बांझपन की वजह से लोगों का तनाव का शिकार होना आम है. ठीक इसी तरह तनाव की वजह से बांझपन की समस्या हो सकती है. पर्याप्त नींद न लेना, सही डाइट न लेना, व एक्सरसाइज न करना आदि तनाव के कारण हैं, जिससे बांझपन की समस्या हो सकती है. इसके इलाज के तौर पर पार्टनर से बातचीत करना, रिलैक्सेशन थेरेपी, सेक्शुअल स्ट्रेस के साथ डील करना मददगार हो सकता है.

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आज इस लेख में आप बांझपन और तनाव के कारण और इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. क्या तनाव बांझपन का कारण बनता है?
  2. बांझपन और तनाव के कारण
  3. बांझपन और तनाव का इलाज
  4. सारांश
  5. तनाव से महिला बांझपन और इलाज के डॉक्टर

यह कहना सही नहीं होगा कि सिर्फ तनाव के चलते बांझपन की समस्या होती है. हां, यह जरूर कहा जा सकता है कि तनाव किसी भी महिला के गर्भवती होने की क्षमता को कम कर सकता है. शोध से पता चला है कि अवसाद से ग्रस्त महिलाओं में बांझपन होने की आशंका दोगुनी होती है. इन विट्रो फर्टिलाइजेशन से गुजरने वाली महिलाओं पर किए गए अध्ययनों से पता चला है कि तनाव गर्भावस्था की दर को कम कर सकता है.

तनाव कई अनहेल्दी कारणों की वजह से होता है, जो फर्टिलिटी को विपरीत तरीके से प्रभावित करता है. इसमें पर्याप्त नींद न लेना, सही डाइट का सेवन न करना, शराब पीना आदि शामिल है. आइए, तनाव के कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

  1. शराब का सेवन
  2. सेक्शुअल स्ट्रेस
  3. धूम्रपान
  4. कैफीन का सेवन
  5. एक्सरसाइज
  6. मोटापा
  7. सही डाइट न लेना
  8. पर्याप्त नींद न लेना

शराब का सेवन

तनाव का शिकार होकर कुछ लोग शराब पीने लगते हैं, जो सही नहीं है. कई शोध कहते हैं कि शराब चाहे जितनी भी मात्रा में ली जाए, यह प्रेगनेंसी के लिए 100 प्रतिशत सुरक्षित नहीं है.

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सेक्शुअल स्ट्रेस

सेक्स तनाव को कम करने का अच्छा तरीका है, लेकिन जब बार-बार प्रेगनेंसी की कोशिश की जा रही हो, तो उस समय सेक्स को शेड्यूल करना भी तनाव भरा काम हो सकता है, जो फर्टिलिटी को निगेटिव तरीके से प्रभावित करता है.

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धूम्रपान

स्मोकिंग को ब्लॉक हुए फेलोपियन ट्यूब के बढ़ते जोखिम से जोड़कर देखा जाता है. यह सर्विकल कैंसर के जोखिम को बढ़ाने के साथ ही ओवरीज में एग को भी डैमेज करता है, जो मिसकैरेज के जोखिम को बढ़ा देता है. कई लोग ऐसा सोचते हैं कि स्मोकिंग तनाव को कम करता है, लेकिन यह बांझपन को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाता है. 

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कैफीन का सेवन

एक कप कॉफी तनाव को छूमंतर करने में मदद करती है, लेकिन कम लोग ही यह जानते हैं कि ज्यादा कॉफी फर्टिलिटी को प्रभावित करती है. शोध के अनुसार, बहुत ज्यादा कॉफी शरीर पर नकारात्मक असर डालती है, खासकर तब जब कोई महिला फर्टिलिटी संबंधी परेशानियों से जूझ रही हो.

एक्सरसाइज

सही मात्रा में एक्सरसाइज तनाव को कम करके हेल्दी बॉडी का कारण बनता है. न तो ज्यादा एक्सरसाइज करना अच्छा है और न ही कम करना. शोध के अनुसार, जो महिलाएं हर सप्ताह 4 घंटे या इससे अधिक एक्सरसाइज करती हैं, उनकी फर्टिलिटी का स्तर उन महिलाओं की तुलना में सही रहता है, जो एक्सरसाइज बिल्कुल नहीं करती हैं.

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मोटापा

शोध बताते हैं कि महिलाओं में मोटापा और बांझपन का आपस में संबंध है. अगर किसी महिला में मोटापा थोड़ा भी ज्यादा है, तो यह उसकी फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकता है.

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सही डाइट न लेना

जब लोग तनाव में होते हैं, तो वे हेल्दी खाना कम ही खाते हैं. कुछ लोगों की भूख गायब हो जाती है, तो कुछ को अनहेल्दी खाने से ही तनाव दूर भागता नजर आता है.

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पर्याप्त नींद न लेना

काम के चक्कर में पर्याप्त और गहरी नींद न लेना न सिर्फ शरीर को बल्कि फर्टिलिटी क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है. शोध के अनुसार, जो लोग रोज रात 5 घंटे से कम की नींद लेते हैं, उन्हें न सिर्फ मोटापा होने की आशंका रहती है, बल्कि प्रेगनेंसी संबंधी समस्याएं और मिसकैरेज का जोखिम भी बढ़ जाता है.

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बांझपन और तनाव का इलाज उसके कारणों पर निर्भर करता है, जिसमें नींद की आदतों में सुधार, एक्सरसाइज करना, कैफीन से दूरी बनाना और शराब को छोड़ना शामिल है. आइए विस्तार से बांझपन और तनाव के इलाज के बारे में जानते हैं -

  1. रिलैक्सेशन थेरेपी
  2. सेक्स
  3. शराब व धूम्रपान से दूरी
  4. कैफीन से दूरी
  5. एक्सरसाइज
  6. सही डाइट
  7. नींद में सुधार

रिलैक्सेशन थेरेपी

रिलैक्सेशन थेरेपी तनाव को दूर करने के लिए जरूरी है. इसके लिए एक्सपर्ट की मदद ली जा सकती है. इस तरह से हेल्दी लाइफस्टाइल पाने में भी सहायता मिलती है, जो अंततः रिप्रोडक्टिव हेल्थ और फर्टिलिटी को प्रभावित करता है. इसमें डीप ब्रीदिंग व मेडिटेशन आदि किया जा सकता है.

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सेक्स

फर्टिलिटी चांसेस को बढ़ाने के लिए नियत समय पर सेक्स करना सही है, लेकिन तभी जब इससे तनाव न हो रहा हो. इसे सेक्शुअल स्ट्रेस कहा जाता है, जो महिला और पुरुष दोनों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, बेहतर तो यह होगा कि हफ्ते में दो-तीन बार बिना किसी अतिरिक्त दबाव के सेक्स करने का लक्ष्य बनाना चाहिए.

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शराब व धूम्रपान से दूरी

शराब और धूम्रपान से बांझपन व तनाव को बढ़ावा मिलता है. इसीलिए, इन दोनों से दूरी बनाना ही बेहतर है.

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कैफीन से दूरी

कैफीन का सेवन रोजाना कितना करना है और नहीं करना है, इस बारे में डॉक्टर से राय लेनी चाहिए. सीमित मात्रा से ज्यादा कैफीन का सेवन प्राकृतिक तौर से होने वाली फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकता है.

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एक्सरसाइज

तनाव को दूर भगाने का एक बढ़िया तरीका एक्सरसाइज करना है, लेकिन इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि ज्यादा एक्सरसाइज न करके सही मात्रा में करनी चाहिए.

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सही डाइट

किसी भी तरह की डाइटिंग या डाइट प्लान से दूरी बनाना जरूरी है. साबुत अनाज, खूब सारी सब्जियांफल, हेल्दी फैट और प्रोटीन वाली संतुलित डाइट तनाव और बांझपन को दूर करने में मदद कर सकती है.

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नींद में सुधार

नींद की आदतों में सुधार लाने के लिए रोजाना सोने का टाइम फिक्स करने से मदद मिल सकती है. यही नहीं, सोने के ठीक पहले डिवाइस से दूरी बनाना और एक कप हर्बल चाय पीने से गहरी नींद आने में मदद मिल सकती है. 

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बांझपन और तनाव दोनों एक दूसरे के पूरक हैं. तनाव बांझपन का कारण बन सकता है और बांझपन तनाव का. बांझपन और तनाव के कारणों में सही डाइट न लेना, पर्याप्त नींद न लेना, सही मात्रा में एक्सरसाइज न करना, स्मोकिंग व अल्कोहल शामिल है. इसके इलाज के तौर पर सही डाइट का सेवन, बिना अतिरिक्त दबाव के सेक्स करना, रिलैक्सेशन थेरेपी, अल्कोहल और स्मोकिंग से दूरी बनाकर रखना शामिल है. अगर फिर भी समस्या ठीक न हो, तो डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए.

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