मेटास्टेटिक किडनी कैंसर के लिए अग्रिम श्रेणी के एक नए वैकल्पिक उपचार को विकसित किए जाने का दावा किया गया है। इस ट्रीटमेंट से जुड़े अध्ययन को यूरोपियन सोसायटी फॉर मेडिकल ऑन्कोलॉजी के इस वर्ष के सालाना सम्मेलन में पेश किया जा चुका है। इससे जुड़े वैज्ञानिकों के मुताबिक, मेटास्टेटिक किडनी कैंसर का यह नया फर्स्ट-लाइन ट्रीटमेंट मोनोथेरेपी से जुड़े दो ड्रग्स को मिश्रित करके तैयार किया गया है। इन दोनों दवाओं के नाम नीवोलुमैब और कैबोजैनटिनिब है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ट्रायल में इस ड्रग कॉम्बिनेशन ने स्यूनिटिनिब (एक मॉलिक्यूल अवरोधक) से बेहतर परिणाम दिए हैं।(और पढ़ें - कैंसर को ठीक होने वाली बीमारी बना सकती है यह नई खोज, जानें इसके बारे में)
वैज्ञानिकों के मुताबिक, अध्ययन में 50 प्रतिशत से ज्यादा प्रतिभागी मरीजों को इस ड्रग्स के विपरीत प्रभावों के चलते कैबोजैनटिनिब का डोज कम करने की जरूरत पड़ी थी। लेकिन पूरे ट्रायल के दौरान केवल तीन प्रतिशत मरीजों को ही यह ड्रग कॉम्बिनेशन दिया जाना बंद करना पड़ा। वहीं, इसकी तुलना में स्यूनिटिब अवरोधक लेने वाले नौ प्रतिशत मरीजों का इलाज विपरीत प्रभावों के चलते रोक दिया गया। कुल मिलाकर अध्ययन में मेटास्टेटिक किडनी कैंसर के खिलाफ सिंगल ड्रग्स की अपेक्षा ड्रग कॉम्बिनेशन थेरेपी के ज्यादा फायदेमंद होने की पुष्टि हुई है।
ट्रायल में मिले परिणामों पर वैज्ञानिकों ने कहा है, 'आंकड़ों की दृष्टि से कॉम्बिनेशन थेरेपी से मिले परिणाम काफी महत्वपूर्ण हैं और नैदानिक रूप से (क्लिनिकली) विचारपूर्ण हैं। इसके इस्तेमाल से बीमारी बढ़ने या मौत होने का खतरा लगभग 50 प्रतिशत तक कम हुआ है, मृत्यु दर 40 प्रतिशत कम हुई है और (बीमारी के खिलाफ) रेस्पॉन्स रेट दोगुना देखा गया है। लिहाजा यह (मेटास्टेटिक किडनी कैंसर) का एक महत्वपूर्ण ट्रीटमेंट ऑप्शन बनेगा। अन्य कॉम्बिनेशन ट्रीटमेंट से इसकी तुलना मुश्किल होगी।'
हालांकि वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि इस नए वैकल्पित उपचार के प्रभावों को सही मायने में जानने के लिए दीर्घकालिक आंकड़ों की जरूरत होगी। ताजा अध्ययन की अवधि डेढ़ साल के आसपास है। ऐसे में अध्ययन से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है, '18 महीनों का फॉलोअप काफी छोटा है। सवाल यह है कि क्या ट्रीटमेंट से मिलने वाले रेस्पॉन्स लंबे समय तक कायम रहते हैं और मरीजों की हालत में किसी समय सुधार होता है या नहीं।' उन्होंने आगे कहा, 'ज्यादा लंबे अध्ययनों से यह समझने में मदद मिलेगी कि कैबोजेनटिनिब और नीवोलुमैब का मिश्रण नॉन-क्लियर कार्सिनोमा सेल पर प्रभावी है या नहीं।'
क्या हैं नीवोलुमैब और कैबोजैनटिनिब?
नीवोलुमैब को बाजार में ऑपडीवो ब्रैंड से बेचा जाता है। यह दावा कई प्रकार के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाती है। इनमें लंग कैंसर, रेनल सेल कार्सिनोमा, हेड एंड नेक कैंसर, कोलन कैंसर और लिवर कैंसर जैसी मेडिकल कंडीशन शामिल हैं। जानकारों के मुताबिक, लिक्विड के रूप में नीवोलुमैब को नसों के जरिये मरीजों को दिया जाता है। माना जाता है कि नीवोलुमैब के इस्तेमाल से कैंसर पीड़ितों के जीवित रहने की दर में सुधार होता है। वहीं, कैबोजेनिटिनिब थायराइड कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, बाजार में कैबोमिटाइक्स नाम से बिकने वाली यह दवा रेनल सेल कार्सिनोमा के इलाज में भी बतौर दूसरी श्रेणी के उपचार के रूप में इस्तेमाल की जाती है।
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