गले में खराश से छुटकारा पाने के लिए आप लहसुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। लहसुन में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जिसमें एलिसिन, ऑर्गेनिक सल्फर यौगिक पाया जाता है और यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। नियमित रूप से लहसुन का उपयोग करने से कोल्ड वायरस को रोकने में मदद मिलती है। दादी, नानी के घरेलू नुस्खों में गले की खराश को दूर करने के लिए लहसुन शामिल होता था। क्योंकि लहसुन को कई तरह के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। लहसुन के सेवन के बाद, मुंह की गंध (एंजाइमों) से बचने और अपनी सांस को बेहतर बनाने के लिए आप दांतों को ब्रश कर सकते हैं।
अपनी समस्याओं को ठीक करने के लिए आप मुलेठी का इस्तेमाल कर सकते हैं। मुलेठी की जड़ को लंबे समय से गले में खराश के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। मुलेठी में एंटीऑक्सीडेंट, रोगाणुरोधी, जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण होते हैं जो सांस की बीमारियों और बलगम का कारण बनने वाले रोगाणुओं से लड़ते हैं। हाल ही के शोध में पाया गया है कि मुलेठी की जड़ को पानी में घोलकर, इस पानी को पीने से गले की खराश दूर को जल्दी से ठीक किया जा सकता है। गले में जलन को शांत करने के लिए मुलेठी कैंडीज को चूस भी सकते हैं। हालांकि, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इस उपाय का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
गले में खराश होने की वजह से आपको नाक बंद और छींके आने जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। सेब के सिरके को कई प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल उपयोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है, जो संक्रमण से लड़ने में अपना प्रभाव दिखाता है। अपनी अम्लीय प्रकृति के कारण यह गले में बलगम को पतला करने और बैक्टीरिया को फैलने से रोकने में मदद कर सकता है। आप गले में खराश महसूस करते हैं, तो एक कप पानी में सेब के सिरके के 1 से 2 बड़े चम्मच मिलाएं, अब इस मिश्रण को पतला करके इसकी एक छोटी घूंट लेकर गरारे करें। आप इस प्रक्रिया को प्रति घंटे एक से दो बार करें और गरारे करने वाले सत्रों के बीच बहुत सारा पानी पिएं।
जब आपके गले में खराश होती है, तो आपको इस तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इनसे बचने के लिए आप कैमोमाइल चाय का इस्तेमाल करें। कैमोमाइल चाय एक प्राकृति औषधि है जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और कसैला जैसे गुण पाए जाते हैं। लंबे समय से इसका इस्तेमाल दर्द और सूजन को कम करने के लिए किया जाता रहा है जैसे कि गले में खराश होना। यह गले में खराश के संक्रमण से लड़ने के लिए आपके इम्यून सिस्टम को भी उत्तेजित करता है। कैमोमाइल से भाप में सांस लेने से ठंड के लक्षणों और गले में खराश से राहत मिल सकती है और कैमोमाइल चाय पीने से भी इसी तरह के लाभ मिलते हैं।
इसके लिए आप पुदीने का इस्तेमाल कर सकते हैं। पुदीना सांसों में ताजगी के लिए जाना जाता है। पुदीने में एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो ठीक होने की प्रक्रिया को बढ़ाते हैं। पुदीने के तेल वाला स्प्रे भी गले की खराश से राहत दिला सकता है। पुदीने में मेन्थॉल होता है, जो बलगम को पतला करने, गले में खराश को शांत करने और खांसी को दूर करने में मदद करता है। आप हमेशा एसेंशिअल ऑयल का उपयोग वाहक तेल जैसे कि जैतून का तेल, मीठे बादाम का तेल, या नरम नारियल तेल के साथ मिलाकर ही करें, सीधे किसी एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल न करें। इसका इस्तेमाल करने के लिए आप पुदीने के तेल की 5 बूंदों को अपनी पसंद के किसी भी वाहक तेल की एक औंस के साथ मिलाएं और इस मिश्रण से कुल्ला करें। ध्यान रहे, आप कभी भी एसेंशियल ऑयल को निगलें नहीं।
गले की खराश को ठीक करने के लिए घरेलू किफायती तरीकों में से एक नमक के पानी का गरारा है। और जल्दी प्रभाव पाने के लिए आप इसमें बेकिंग सोडा को भी शामिल कर सकते हैं। इसके लिए आप एक कप गर्म पानी लें, इसमें ¼ छोटी चम्मच बेकिंग सोडा और ⅛ छोटी चम्मच नमक मिलाएं और इस पानी से गरारे करें। इसे आप हर 3 घंटे में एक बार अपनी जरूरत के हिसाब से करें। इस मिश्रण से गरारे करने से गले के बैक्टेरिया मर जाते हैं और यह यीस्ट व फंगी इंफेक्शन को भी रोकता है।
गले की खराश को ठीक करने के लिए कई तरह के घरेलू उपाय हैं। आप मेथी का इस्तेमाल कर सकती हैं। मेथी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं और इसे कई तरह से लिया जा सकता है जैसे मेथी के बीज खा सकते हैं, इसके सामयिक तेल का उपयोग कर सकते हैं या मेथी की चाय बनाकर भी पी सकते हैं। मेथी की चाय गले में खराश के लिए एक प्राकृतिक उपचार है। मेथी दर्द को कम कर सकती है। इसी के साथ यह जलन या सूजन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को भी मार सकती है। मेथी एक प्रभावी ऐंटीफंगल भी है लेकिन गर्भवती महिलाओं को मेथी से परहेज करना चाहिए।