पथरी बनने के दौरान गुर्दे में कठोर खनिज जमा हो जाते हैं जिनसे पथरी का निर्माण होता है और मूत्र त्याग करते वक़्त ये असहनीय दर्द का कारण बनते हैं।  एक अध्ययन के अनुसार 12 प्रतिशत तक अमेरिकी ,गुर्दे की पथरी से प्रभावित हैं। एक बार गुर्दे की पथरी होने के कारण अगले 10 वर्षों के भीतर दूसरी पथरी होने की संभावना 50 प्रतिशत अधिक होती है।

अगर पहले से परिवार में कोई गुर्दे की पथरी से प्रभावित है तो इसे रोकना थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन जीवनशैली मे बदलाव कर के जोखिम को कम किया जा सकता है ।  

इन उपायों के द्वारा गुर्दे की पथरी को प्राकृतिक रूप से रोका जा सकता है । अपने वर्तमान भोजन और उससे मिलने वाले पोषण पदार्थों को ध्यान में रख कर और सावधानी अपना कर गुर्दे की पथरी या किडनी स्टोन को रोका जा सकता है ।   

किडनी स्टोन को रोकने के निम्न लिखित उपाय-

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  1. बहुत सारा पानी पियें
  2. कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ अधिक खाएं
  3. नमक का सेवन कम करें
  4. ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थ कम खाएं
  5. पशु प्रोटीन कम खाएं
  6. विटामिन सी लेने से बचें
  7. हर्बल चीजों का उपयोग करें
  8. वर्तमान की दवाइयों पर भी ध्यान दें
  9. गुर्दे की पथरी को रोकने की दवाइयाँ लें
  10. सारांश

अधिक पानी पीना गुर्दे की पथरी को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो कम मूत्र उत्पादन कम होता है और कम मूत्र उत्पादन का मतलब है कि मूत्र अधिक गाढ़ा है और मूत्र में पथरी पैदा करने वाले लवणों के घुलने की संभावना कम है। इस लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से गुर्दे की पथरी को रोकने में मदद मिल सकती है ।  नींबू पानी और संतरे का जूस भी अच्छे विकल्प हैं। इन दोनों में साइट्रेट होता है, जो पथरी को बनने से रोक सकता है।

प्रतिदिन लगभग आठ गिलास या दो लीटर पानी पीने की कोशिश करें । अगर आपके मूत्र का रंग गहरा पीला या नारंगी जैसा है तो शरीर में पानी की कमी है और पानी पीने की जरूरत है ।  

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किडनी स्टोन का सबसे आम प्रकार कैल्शियम स्टोन है, जिससे कई लोगों का मानना है कि उन्हें कैल्शियम खाने से बचना चाहिए। लेकिन सच ये है कि कम कैल्शियम वाला भोजन गुर्दे की पथरी और ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को बढ़ा सकता है। हाँ आप बाहर से कैल्शियम की गोलियां लेकर उसका सेवन न करें लेकिन भोजन के रूप में ज्यादा से ज्यादा कैल्शियम लेने की कोशिश करें । कम वसा वाला दूध, कम वसा वाला पनीर, और कम वसा वाला दही सभी अच्छे कैल्शियम युक्त भोजन विकल्प हैं।

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अधिक नमक वाले आहार से किडनी स्टोन का खतरा बढ़ जाता है। यूरोलॉजी केयर फाउंडेशन के अनुसार, मूत्र में बहुत अधिक नमक कैल्शियम को मूत्र से रक्त में पुनः अवशोषित होने से रोकता है। इससे मूत्र में कैल्शियम की मात्रा अधिक हो जाती है, जिससे किडनी में पथरी हो सकती है। कम नमक खाने से मूत्र में कैल्शियम का स्तर कम रहता है और मूत्र में कैल्शियम जितना कम होगा, गुर्दे की पथरी होने का खतरा उतना ही कम होगा। इस लिए चिप्स और क्रैकर , डिब्बाबंद सूप , डिब्बाबंद सब्जियों , ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें मोनोसोडियम ग्लूटामेट होता है , ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें सोडियम नाइट्रेट होता है और बेकिंग सोडा वाला भोजन न खाएँ ।  

यूट्रस में होने वाले इंफेक्शन , असामान्य डिस्चार्ज , मूत्र मार्ग में होने वाली जलन को माई उपचार द्वारा निर्मित पुष्यानुग चूर्ण से ठीक करे। 

 

कुछ गुर्दे की पथरी ऑक्सालेट से बनी होती है, जो खाद्य पदार्थों में पाया जाने वाला एक प्राकृतिक यौगिक है जो मूत्र में कैल्शियम के साथ मिलकर गुर्दे की पथरी बनाता है। ऑक्सालेट युक्त खाद्य पदार्थों को सीमित करने से पथरी को बनने से रोकने में मदद मिल सकती है। पालक ,चॉकलेट ,मीठे आलू ,कॉफी ,बीट ,  मूंगफली आदि में ऑक्सालेट पाया जाता है ।  ऐसे भोजन की मात्रा को सीमित करें । 

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पशु प्रोटीन में उपस्थित खाद्य पदार्थ अम्लीय होते हैं और मूत्र में एसिड बढ़ा सकते हैं और मूत्र में बहुत ज्यादा एसिड होने से गुर्दे की पथरी हो सकती है । इसलिए किसी भी प्रकार के मांस , मुर्गी , मछली आदि का सेवन करने से बचें। 

विटामिन सी लेने से गुर्दे की पथरी हो सकती है, खासकर पुरुषों में। 2013 के एक अध्ययन के अनुसार, जिन पुरुषों ने विटामिन सी का सेवन किया, उनमें गुर्दे की पथरी बनने का खतरा दोगुना हो गया। 

 

चंका पिएड्रा, जिसे "स्टोन ब्रेकर" के रूप में भी जाना जाता है, गुर्दे की पथरी के लिए एक लोकप्रिय हर्बल उपचार है। ऐसा माना जाता है कि यह जड़ी-बूटी कैल्शियम-ऑक्सालेट पत्थरों को बनने से रोकने में मदद करती है। ऐसा माना जाता है कि इससे मौजूदा पत्थरों का आकार भी कम हो जाता है। कई बार गुर्दे की पथरी को बनने से रोकने के लिए अपने आहार विकल्पों को बदलना पर्याप्त नहीं होता । यदि आपको बार-बार पथरी होती है, तो अपने डॉक्टर से बात करें और सही उपचार पता करें । 

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कई बार अन्य बीमारियों के लिए ली जाने वाली दवाओं से भी गुर्दे की पथरी हो सकती है।

जैसे सर्दी खांसी की दवा , 'स्टेरॉयड , कीमोथेरेपी दवाएं आदि । जितनी अधिक देर तक ये दवाएं लेंगे, गुर्दे की पथरी का खतरा उतना ही अधिक होगा। यदि आप इनमें से कोई भी दवा ले रहे हैं, तो अन्य दवा विकल्पों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। 

 

पथरी को रोकने के लिए आज कल बाजार में बहुत सारे अच्छे विकल्प उपलब्ध हैं ।  यदि आप गुर्दे की पथरी से ग्रस्त हैं, तो कुछ दवाएं आपके मूत्र में मौजूद उस सामग्री की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। 

जैसे यदि आपको कैल्शियम की पथरी हो जाती है, तो थियाजाइड मूत्रवर्धक या फॉस्फेट फायदेमंद हो सकता है।

यदि  यूरिक एसिड की पथरी हो जाती है, तो एलोप्यूरिनॉल (ज़ाइलोप्रिम) आपके रक्त या मूत्र में यूरिक एसिड को कम करने में मदद कर सकता है।

यदि स्ट्रूवाइट पथरी हो जाती है, तो आपके मूत्र में मौजूद बैक्टीरिया की मात्रा को कम करने में मदद के लिए दीर्घकालिक एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जा सकता है

यदि सिस्टीन पथरी हो जाती है, तो कैपोटेन (कैप्टोप्रिल) आपके मूत्र में सिस्टीन के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। 

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गुर्दे की पथरी होना आज कल बहुत आम बात है । अपनी जीवनशैली को बदल कर आप इसे रोक सकते है या जोखिमों को कम कर सकते हैं । गुर्दे की पथरी को रोकने के लिए आपका सबसे अच्छा विकल्प हाइड्रेटेड रहना और आहार में कुछ बदलाव करना है।

सूजन , आंत के रोग, लगातार मूत्र पथ संक्रमण, या मोटापा, गुर्दे की पथरी होने की आशंका को बढ़ा देता है इसलिए इस बारे में दवा शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर बात करें ।  

 
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