कोलेस्ट्रॉल लेवल के हाई होने पर किसी तरह के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। वजन बढ़ना इसका एक लक्षण हो सकता है लेकिन इस एक लक्षण से है कोलेस्ट्रॉल की पुष्टि नहीं की जा सकती है। कोलेस्ट्रॉल लेवल को मापने के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट किया जाता है। आपके लक्षण थायराइड से मिलते-जुलते हैं इसलिए आप अपना थायराइड प्रोफाइल टेस्ट करवा लें।
रिपोर्ट के मुताबिक आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल नॉर्मल रेंज से थोड़ा सा ज्यादा है लेकिन अभी इसे कंट्रोल किया जा सकता है। अभी इसके लिए दवा लेने की बजाए दूसरे तरीकों को अपनाना चाहिए जैसे डाइट में बदलाव और कार्डिओ वर्कआउट कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं। इसी के साथ 30 मिनट की एक्सरसाइज जैसे सुबह और शाम जिम जाएं, जॉगिंग करें और स्विमिंग करें। आप स्मोकिंग, शराब, उच्च कैलोरी युक्त पदार्थ, वसा युक्त भोजन, जंक फूड, अत्यधिक नॉन-वेज फूड और अंडे का पीला हिस्सा खाने से बचें। इन सभी से कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। इन सब बातों को फॉलो करने के बाद अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करवा लें, अगर इससे भी कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम नहीं होता है तो डॉक्टर की सलाह से दवा लें।
जी हां, आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल नॉर्मल रेंज से हल्का ऊपर ही है लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है।अभी इसके लिए दवा लेने की बजाए दूसरे तरीकों को अपनाएं जैसे डाइट में बदलाव और कार्डिओ वर्कआउट। स्मोकिंग बिलकुल न करें। अगर आप कोलेस्ट्रोल कंट्रोल होने के बाद डाइट, एक्सरसाइज पर ध्यान नहीं देते हैं और बहुत ज्यादा स्मोकिंग करना शुरू कर देते हैं तो आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल फिर से बढ़ सकता है। अभी आप डाइट और एक्सरसाइज से भी अपनी स्थिति को कंट्रोल कर सकते हैं।
जब कोलस्ट्रोल से संबंधित एथेरोस्केलेरोसिस के कारण ह्रदय या मस्तिष्क की धमनियां सिकुड़ने लगती हैं, तभी शरीर में हाई कोलेस्ट्रोल के कोई लक्षण दिखने शुरू होते हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल में चक्कर आने और कमजोरी महसूस होने की समस्या नहीं होती है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए आप टैबलेट Atorvastatin ले सकते हैं। इसी के साथ आप बाहर का खाना, पैकेट बंद फूड, जंक फूड, फैटी चीजें, मीठा आदि खाना बंद कर दें। हाई कोलेस्ट्रॉल में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।
हाई कोलेस्ट्रॉल की प्रॉब्लम के लिए आप कार्डियोलोजिस्ट को दिखाएं।
हाई कोलेस्ट्रॉल अनुवांशिक हो सकता है। इस स्थिति को फैमिलियर हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिआ (एचएफ) कहते हैं।
हाई कोलेस्ट्रोल में खून में कोलेस्ट्रोल के बहुत ज्यादा परिसंचरण के कारण स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमता है, जहां यह शरीर (मस्तिष्क भी शामिल है) में पोषण युक्त खून और ऑक्सीजन के स्राव को धीमा या ब्लॉक कर देता है। धमनियों के सिकुड़ने या सख्त होने पर खून के थक्के जमने लगते हैं और मस्तष्कि में ब्लॉकेज होने की वजह से स्ट्रोक पड़ सकता है।