इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज, जो कि पाचन तंत्र में होने वाली सूजन से जुड़ी एक बड़ी समस्या है। कई अध्ययनों के जरिए वैज्ञानिकों ने इस बीमारी की गंभीरता के बारे में बताया है। वहीं, ताजा रिसर्च के तहत शोधकर्ताओं ने इस बीमारी से संबंधित एक बड़ी आशंका की ओर इशारा किया है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (आईबीडी) से पीड़ित लोग अकाल मृत्यु के जोखिम में हैं यानी स्वस्थ लोगों के मुकाबले उनके जल्दी मरने की आशंका है। चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़ी पत्रिका "कनाडाई मेडिकल एसोसिएशन जर्नल" में प्रकाशित अध्ययन के जरिए शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है।
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लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़ी, फिर भी बड़ा अंतर
कनाडा के द हॉस्पिटल फॉर सिक चिल्ड्रन में शोधकर्ता एरिक बेंचिमल के मुताबिक "यह अच्छी खबर है कि आईबीडी से पीड़ित लोगों की जीवन प्रत्याशा यानी लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़ी है, लेकिन स्वस्थ लोगों से आईबीडी पीड़ित लोगों की तुलना करने पर अब भी एक अंतर दिखाई देता है। चूंकि आईबीडी से बीमार लोग दर्द से पीड़ित होते हैं, जिससे दैनिक कामकाज नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकते हैं।"
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रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं ने साल 1996 में आईबीडी से पीड़ित 32,818 लोगों के आंकड़ों को अपनी रिसर्च में शामिल किया और 163,284 स्वस्थ लोगों के साथ इनका तुलनात्मक अध्ययन किया गया। इसके बाद साल 2011 में आईबीडी से पीड़ित 83,672 और बिना आईबीडी वाले 4,18,360 लोगों के आंकड़ों का आकलन किया गया और यह दिनों स्टडी कनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित की गईं।
इस आंकलन से पता चला कि साल 1996 में आईबीडी पीड़ित महिलाओं में जीवन प्रत्याशा 75.5 वर्ष थी जो कि साल 2011 में बढ़कर 78.4 वर्ष हो गई। मतलब इतने सालों में लाइफ एक्सपेक्टेंसी में लगभग तीन साल का इजाफा हो गया। निष्कर्षों से पता चला है कि 1996 और 2011 के बीच आईबीडी से पीड़ित पुरुषों की जीवन प्रत्याशा में 3.2 वर्ष (72.2 वर्ष से 75.5 वर्ष) की वृद्धि हुई। हालांकि, बिना आईबीडी वाले लोगों से तुलना के बाद आईबीडी से ग्रसित लोगों की जीवन प्रत्याशा लगातार कम थी। बिना आईबीडी वाली महिलाओं के मुकाबले आईबीडी से पीड़ित महिलाएं 6.6 से 8.1 वर्ष तक कम जीवित रहती हैं। इसी तरह आईबीडी से पीड़ित पुरुष भी स्वस्थ पुरुषों के मुकाबले पांच से 6.1 साल कम जीवित रहते हैं।
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आईबीडी के साथ जीवन की गुणवता भी प्रभावित
वहीं जब स्वास्थ्य-समायोजित जीवन प्रत्याशा (हेल्थ एडजेस्टेड लाइफ एक्सपेक्टेंसी) को मापा गया कि स्वास्थ्य-संबंधी संकेत और कामकाज आखिर कैसे जीवन प्रत्याशा और जीवन की गुणवता दोनों को प्रभावित करते हैं तो पता चला कि आईबीडी के साथ और बिना आईबीडी वाले लोगों के बीच अधिक अंतर था। बिना आईबीडी के मुकाबले आईबीडी वाली महिलाओं में स्वास्थ्य-समायोजित जीवन प्रत्याशा 9.5 से 13.5 साल कम पायी गई। इसी तरह पुरुषों में यह 2.6 से 6.7 वर्ष कम मिली। शोधकर्ताओं का कहना है "आईबीडी वाले मरीजों को अक्सर आंत के अलावा अन्य अंगों में भी सूजन हो सकती है। साथ ही उनमें कैंसर, हृदय रोग, गठिया और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी देखने को मिल सकती हैं।"
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