। लेकिन अगर आप खुद से दवा लेना चाहती हैं, तो यह आपकी अपनी मर्जी होगी। मैं आपको यही सलाह दूंगा कि आप डाक्टर से मिलें, अपनी सिचुएशन बताएं और उनके कहे अनुसार ही करें।
7.4 mm साइज का स्टोन दवाई के जरिए निकाला जा सकता है। इसके बावजूद अगर आपको बार-बार यही लक्षण दिखाई दे, जिसका आप जिक्र कर रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आप डाक्टर से चैकअप करवा लें। स्टोन की पॅाजिशन देखकर वे आपको सही मेडिकल ट्रीटमेंट दे पाएंगे।
आमतौर पर इतना छोटा स्टोन बिना किसी दवा के ही निकल जाता है। आप अच्छी मात्रा में पानी पिएं और तरल पदार्थ का सेवन बढ़ा दें।
दवा के जरिए इतना बड़ा स्टोन नहीं निकल सकता। आपको सर्जरी करवानी ही होगी। हालांकि अब शरीर में बिना किसी कट लगाए भी स्टोन को बाहर निकाला जा सकता है। ऐसा endoscopically होता है। इसके तहत स्कोप और लेजर का यूज किया जाता है।
आपके पिता की किडनी में मौजूद स्टोन का साइज बहुत बड़ा है। उसे दवा के जरिए निकाला जाना मुश्किल है। ऐसे में उनकी सर्जरी ही करनी पड़ेगी। लेकिन जैसा कि आप बता रही हैं कि वह हार्ट पेशंट हैं, ऐसे में उन्हें सर्जरी के पहले डाक्टर से मिलकर अपने स्वास्थ्य की पूरी डिटेलिंग देनी होगी। उनके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है कि उनकी सर्जरी हो सकती है या नहीं।
पहली बात तो यह है कि अगर आपको लेफ्ट और राइट दोनों किडनी में स्टोन है, तो डाक्टर से इस संबंध मिलें और अपना प्रॅापर इलाज कराएं। अगर जरूरी हुआ, तो वह आपको दवा भी देंगे। हां, इस बीच आप इसी तरह खूब पानी पीती रहें। ज्यादा मात्रा में पानी पीने से किडनी का स्टोन अकसर पेशाब के जरिए निकल जाता है।
क्या आपने स्टोन होने के बाद कभी यह जानना चाहा कि पानी के जरिए आपका स्टोन निकल रहा है या नहीं? देखिए एक साल बाद आपका स्टोन निकला नहीं होगा, तो निश्चित रूप से उसका साइज बढ़ गया होगा। हो सकता है कि इसी वजह से आपको पिछली रात दर्द उठा हो। बेहतर है आप एक बार अल्ट्रासाउंड करवाएं और अपने स्टोन के साइज का पता लगाएं। इसके लिए यूरोलॅाजिस्ट से संपर्क करें। इसके बाद जो भी ट्रीटमेंट जरूरी होगा, डाक्टर वही देंगे। इस बीच आप पानी अच्छी खासी मात्रा में पिएं। इसमें कमी न करें।
किडनी स्टोन होने के बाद तब तक दर्द नहीं होता, जब तक स्टोन किडनी से यूरेटर की ओर खिसकता नहीं है। इस दौरान आपको कुछ इस तरह के लक्षण दिखते हैं-
आमतौर पर 7 mm से कम स्टोन को बाहर निकालने के लिए किसी तरह की सर्जरी की जरूरत नहीं होती। ऐसे में काफी ज्यादा पानी पीना ही लाभकारी होता है। लेकिन आपका स्टोन 9.8 mm का है। इस लिहाज से आपको सर्जरी करवानी पड़ेगी। इस बीच आप टमाटर, बंदगोभी जैसी सब्जियां न खाएं। यूरोलॅाजिस्ट से मिलकर अपना ट्रीटमेंट करवाएं।
देखिए आपके पिता की किडनी में जो स्टोन है, उसका साइज बहुत बड़ा है। उन्हें तुरंत सर्जरी करवाने की जरूरत है। जहां तक बात उनकी बीपी और शुगर की है, इसे दवाओं के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए आप ज्यादा परेशान न हों। डाक्टर आपके पिता की स्थिति को ध्यान में रखकर ही उनकी सर्जरी करेंगे।
देखिए हर ट्रीटमेंट मरीज की स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करता है। आपके पति का स्टोन कहां है और उसका किस तरह उपचार किया जाएगा, यह देखकर ही पता चलेगा। जहां तक सामान्य ट्रीटमेंट की बात है, मेरे ख्याल से आप जानना चाह रही हैं कि क्या काफी ज्यादा मात्रा में पानी पीने से स्टोन निकल सकता है या नहीं? आमतौर पर 7 mm से कम के स्टोन पानी पीकर यूरिन के जरिए निकल जाते हैं। लेकिन अगर आपके पति को बार-बार परेशानी हो रही हो यानी दर्द हो रहा है, तो सिचुएशन यानी उनके हेल्थ को देखकर ही उनका इलाज किया जा सकेगा।
आपने यहां न तो अपने स्टोन का साइज बताया और न ही यह बताया की स्टोन किडनी के किस जगह स्थित है, लेफ्ट या राइट साइड में। 7 mm से कम साइज के स्टोन को दवाई की मदद से निकाला जा सकता है। इस बीच आप गर्भधारण भी कर सकती हैं। लेकिन आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप पहले अपने स्टोन का इलाज करा लें, इसके बाद प्रेगनेंसी के बारे में सोचें। इस बीच पानी ज्यादा मात्रा में पिएं और यूरोलॅाजिस्ट को दिखाने में देरी न करें।
मैं समझ सकता हूं कि आप स्टोन की वजह से किस हद तक परेशान होंगी। इस तरह परेशान होने के बजाय अगली बार जब आपको स्टोन हो, तो कोशिश करें कि यूरिन रेग्युलर एक कंटेनर में पास करें ताकि स्टोन को कलेक्ट कर सकें। इसके बाद इस स्टोन को टेस्ट के लिए डाक्टर को दें। इससे बार-बार हो रहे किडनी में स्टोन की वजह का पता चलेगा। इस बीच आप अच्छी खासी मात्रा में पानी पीती रहें और खानपान में तरल पदार्थ को शामिल करें। अगर दर्द हो, तो डाक्टर से पूछकर पेन किलर और एंटीबायोटिक लें।
आप बिना देर किए यूरोलॅाजिस्ट के पास जाएं। आपको सबसे पहले Plain CT KUB करना होगा। अगर जरूरी हुआ तो लेजर के जरिए एंडोस्कोपिक सर्जरी करनी होगी।