गले की खराश या फेरिनजाइटिस के दौरान गले में दर्द या थोड़ी इर्रिटेशन हो सकती है. कई बार ऐसा महसूस होता है कि गले में कुछ फंसा हुआ है. कुछ निगलते हैं, तो यह खराश और गंभीर हो जाती है व दर्द भी होने लगता है. यह कॉमन-कोल्ड या फ्लू होने का एक लक्षण भी हो सकता है. गले की खराश का कारण धूम्रपान या एयर पॉल्यूशन और एसिड रिफ्लक्स भी हो सकते हैं.

वैसे तो ये लक्षण कुछ दिन में अपने आप ही ठीक हो जाते हैं. अगर अधिक दर्द हो रहा है, तो कुछ घरेलू उपचार जैसे नमक के पानी के गरारे करना भी मदद कर सकते हैं. गले की खराश के लिए एडविल व सुडाफेड जैसी दवा भी फायदेमंद हो सकती हैं.

आज इस लेख में गले की खराश के लिए दवाइयों और उनके बारे में जानेंगे -

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  1. गले की खराश में फायदेमंद दवाएं
  2. सारांश
गले की खराश के लिए दवाइयां के डॉक्टर

गले की खराश एलर्जी और जुकाम जैसी स्थितियों के कारण हो सकती है. इस कारण निगलने में परेशानी, दर्द महसूस होता है. यहां हम गले की खराश के लिए टेबलेट व दवा के बारे में बता रहे हैं -

टाइलेनॉल

अगर बुखार या कॉमन-कोल्ड होने की वजह से गले में खराश हुई है और इसकी वजह से गले में काफी दर्द हो, तो पेन-रिलीवर जैसे टाइलेनॉल या एसिटामिनोफेन का सेवन आराम दे सकता है. एसिटामिनोफेन एक पेन रिलीवर है और इससे बुखार भी कम होता है.

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नॉन-स्टेरॉइडल व एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रग

एडविल, इबुप्रोफेन, एस्पिरिन और एलेव जैसी एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवाइयां गले की खराश को ठीक करने में आराम देती हैं. हालांकि, एस्पिरिन जैसी दवाएं बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं होती. इससे बच्चे बीमार हो सकते हैं और रेय सिंड्रोम का खतरा बढ़ सकता है.

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पेनिसिलिन वी

पेनिसिलिन वी का सेवन डॉक्टर की राय लेने के बाद ही करना चाहिए. यह दवा 500mg के टेबलेट में उपलब्ध होती है और इसका दिन में दो से तीन बार सेवन कर सकते हैं. यह गले को खराब करने वाले बैक्टीरिया को मारती है. इसके भी कुछ साइड-इफेक्ट्स हैं, जैसे- पेट खराब होना, डायरिया, उल्टियां आना और जी मिचलाना.

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डेकोंगेस्टेंट

कई बार गले में बलगम फंसने की वजह से भी खराश हो जाती है. इस प्रकार की दवाइयां गले से बलगम को साफ करने में मदद करती हैं. ये दवाइयां ओरल दवाई जैसे सुडाफेड और नेसल स्प्रे जैसे अफरीन आदि के रूप में उपलब्ध होती हैं. अफरीन का प्रयोग तीन दिन से अधिक समय के लिए प्रयोग नहीं करना चाहिए.

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कफ सप्रेसेंट

डेलसिम जैसे कफ सप्रेसेंट खांसी को ठीक करने में मदद कर सकते हैं. वहीं, मुसिनेक्स जैसी दवाइयां बलगम को पतला करने में मदद करती हैं, जिससे खांसी कुछ हद तक ठीक हो सकती है.

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एमोक्सिसिलिन

यह एक एंटीबायोटिक है और इसका सेवन डॉक्टर द्वारा सुझाए जाने पर ही करना चाहिए. इसके 500 ग्राम के कैप्सूल आते हैं और हर 12 घंटे में एक कैप्सूल का सेवन करना चाहिए. यह दवा गले में इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारती है. डायरिया, जी मिचलाना और उल्टियां आना जैसे इसके कुछ साइड-इफेक्ट्स हैं.

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सफड्रोक्सील

सेफाड्रोक्सिल के 1000mg के कैप्सूल आते हैं. इसका सेवन एक दिन में एक बार ही करना चाहिए. उल्टियां आना और जी मिचलाना इस दवा के कुछ साइड-इफेक्ट्स भी हैं. इसलिए, अपने डॉक्टर से पूछ कर ही इसका सेवन करें.

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बेयर

बेयर 325mg और 650mg के टेबलेट में मिलती है. एक गोली का सेवन 4 घंटे के अंतराल में करना चाहिए. यह दवा गले के दर्द को ठीक करने में और बुखार से निजात दिलाने में फायदेमंद है. इसके कुछ साइड-इफेक्ट्स भी हैं, जैसे- पेट खराब होना, पेट में छाले होना.

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सेपाकोल

सेपाकोल दवा हल्की गले की खराश के इलाज के लिए प्रयोग की जाती है. साथ ही इसका उपयोग खांसी के इलाज में भी किया जाता है. इसमें मौजूद मेंथाल से गले में ठंडक मिलती है.

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गले की खराश इंफेक्शन, एलर्जी, कॉमन-कोल्ड या फ्लू के कारण हो सकती है. इससे गले में दर्द, ड्राइनेस, इरिटेशन महसूस होती है. कुछ टेबलेट या दवा गले की खराश के लिए फायदेमंद हैं. वैसे गले का दर्द या खराश कुछ दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाते हैं. अगर यह लक्षण एक हफ्ते के बाद भी ठीक नहीं होते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. इसके अलावा, कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से जरूर बात करें.

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