इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक (जठरांत्र पथ) के फंक्शन को प्रभावित करने वाला एक मुख्य कारण है। जिन लोगों को आईबीएस की समस्या होती है, उनमें से कुछ लोगों को दस्त लग जाते हैं। क्योंकि उनकी आंत की प्रक्रिया सामान्य से अधिक तेज हो जाती है। जबकि दूसरी तरफ आईबीएस के अन्य लक्षणों में कब्ज शामिल है, जिसमें आंत्र प्रक्रिया की गति सामान्य से अधिक धीमी हो जाती है। इसलिए आईबीएस के कारण कुछ लोगों का वजन घट सकता है, तो कुछ लोगों में वजन बढ़ भी जाता है। आईबीएस के कारण कुछ लोगों को पेट में ऐंठन और दर्द जैसी समस्याएं होती हैं, जिसकी वजह से वह कम कैलोरीज वाला खाना खाते हैं, जबकि दूसरे लोग उन खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं, जिसमें जरूरत से ज्यादा कैलोरीज होती हैं।
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की वजह से आपको कोलाइटिस या कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं नहीं होती हैं, लेकिन अगर आप इसे अनुपचारित छोड़ देते हैं, तो आपमें आईबीएस के लक्षण बने रहेंगे, जिसकी वजह से आपको अक्सर दर्द और बेचैनी होगी। शरीर में कोलोन या बड़ी आंत लगभग 5 सेंटी मीटर लंबी है जो आईबीएस की वजह से सामान्य से अधिक संवेदनशील और अलग प्रतिक्रिया कर सकती है। इसलिए आपको इसे अनुपचारित नहीं छोड़ना चाहिए। गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट से मिलें और ट्रीटमेंट शुरू कर दें।
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या के साथ सबसे अधिक दिखाई देने वाले लक्षणों में दस्त और कब्ज शामिल हैं। हालांकि, इस समस्या से जूझ रहे अधिकतर लोगों को जी मितली भी हो सकती है। जी मितली की वजह से कभी-कभी उल्टी आने जैसा भी महसूस होता है।
जी हां, ऐसा हो सकता है। कुछ बीमारियां जैसे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम, ट्यूबरकुलोसिस (टीबी), लिवर से जुड़ी समस्या और डायबिटीज की वजह से महिलाओं को पीरियड्स मिस होना और अनियमित होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के कारण पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं और साथ ही पेट में दर्द व ऐंठन जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। आप गयनेकोलॉजिस्ट की सलाह से ही दवा लें।
जिन लोगों को इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या होती है, कभी-कभी वह पीठ में नीचे की तरफ दर्द की शिकायत करते हैं, जो कि आईबीएस के लक्षणों में से एक नहीं है। यह दर्द उन्हें अक्सर रात के समय होता है, जो आंतों से उठता है और यह सामान्य तौर पर कब्ज, पेट में गैस और फूले हुए पेट की वजह से होता है। इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के साथ होने वाले दर्द का इलाज सभी लोगों में अलग-अलग हो सकता है। आप गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजिस्ट से सलाह लें। कब्ज और पेट में गैस से आराम पाने के लिए दवा की मदद ली जा सकती जो पीठ दर्द को भी कम कर सकता है।
अधिकतर लोगों को इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या लंबे समय तक रहती है जिसके लक्षण बढ़ और घट सकते हैं। इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम की वजह से कोलाइटिस, क्रोन रोग (क्रोन रोग एक दीर्घकालिक स्थिति है, जिससे शरीर के पाचन तंत्र की परत में सूजन व लालिमा पैदा हो जाती है। जिससे डायरिया (दस्त) और पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं होने लगती हैं) या आंत में कैंसर जैसी समस्याएं नहीं हो सकती हैं। इसका इलाज थोड़ा दर्दनाक भी हो सकता है। आप सामान्य चिकित्सक की सलाह से इसके लिए ट्रीटमेंट ले सकते हैं।
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) एक आम विकार है, जो बड़ी आंत (कोलन) को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर पेट में ऐंठन, दर्द, सूजन, गैस, दस्त और कब्ज का कारण बनता है। जब यह समस्या गंभीर होती है, तो आपको लगातार दस्त लग सकते हैं और मल के साथ खून आ सकता है। इस स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम आंतों को प्रभावित करने वाला रोग है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए एंटीबायोटिक से आपको अपनी डाइट और जीवनशैली में भी कुछ बदलाव करने होंगे जैसे वसा युक्त पदार्थ, दूध से बने कुछ पदार्थ, शराब, तीखे पदार्थ, ऑयली भोजन, स्मोकिंग, कैफीन, बंदगोभी और फली जैसी सब्जियां जो पेट में गैस बना सकती है के सेवन से बचें, ये आपके लक्षणों को और बढ़ा सकते हैं। इसकी जगह आप साबुत अनाज से बने पदार्थ, प्याज, ब्रोकली, लहसुन, सोयाबीन, दही, पनीर, सेब, तरबूज व शहद का सेवन करें। चिंता और तनाव जैसी स्थितयों से दूर रहें और अच्छी नींद लें। रोजाना 20 से 30 मिनट की दौड़ या वॉक वाली एक्सरसाइज करें। अगर इन सभी के बाद भी लक्षणों में सुधार नहीं होता है, तो गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट से सलाह लें।
आपको इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम है और लगातार दस्त हो रहे हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए। क्योंकि इसकी वजह से आप डिहाइड्रेट भी हो सकते हैं। यह समस्या आपको खराब डाइट प्लान की वजह हो सकती है। इससे छुटकारा पाने के लिए आप अपनी जीवनशैली और डाइट प्लान में कुछ बदलाव करें जैसे भोजन को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में 5 से 6 भागों में बांटकर खाएं। मसालेदार भोजन, तेल से बनी चीजें और जिन खाद्य पदार्थ से आपको बेचैनी महसूस होती है उन्हें न खाएं। शराब और स्मोकिंग को छोड़ दें। यह आपके लक्षणों को और बढ़ा सकते हैं। अगर इन उपायों से आराम नहीं मिलता है, तो डॉक्टर से मिलें।